उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रभावितों को विभिन्न मदों में दी जा रही सहायता राशि को बढ़ाने के निर्देश दिये हैं। सोमवार को सचिवालय में अधिकारियों के साथ आपदा राहत कार्यों की समीक्षा करते हुए सीएम धामी ने यह निर्देश दिए हैं।
CM Pushkar Singh Dhami increased the disaster relief amount in Uttarakhand.
मानक पूरे ना होने पर सीएम रिलीफ़ फंड से होगी व्यवस्था
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने आपदा प्रभावितों को विभिन्न मदों में दी जा रही सहायता राशि को बढ़ाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि आपदा के मानकों में सम्भव न होने पर अतिरिक्त राशि की व्यवस्था मुख्यमंत्री राहत कोष से की जाए। मुख्यमंत्री ने पुनर्निर्माण व राहत कार्यों की मानिटरिंग के लिये हाईपावर कमेटी बनाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रभावितों को यथासंभव सहायता दी जाए। सहायता राशि पाने में लोगों को अनावश्यक परेशान न होना पङे। जरूरतमंदों को हर सम्भव मदद सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री, सचिवालय में उच्चाधिकारियों के साथ आपदा राहत कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।
जाने कितनी बढ़ाई गयी है राहत राशि
- मुख्यमंत्री के निर्देश पर निर्णय लिया गया कि प्रभावित परिवारों को कपङे, बर्तन व घरेलू सामान के लिए दी जाने वाली अहेतुक सहायता राशि को 3800 रूपये से बढाकर 5000 रूपये किया गया है।
- मुख्यमंत्री के निर्देश पर निर्णय लिया गया कि प्रभावित परिवारों को कपङे, बर्तन व घरेलू सामान के लिए दी जाने वाली अहेतुक सहायता राशि को 3800 रूपये से बढाकर 5000 रूपये किया गया है।
- पूर्ण क्षतिग्रस्त मकान के लिये मैदानी क्षेत्रों में 95 हजार रूपये प्रति भवन का प्रावधान और पहाङी इलाकों में 1 लाख के करीब प्रति मकान का प्रवधान था और अब इन दोनों इलाकों में राहत राशि को बढ़ाकर 1.5 लाख कर दिया गया है।
- आंशिक क्षतिग्रस्त पक्के मकान के लिए सहायता राशि को 5200 रूपये प्रति भवन से बढाकर 7500 रूपये प्रति भवन किया गया
- आंशिक क्षतिग्रस्त कच्चे मकान के लिए सहायता राशि को 3200 रूपये प्रति भवन से बढाकर 5000 रूपये प्रति भवन किया गया है।
- भूमि क्षति के लिए राहत राशि न्यूनतम एक हजार रूपये अनुमन्य की जाएगी। अर्थात भूमि क्षति पर राहत राशि, कम से कम एक हजार रुपये तो दी ही जाएगी।
- घर के आगे या पीछे का आंगन या फिर दीवार क्षतिग्रस्त होने को भी आंशिक क्षतिग्रस्त में लिया जाएगा। पहले इस पर सहायता नहीं दी जाती थी।
- जिन आवासीय कालोनियों में बिजली के बिल बाहर लगे थे, 18 व 19 अक्तूबर को आयी प्राकृतिक आपदा में खराब हो गये हैं, ऊर्जा विभाग इन खराब बिजली के मीटरों को निशुल्क बदलेगा।
- राज्य आपदा मोचन निधि मानकों से अनुमन्य की गयी अधिक धनराशि का भुगतान मुख्यमंत्री राहत कोष से वहन किया जाएगा।
- इसी प्रकार क्षतिग्रस्त भवनों के प्रकरणों में यदि भवन एसडीआरएफ के मानकों की परिधि से बाहर है तो ऐसे प्रकरणों पर सहायता मुख्यमंत्री राहत कोष से प्रदान की जाएगी।
- जीएसटी के दायरे से बाहर के छोटे व्यापारियों को दुकान में पानी भर जाने आदि से नुकसान होने पर 5 हजार रूपये की सहायता दी जाएगी।
- एसडीआरएफ के मानकों में कवर न होने पर की सहायता मुख्यमंत्री राहत कोष से प्रदान की जाएगी।