Real Time Flood Forecasting

बुधवार को उत्तराखंड आपदा प्रबंधन और सिंचाई अनुसंधान संस्थान रुड़की के बीच एक एमओयू साइन किया गया जिसमें आईआरआई रुड़की उत्तराखंड आपदा प्रबंधन के लिए प्रदेश में मौजूद सभी बड़ी नदियों में रियल टाइम माउंटिंग (Flood Forecasting and warning) के लिए ऑटोमेटिक सिस्टम लगाएंगे।

Real Time Flood Forecasting & Early Warning System

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         (विज्ञापन – राष्ट्रीय स्वाथ्य मिशन)
बुधवार शाम सचिवालय में उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग और सिंचाई अनुसंधान संस्थान रुड़की की केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे हैं नेशनल हाइड्रोलॉजी प्रोजेक्ट के तहत एक महत्वपूर्ण बैठक की गई तो वही इस बैठक के बाद उत्तराखंड आपदा प्रबंधन और सिंचाई अनुसंधान और रुड़की के मध्य जल संसाधन संबंधी आंकड़े साझा करने के लिए एक MOU साइन किया गया। 
Real Time Flood Forecast
आपको बता दें कि जल संसाधन नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रायोजित राष्ट्रीय जल विज्ञान परियोजना (NPH) का राज्य में सिंचाई अनुसंधान रुड़की के द्वारा क्रियान्यवन किया जा रहा है। इसी के अंतर्गत उत्तराखंड राज्य में रियल टाइम फ्लड फोरकास्टिंग एंड अर्ली वार्निंग सिस्टम डिवेलप किया जाना है। इसी संबंध में जानकारियां और सूचनाओं और डेटा आदान-प्रदान के लिए उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और सिंचाई अनुसंधान रुड़की के बीच बुधवार शाम एक करार साझा किया गया।
Real Time Flood Forecast
सचिवालय में हुई इस बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत सिन्हा ने जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र द्वारा चल रहे हाइड्रोलॉजी प्रोजेक्ट के तहत नदियों में AWLR सेंसर लगाए जा रहे हैं जो कि नदियों के जलस्तर को मॉनिटर करते हैं। उन्होंने बताया कि नदियों में लगाया जा रहे इन सभी सेंसर को एक सिस्टम के तहत सीधा आपदा कंट्रोल रूम से इंटीग्रेट  किया जा रहा है। आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने बताया कि नदियों में लगाए जा रहे इंटीग्रेटेड सिस्टम को लगाने से फायदा यह होगा कि नदियों के जलस्तर का रियल टाइम डाटा आधा प्रबंधन विभाग को मिल पाएगा जोकि प्रदेश में आपदा प्रबंधन और आपदा के समय नदियों के जल स्तर के प्रबंधन और अलर्ट जारी करने में मदद मिलेगी। 
Real Time Flood Forecast
आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि इससे पहले के चरण में सभी नदियों से मैनुअल सेंसर को हटाकर ऑटोमेटिक सेंसर में लगा दिए गए हैं और अब इन सिस्टम को इंटीग्रेट किया जा रहा है। मैंने बताया कि केंद्रीय हाइड्रोलॉजी प्रोडक्ट के तहत जितने भी ऑटोमेटिक सेंसर लग रहे हैं उन्हें साथ ही साथ आपदा प्रबंधन विभाग के सिस्टम के साथ इंटीग्रेट किया जा रहा है। इसके अलावा प्रदेश में मौजूद सभी डैम में भी ऑटोमेटिक सेंसर लगाए जा रहे हैं उन्हें भी इसी सिस्टम के साथ इंटीग्रेट किया जाएगा। 

बांध या नदियों में जलस्तर बढ़ने पर एटोमेटिक सायरन बजने लगेगा

Real Time Flood Forecast
आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने बताया कि अब आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा योजना बनाई जा रही है कि सभी दान और नदियों के डाउनस्ट्रीम में इस तरह के तकनीक को इजाद किया जा रहा है कि नाम या फिर नदी में जलस्तर बढ़ने पर उसके डाउनस्ट्रीम में ऑटोमेटिक सायरन सिस्टम एक्टिवेट हो जाए ताकि मैनुअली उन जगहों पर अलर्ट जारी करने में देरी ना हो बल्कि जल स्तर बढ़ने पर खुद ही सायरन एक्टिवेट हो जाए और इससे जल्द से जल्द डाउनस्ट्रीम में लोगों तक अलर्ट पहुंचे उन्होंने बताया कि नदियों में लगाए जा रहे यह इंटीग्रेटेड ऑटोमेटिक सेंसर आपदा प्रबंधन विभाग के डीएसएस सिस्टम से भी कनेक्ट किए जाएंगे ताकि एक ही प्लेटफार्म पर सभी सूचनाएं प्राप्त हो सके और प्रदेश में आपदा की परिस्थितियों से निपटने के लिए आसानी हो पाए।

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