सोमवार को उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ की नवगठित कार्यकारिणी की अपनी पहली बैठक वर्चुअल तरीके से की। इस बैठक में प्रदेश के राजकीय विश्विद्यालयों और महाविद्यालयों से जुड़े कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई।
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ऑनलाइन माध्यम से सम्पन्न हुई उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ की नवगठित कार्यकारिणी की पहली बैठक की अध्यक्षता, संगठन के अध्यक्ष कुलदीप सिंह द्वारा की गई। तो वही इस बैठक में सबसे पहले राज्य के विश्वविद्यालयों में रिक्त चल रहे हजार से अधिक पदों पर गहरी चिन्ता व्यक्त करते हुए सरकार से मांग की गई कि इन पदों पर शीघ्र से शीघ्र नियुक्ति कर विश्वविद्यालयों की व्यवस्थाओं को सुचारू किया जाए। बैठक की जानकारी देते हुए संगठन के अध्यक्ष कुलदीप सिंह और महामंत्री लक्ष्मण सिंह रौतेला ने बताया कि आज आहूत बैठक में प्रमुखतः राज्य विश्वविद्यालयों में रिक्त चल रहे पदों पर भारी रोष व्यक्त किया गया।
कहां है विश्वविद्यालयों में रिक्त पद
- वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली औद्यानिक एवं वानिकी विश्वविद्यालय में 279,
- आयुर्वेद विश्वविद्यालय में 72,
- चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय देहरादून में 64 पद,
- दून विश्वविद्यालय में 65,
- तकनीकी विश्वविद्यालय में 19,
- संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार में 8 पद,
- मुक्त विश्वविद्यालय हल्द्वानी में 20,
- गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर में लगभग 550 पद,
- कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल में 35
- सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा में लगभग 45 कर्मचारियों के पद रिक्त चल रहे हैं।
कर्मचारी संगठन का कहना है कि वर्तमान में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा पूरे प्रदेश भर में रिक्त चल रहे राजकीय पदों पर नियुक्तियों को शीर्ष वरीयता दी जा रही है, वहीं विश्वविद्यालयों में नियुक्ति हेतु कोई भी कार्यवाही सम्पादित नहीं की जा रही है और एक लम्बे अरसे से इन पदों पर कोई भी नियुक्ति न होने से राज्य विश्वविद्यालयों के दैनिक कार्य अत्यधिक बाधित हो रहे हैं एवं कार्यरत कार्मिकों पर अत्यधिक कार्यभार है। उन्होंने बताया कि आज कार्यकारिणी द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार संगठन के प्रतिनिधि जल्द ही माननीय मुख्यमंत्री के साथ ही सचिव कार्मिक एवं सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति को पत्र भेजने के साथ ही सभी से मुलाकात भी करेंगे एवं रिक्त इन पदों पर जल्द से जल्द नियुक्ति करने एवं विश्वविद्यालयों में कार्यरत संविदा एवं उपनल कर्मियों को इस नियुक्ति प्रक्रिया में सर्वोच्च वरीयता देने हेतु अधिमान अंक दिये जाने का भी अनुरोध शासन, प्रशासन से किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त सभी विश्वविद्यालयों में नियुक्त कर्मचारियों की पदोन्नति के प्रकरण भी लम्बे समय से लम्बित चल रहे हैं जिस पर स्टाफिंग पैटर्न आदि की व्यवस्था लागू करने हेतु भी कार्यवाही संगठन द्वारा सम्पादित की जाएगी। और कोई भी कार्रवाई ना होने की दशा में संगठन आगे की रणनीति तय करेगा।
संगठन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष दीपक सुन्द्रियाल एवं संयुक्त मंत्री प्रशान्त मेहता ने बताया कि संगठन की मजबूती हेतु आयुर्वेद विश्वविद्यालय शिक्षणेत्तर संघ एवं वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली औद्यानिक एवं वानिकी विश्वविद्यालय शिक्षणेत्तर संघ का गठन भी जल्दी ही किया जाएगा जिस हेतु संगठन मंत्री धन सिंह नेगी एवं राहुत तिवारी को महासंघ द्वारा पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। उन्होंने जानकारी दी कि संगठन के मुखपत्र के ऑनलाइन प्रकाशन को भी आज की बैठक में अनुमोदित किया गया जिस हेतु उत्तराखण्ड भाषा संस्थान के सदस्य मोहन सिंह रावत को सम्पादक नियुक्त किया गया। आज आयोजित हुई इस बैठक में संगठन के उपाध्यक्ष गढ़वाल विश्वविद्यालय के राकेश कोठारी, मुक्त विश्वविद्यालय के भारत नैनवाल, कोषाध्यक्ष सोबन सिंह जीन विश्वविद्यालय के देवेन्द्र पोखरिया, संगठन मंत्री भरसार विश्वविद्यालय के धन सिंह नेगी, सम्प्रेक्षक गुरूकुल विश्वविद्यालय के प्रकाश तिवारी, प्रदेश प्रवक्ता चन्द्र सिंह बगियाल, कनिष्ठ उपाध्यक्ष भरसार विश्वविद्यालय के सुरेन्द्र सिंह, सह कोषाध्यक्ष आयुर्वेद विश्वविद्यालय के अनिल बेलवाल सहित धीरज ठाकुर, विशेष आमंत्रित सदस्य आयुर्वेद विश्वविद्यालय के चन्द्रमोहन पैन्यूली, पंतनगर विश्वविद्यालय के राकेश भट्ट, कुमाऊं विश्वविद्यालय के मोहन सिंह रावत, देवेन्द्र बिष्ट सहित कार्यकारिणरी के समस्त पदाधिकारी शामिल हुए।