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कल 10 मार्च को आए चुनाव परिणाम के बाद उत्तराखंड में भाजपा तो जीती है लेकिन मुख्यमंत्री धामी अपनी सीट खटीमा से हार गए हैं और उन्होंने आज इस्तीफा दे दिया है।

Pushkar Dhami become the CM of Uttarakhand again ?

सीएम धामी ने दिया इस्तीफा

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शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजभवन में जाकर राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया है। कार्यवाहक मुख्यमंत्री बन चुके पुष्कर सिंह धामी ने इस्तीफा देने से पहले सचिवालय में सभी मंत्री मंडल के साथियों के साथ एक बैठक की जिसमें उन्होंने सभी का आभार व्यक्त किया। चुनाव हारने के बाद राजभवन पहुंचकर सीएम धामी ने अपने साथ साथ अपने मंत्रिमंडल का भी इस्तीफा सोंप दिया है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय नेत्रित्व का धन्यवाद प्रकट करते हुए कहा उनके द्वारा उन्हें राज्य में मुख्य सेवक के रूप में कार्य करने के अवसर दिया था। मुख्यमंत्री ने कहा की राज्यपाल महोदय के द्वारा इन्हें नई सरकार के गठन न होने तक कार्यवाहक के रूप में काम करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा की उन्हें ख़ुशी है की प्रदेश की देवतुल्य जनता ने एक बार फिर भाजपा को दो तिहाई से ज्यादा बहुमत दिया है।

नए मुख्यमंत्री के लिए कसरत शुरू

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उत्तराखंड में भाजपा ने प्रचंड बहुमत की जीत हासिल की है और सरकार बनाने में भाजपा को किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं है लेकिन मुख्यमंत्री रहते हुए पुष्कर सिंह धामी के खटीमा से अपना चुनाव हार जाने के बाद भाजपा की जीत में एक टूरिस्ट पैदा हो गया है कि अब मुख्यमंत्री कौन होगा। पार्टी के ज्यादातर लोगों का पार्टी लाइन पर कहना है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी होंगे उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया तो उन्हें ही मुख्यमंत्री बनाया जाएगा लेकिन लेकिन दबी जुबान से पार्टी के कई लोग इस बात को भी उठा रहे हैं कि जिसे जनता ने नकार दिया है उसे मुख्यमंत्री कैसे बनाया जा सकता है और इसी बहस के बीच नया मुख्यमंत्री कौन होगा इसको लेकर सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई है। कुछ लोगों का मानना है कि विधायकों में से सबसे सीनियर नेता को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा जिसमें सतपाल महाराज और बिशन सिंह चुफाल के नाम सबसे आगे है तो वहीं अगर चुनाव लड़ने की बात होती है तो त्रिवेंद्र रावत रमेश पोखरियाल निशंक और अनिल बलूनी बड़ा नाम है। आपको बता दें कि कल पार्टी की जीत के बाद पार्टी के बड़े नेताओं में पुष्कर सिंह धामी को लेकर काफी कॉन्फिडेंट नजर आ रहा है लेकिन पुष्कर सिंह धामी की राह इतनी आसान होगी यह कहना इतना भी आसान नहीं है।

त्रिवेंद्र रॉवत का नाम सबसे ज्यादा चर्चाओं में क्यों ?

जंहा एक तरफ भाजपा की प्रचंड बहुमत के बाद अब मुख्यमंत्री बनाने की जुगत तेज होने लगी है तो इसी बीच डोईवाला से चुनाव लड़ने वाले ब्रिज भूषण गैरोला ने त्रिवेंद्र रावत के लिए सीट छोड़ने की बात कह कर एक नई चर्चा शुरू कर दी। कल चुनाव परिणाम आते ही ये बात चर्चाओं में आ गई। दरअसल इसकी सबसे बड़ी वजह उत्तराखंड में भाजपा की प्रचंड जीत हासिल बावजूद भी भाजपा के प्रबल दावेदार पुष्कर धामी के चुनाव हारने से तेज हुई। धामी के हारने के बाद उत्तराखंड में मुख्यमंत्री कौन बनेगा यह एक सबसे बड़ा सवाल बना हुआ है।

त्रिवेंद्र के लिए सीट छोड़ने का दावा

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वहीं दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को लेकर डोईवाला से जीत कर आए ब्रिज भूषण गैरोला ने अलग दावा किया है। उन्होंने कहा है कि वह अपनी सीट छोड़ने के लिए तैयार हैं अगर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को बनाया जाएगा। डोईवाला से जीत कर आए बृज भूषण गैरोला का कहना है कि उनकी जीत पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की जीत है और अगर उन्हें यह सौभाग्य प्राप्त होगा कि उनके सीट छोड़ने पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को एक बार फिर से मुख्यमंत्री बनाया जाएगा तो यह उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि है।

त्रिवेंद्र बोले- जल्द सब होगा क्लीयर

डोईवाला से जीत कर आए ब्रिज भूषण गैरोला के त्रिवेंद्र रॉवत के लिए सीट छोड़ने वाले बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि वह मुख्यमंत्री के दावेदारी से पहले ही पीछे हट गए थे जब उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा। हालांकि उन्होंने बृजभूषण गैरोला के इस प्रस्ताव का स्वागत करते हुए कहा कि यह बेहद खुशी की बात है और वह बृज भूषण गैरोला का धन्यवाद करते हैं। वहीं इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मीडिया से खास बातचीत करते हुए उत्तराखंड की जनता को आभार व्यक्त किया है कि प्रदेश की देवटुल्य जनता ने भाजपा पर एक बार फिर से भरोसा दिखाया है मीडिया से खास बातचीत करते हुए त्रिवेंद्र ने कहा कि उत्तराखंड में भाजपा का मुख्यमंत्री कौन होगा यह जल्दी स्पष्ट हो जाएगा उन्होंने कहा कि केवल कुछ दिन और इंतजार करने की बात है उसके बाद मुख्यमंत्री भारतीय जनता पार्टी का सबके सामने होगा।