उत्तराखंड में JEE/NEET परीक्षाओं को लेकर देहरादून, हरिद्वार, रुड़की और हल्द्वानी में परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। और ट्रांसपोर्ट के लिए रोड़वेज बसों की व्यवस्था की गई है।
तमाम विरोध के बावजूद भी सरकार द्वारा जेईई/एनईईटी परीक्षाओं की डेट घोषित कर दी गई है। उत्तराखंड में ये परीक्षाएं 1 सितंबर से शुरू होगी। जेईई मेंस की परीक्षाएं 1 सितंबर से 6 सितंबर तक चलेंगी जिनके लिए देहरादून, हरिद्वार, रुड़की, हल्द्वानी, पंतनगर और नैनीताल में 13 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। इसके अलावा NEET परीक्षा 13 सितंबर को प्रस्तावित है जिसके लिए रुड़की, हरिद्वार, देहरादून और हल्द्वानी में कुल 43 केंद्र बनाए गए हैं। इस दफा इन दोनों प्रवेश परीक्षाओं में प्रदेश के तकरीबन 32218 छात्र-छात्राएं भाग लेंगे।
ट्रांसपोर्ट के लिए अलग से चलाई जाएगी रोड़वेज की बसें।
JEE मेंस और NEET के लिए गढ़वाल मंडल में परीक्षा केंद्र देहरादून, हरिद्वार और रुड़की निर्धारित किये गए हैं। और हर एक परीक्षा केंद्र के लिए पहाड़ी जिलों के मुख्यालय यानी उत्तरकाशी, टिहरी, चमोली, पौड़ी, रुद्रप्रयाग के जिला मुख्यालय से 2-2 बस, एक परीक्षा केंद्र के लिए संचालित होगी। यानी एक जिला मुख्यालय से 6 बसे तीनो केंद्रों के लिए संचालित होगी। इसके अलावा हरिद्वार और देहरादून से दूसरे जिलों के परीक्षा केंद्र के लिए 4-4 बसे संचालित होगी लेकिन रुड़की जिले के छात्रों के लिए यह व्यवस्था नही है। गढ़वाल मंडल में कुल मिलाकर परीक्षा केंद्रों के लिए 38 बसें संचालित होंगी।
इसी तरह से कुमाऊं मंडल में एक परीक्षा केंद्र हल्द्वानी के लिए चंपावत जिला मुख्यालय से हल्द्वानी एग्जाम सेंटर के लिए 2 बसें, पिथौरागढ़ से हल्द्वानी एग्जाम सेंटर के लिए 4 बसें, अल्मोड़ा से 4 बसें, बागेश्वर से 2, उधमसिंह नगर से 4 और नैनीताल से हल्द्वानी 4 बसें संचालित होगी और इस तरह से पूरे कुमाऊँ मंडल में 20 बसे संचालित की जाएगी।
उत्तराखंड परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक दीपक जैन ने कहा कि परिवहन विभाग की पूरी कोशिश है कि पहाड़ी जिलों से आने वाले सभी छात्र अपने परीक्षा केंद्र तक समय से पहुंच पाए और परीक्षा के बाद यही बसें उन्हें वापस लेकर जाएंगी इसके अलावा दीपक जैन ने बताया कि बसों का किराया पुर्ववत ही निर्धारित है साथ ही कोविड-19 के मद्देनजर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा।
इस बार थोड़ा अलग होगी व्यवस्थ
कोविड-19 कोरोनावायरस कि इन विषम परिस्थितियों में सरकार के लिए परीक्षा करवाना बेहद चुनौती भरा रहने वाला है। हालांकि परीक्षा को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत द्वारा सभी जिलाधिकारियों को व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद रखने और कोविड-19 मध्य नजर सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखने के विशेष दिशा निर्देश दिए गए हैं। इसी को देखते हुए और सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से इस बार परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ गई है यानी पहले जिस क्लास रूम में 24 परीक्षार्थी बैठे थे वहां इस बार 12 छात्रों को बिठाये जाएंगे । हर एक परीक्षा केंद्र पर छात्र-छात्राओं को नया मास्क और ग्लब्स दिया जाएगा साथ ही हर केंद्र को सेनिटाइज किया जाएगा और सैनिटाइजर भी हर एक छात्र को दिया जाएगा। तो वही सुरक्षा के लिहाज से इस बार चेकिंग तो होगी लेकिन हाथ से नहीं बल्कि स्कैनर से चेक किया जाएगा।