शासन द्वारा सर्दियों की छुट्टियों में बोर्ड की कक्षाओं को जारी रखने और छात्रों के साथ-साथ शिक्षकों के शीतकालीन अवकाश को रद्द करने का फैसला वापस ले लिया है। अब सर्दियों की छुट्टियां पहले की तरह बरकरार रहेंगी।
कोविड-19 और और लॉक डाउन की वजह से लंबे समय से बंद रहे स्कूलों में पठन-पाठन को लेकर, खासतौर से बोर्ड कक्षाओं के सिलेबस को पूरा करने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा पहले यह फैसला लिया गया था कि इस बार सर्दियों की छुट्टियां रद्द कर दी जाए और सर्दियों में पठन-पाठन की प्रक्रिया जारी रहे। लेकिन शासन द्वारा रद्द की गई किए गए शीतकालीन अवकाश को लेकर शिक्षक संघ में बेहद विरोध देखने को मिला। जिसके बाद अलग-अलग फोरम पर शिक्षक संघ द्वारा अपनी नाराजगी दर्ज की गई और अब आखिरकार शिक्षकों की बात को शासन ने मान लिया है और निरस्त किए गए शीतकालीन अवकाश को एक बार फिर से बहाल कर दिया गया है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने दिया शिक्षकों का साथ।
शासन द्वारा शीतकालीन अवकाश को वापिस बहाल करने से ठीक पहले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत द्वारा मुख्य सचिव और शिक्षा सचिव दोनों को दुरभाष के माध्यम से शीतकालीन अवकाश को बहाल करने की बात कही गई। तो अगर कहा जाए कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत की शिक्षकों की इस मांग को पूरा करवाने में अहम भूमिका है तो गलत नहीं होगा। भाजपा अध्यक्ष बंशीधर भगत का कहना है कि उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते यहां पर सर्दियों में अवकाश रखा जाता है और यह लंबे समय से परंपरा चली आ रही है उन्होंने कहा कि हालांकि हम इस वक्त कोविड-19 के दौर से गुजर रहे हैं लेकिन हमें प्रदेश की भौगोलिक परिस्थिति को समझते हुए ऑनलाइन क्लासेस या फिर इस तरह के अन्य विकल्पों के बारे में सोचना चाहिए।