देहरादून में एक एजुकेशनल प्रोग्राम जो कि कुछ हद तक आम आदमी पार्टी द्वारा प्रेरित ही था उस मे दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसौदिया ने उत्तराखंड सहित कई देश के कई स्कूलों के कॉन्वेंट स्कूलों के शिक्षकों से संवाद करते हुए शिक्षा प्रणाली पर केंद्र से लेकर राज्य तक भाजपा को घेरने की कोशिश की
बीते कुछ दिनों उत्तराखंड में डेरा जमा के गए दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को देहरादून में एक एजुकेशन कॉन्क्लेव में देश की शिक्षा नीति को लेकर अपने विचार रखें साथ ही यह भी बताया कि उत्तराखंड में शिक्षा कैसी होनी चाहिए।
एजुकेशन कॉन्क्लेव में बोलते हुए दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि कोविड-19 ने शिक्षकों के सामने एक ऐसी चुनौती खड़ी की जिसके लिए कभी भी शिक्षकों को तैयार नहीं किया गया था। आज तक के इतिहास में कभी शिक्षकों ने इस तरह के इतने बड़े स्तर पर ऑनलाइन एजुकेशन की बात हो या अन्य तमाम बदलाव कभी किसी ने कल्पना भी नही की थी। लेकिन इसके बावजूद भी हमारे देश के शिक्षकों ने इस चुनौती को बखूबी निभाया है। इसके अलावा मनीष सिसोदिया ने उत्तराखंड में शिक्षा के परिपेक्ष में कहा कि उनका यह सपना है कि जो आज हमारे देश का नागरिक अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा के लिए दूसरे देशों में भेजने की सोचता है वह चाहते हैं कि वह भी दिन आए जब दूसरे देशों के लोग उत्तराखंड जैसे सुंदर राज्य में अपने बच्चों को शिक्षा के लिए भेजने का सपना देखें।
शनिवार को देहरादून के एक निजी होटल में चल रहे एजुकेशन इंडिया संस्था के कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने यह सारी बातें पूरे देश भर के अलग-अलग शिक्षण संस्थानों से आए प्रधानाचार्य के सामने कही। साथ ही उन्होंने पोस्ट कोविड एजुकेशन में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर सभी शिक्षकों का आभार भी वक्त किया।