उत्तराखंड सरकार ने चमोली में आई आपदा के कारण और भविष्य के जोखिमो को लेकर शोध करने के लिए 9 विभिन्न शोध संस्थाओं की एक इन्वेस्टिगेटिव टीम बनाई गई है।
Investigation for chamoli Disaster
चमोली में आई भीषण आपदा को लेकर जहां एक तरफ बचाव और राहत का काम चल रहा है तो वही आपदा के कारणों के साथ-साथ आपदा के मुहाने के हालातों को जानने के लिए और भविष्य के जोखिम को लेकर शोध करने के लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा नौ अलग-अलग शोध संस्थाओं की एक टीम गठित की गई है जो कि इस आपदा के कारण और भविष्य के जोखिमों को लेकर एक विस्तृत शोध करेगी और अपनी रिपोर्ट उत्तराखंड सरकार को सौंप आएगी।
इन शोध संस्थानों के वैज्ञानिक होंगे इस इन्वेस्टिगेशन में।
- उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA)
- हिमालयन इंस्टिट्यूट ऑफ वाडिया जियोलॉजी
- भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण संस्थान जीआईएस (GIS)
- इंडियन इंस्टीट्यूट आफ रिमोट सेंसिंग देहरादून (IIRS)
- आईआईटी रुड़की
- सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (CBRI)
- टीएचडीसी
- उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (UJVNL)
- उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (USAC)
उत्तराखंड शासन द्वारा गठित की गई इस टीम में उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से एक्सिक्यूटिव डायरेक्टर पीयूष रौतेला अध्यक्ष रहेंगे तो वही सभी 9 संस्थानों से नियुक्त किए गए सूट करता है वैज्ञानिक इस जांच समिति में सदस्य रहेंगे जोकि इस आपदा के सभी अलग-अलग पहलुओं पर रिसर्च करेंगे साथ ही नंदा देवी की पहाड़ियों पर जाकर वहां के हालातों का जायजा लेंगे और भविष्य में इस तरह के जोखिम से बचने के लिए अपने सुझाव देंगे।