इंटरनेशनल डिजास्टर सोसायटी राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और उत्तराखंड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (International Disaster Management Summit) परिषद (यूकॉस्ट) एक साथ मिलकर 28 नवंबर से 1 दिसंबर के बीच एक साथ मिलकर इस कांफ्रेंस का आयोजन करेंगे। जिसमें दुनिया के 100 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे |
International Disaster Management Summit
उत्तराखंड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद ( यूकॉस्ट )
के महानिदेशक डॉ दुर्गेश पंत ने इस मंथन की जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जून महीने में कांफ्रेंस का पोस्टर जारी किया था, इसमें दुनिया के सबसे ज्यादा देशों के प्रतिनिधि छात्र वैज्ञानिक शामिल होंगे। आपको बता दें कि यह कोशिश कॉन्फ्रेंस का वैज्ञानिक और तकनीकी संचालक है।
कांफ्रेंस से पहले होगी प्री कांफ्रेंस | International Disaster Management Summit
यूकॉस्ट के महानिदेशंक डॉ दुर्गेश पंत ने आगे बताया की कांफ्रेंस से पहले देश भर में अलग अलग राज्य में प्री कॉन्फ्रेंसिंग कराई जाएगी, जिसके चलते देहरादून में 4 अगस्त को पहले फ्री कॉन्फ्रेंस कराई जाएगी। जिसके बाद नॉर्थ ईस्ट राज्यों में प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। कांफ्रेंस का मुख्य विषय बताते हुए डॉ दुर्गेश पंत ने बताया की कांफ्रेंस का मुख्य विषय स्ट्रेथनिंग क्लाइमेट एक्शन एंड डिजास्टर रिसाइलेंस है। इस कांफ्रेंस के जरिए अलग–अलग राज्यों और देशों में अपनाई जा रही तकनीकों से आपदा प्रबंधन का कार्य आसान होगा।
उत्तराखंड के लिए बेहद विशेष है यह कांफ्रेंस | International Disaster Management Summit
आपदा की दृष्टिकोण से उत्तराखंड हमेशा ही संवेदनशील राज्य रहा है। जहां मॉनसून के दस्तक देते ही भूस्खलन, बदल फटना, जल प्रलय, पहाड़ गिरना आदि जैसे आपदाएं आए दिन आती रहती है, जिनसे निपटने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। आपदा प्रबंधन पर होने वाली छठी वर्ल्ड कान्फ्रेस में विश्व भर के विशेषज्ञ और पर्वतीय क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन पर कार्य कर रहे लोग भाग लेंगे।
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