उत्तराखंड में मुख्यमंत्री बदलेगा, मंत्रिमंडल विस्तार होगा, कुछ मंत्रियों को हटाया जाएगा ये सभी अटकलें उम्मीद है कि मंगलवार शाम तक छंट जाएगी और राजनीतिक उठापटक के बाद कुछ स्पष्ट तौर पर देखने को मिलेगा लेकिन सोमवार को क्या क्या हुआ और कल की क्या खबर है जाने पूरी अपडेट।
political instability in Uttarakhand due to cm change
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मुख्यमंत्री सोमवार को गए थे दिल्ली।
गैरसैंण में चल रहे बजट सत्र के दौरान अचानक केंद्रीय पर्यवेक्षकों का देहरादून में आ धमकाना निश्चित रूप से राजनीति जानकारों की धड़नके बढ़ाने वाला घटनाक्रम था जिसके बाद पहले तो आनन फानन में कोर ग्रुप की बैठक हुई और वहीं से मुख्यमंत्री बदलने की चर्चाओं ने जन्म लिया हालांकि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने सब कुछ सामान्य होने की बात कही और उसके बाद सीएम ने सभी विधायकों को अपने आवास पर बुला कर बैठक ली। इस तरह से सीएम द्वारा पहली बार विधायकों के साथ बैठक करना कहीं ना कहीं कुछ असामान्य होने को दिखाता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री को यह इशारा दे दिया गया था कि बदलाव होना है जिसके बाद त्रिवेंद्र रावत भी अपनी सीट बचने के लिए पूरा दम लगाने में लगे हैं। बताया जा रहा है कि 17 ऐसे विधयाक है जिन्होंने मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है।

दिल्ली में क्या- क्या हुआ
सीएम त्रिवेंद्र रावत सोमवार को अपने करीबी विधायक मुन्ना सिंह चौहान और मेयर सुनील उनियाल गामा के साथ दिल्ली पहुंचे और आला कमान से मुलाकात की कोशिश की। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से 5 बजे का समय मांगा था लेकिन यह मुलाकात नही हो पाई तो वही इस दौरान वह दिल्ली में किसी मंदिर में भी गए। मुख्यमंत्री के साथ मौजूद विधायक मुन्ना सिंह चोहान ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुख्यमंत्री की मुलाकात हुई है, यह मुलाकात थोड़ा देरी से हुई है। उन्होंने बताया कि सोमवार शाम 8 बजे से 9 बजे के बीच त्रिवेंद्र रावत की मुलाकात राष्ट्रीय अध्यक्ष से हुई है और यह मुलाकात सामान्य है। इसके अलावा विधायक मुन्ना चौहान ने यह भी कहा कि बीजेपी पार्लेमेंट्री बोर्ड की बैठक हुई है लेकिन उस बैठक में क्या तय हुआ यह बताने के लिए वो अधिकृत नही है।

मंगलवार को वापिस लौटेंगे त्रिवेंद्र रावत
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के साथ मौजूद मुन्ना सिंह चौहान ने बताया कि मुख्यमंत्री कल 10 से 11 बजे के बीच दिल्ली से देहरादून के लिए रवाना हो जाएंगे। इस सवाल पर कि क्या मुख्यमंत्री बदले जाएंगे इस पर मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि फिलहाल तो ऐसा कुछ नही है लेकिन निर्णायक रूप से कुछ कहा नही जा सकता है। शाम तक सूचना थी कि त्रिवेंद्र रावत ने अपनी सीट बचने के लिए सभी कोशिशें की, यंहा तक कि उनके पक्ष में महाराष्ट्र के राज्यपाल और उत्तराखंड भाजपा में कद्दावर नेता रहे भगत सिंह कोश्यारी भी त्रिवेंद्र के पक्ष में कूद पड़े। इसके अलावा त्रिवेंद्र रावत ने आला कमान को बताया कि सारे विधायक उनके समर्थन में है और वह कल विधायकों को दिल्ली बुला कर अपने पक्ष में माहौल करेंगे फिर बाद में सूचना मिली कि कल देहरादून में विधानमंडल दल की बैठक है लेकिन मुन्ना सिंह चौहान ने बताया कि अभी इस तरह की बैठक की कोई सूचना नही है।
सब कुछ हो चुका है तय, लिफाफे में बंद किस्मत

बताया जा रहा है कि बीजेपी पार्लेमेंट्री बोर्ड की बैठक में अंतिम निर्णय लिया जा चुका है जो कि अब सीधे फरमान सरीखे सुना दिया जाएगा। अटकलें हैं कि सीएम बदलना तय है लेकिन नया चेहरा कौन होगा इस पर सस्पेंस है। केंद्र में बैठे सबसे बिग बॉस के फॉर्मेट के अनुसार पार्टी के सबसे बड़ी प्राथमिकता उत्तराखंड में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव हैं और किया जा रहा यह बदलाव भी उसी का एक हिस्सा है। अगर सीएम को बदला जाता है तो फिर सीएम का चेहरा किसी नए चेहरे को बनाना इस लिए थोड़ा अजीब लग रहा है कि उन नए मुख्यमंत्री के पास एक तो अनुभव की कमी होगी और दूसरा उसके पास गिनाने के लिए केवल त्रिवेंद्र रावत के पिछले 4 सालों के काम होंगे तो त्रिवेंद्र क्यों नही ऊपर से अगले चुनाव का दबाव ऐसे में कोई अनुभवी और कुछ कर गुजरने वाला चेहरा केंद्र की पहली प्राथमिकता होगी। इन नामो में पहले रमेश पोखरियाल निशंक और अनिल बलूनी का नाम सबसे आगे था लेकिन अब उनके नाम की चर्चाएं थोड़ा कम हो गयी है। उनके अलावा अजय भट्ट को लेकर चर्चाएं तेज हैं। सतपाल महाराज, धन सिंह रावत और अगर सब कुछ अप्रत्याशित रहा तो विजय बहुगुणा भी एक नाम हो सकते हैं।