आगामी 2022 विधानसभा चुनाव से पहले किसान किसके पाले में होंगे यह एक अहम सवाल है। तो वही कांग्रेस और किसान लगातार नजदीकी बना रही है जिसकी एक तस्वीर तब देखने को मिली जब उत्तराखंड कांग्रेस नेत्री शिल्पी अरोड़ा को राकेश टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर पर सम्मानित किया।
Farmer coming closer to Congress before the upcoming assembly elections 2022,

Shilpi Arora शिल्पी अरोड़ा इस वक्त उत्तराखंड कांग्रेस वरिष्ठ महिला नेता है तो वहीं प्रदेश में सोशल मिडिया का जिम्मा भी उन्ही के पास है। दरअसल उत्तराखंड कांग्रेस में सोशल मीडिया विभाग की प्रदेश अध्यक्षा शिल्पी अरोड़ा को किसान नेता राकेश टिकैत ने गाजीपुर संयुक्त किसानों मोर्चा की तरफ से सम्मानित किया है। शिल्पी अरोड़ा को ये सम्मान किसान आंदोलन में उनके द्वारा दिए योगदान और सहयोग के लिए दिया गया है और किसान नेता राकेश टिकैत ने समृति चिहन देकर उन्हें मंगलवार को सम्मानित किया।

बताया जा रहा है कि शिल्पी अरोड़ा ने 26 जनवरी को किसान रैली के दौरान ट्रैक्टर चलाकर ITO तक रैली में अपनी भागीदारी दर्ज कराई थी तो वहीं इसके अलावा 28 जनवरी को भी जब आन्दोलन को खाली करने के आर्डर हुए उस वक्त भी वह किसानों के साथ गाजीपुर बॉर्डर पर मौजूद रही थी। इसके अलावा भी समय समय पर शिल्पी अरोड़ा ने गाजीपुर बॉर्डर पहुंचकर किसानों का हौसला बढ़ाया और आंदोलन को सहयोग किया।

मंगलवार को शिल्पी अरोड़ा ने राकेश टिकैत से मुलाकात की और उन्हें किसान आंदोलन में मिली जीत की बधाई दी। शिल्पी अरोड़ा ने कहा कि आखिर सरकार को किसानों के आगे झुक कर तीनो कृषि कानून को वापस लेना ही पड़े हैं। यह जीत सिर्फ किसानों की नही बल्कि पूरे देश की जीत है। तो उधर राकेश टिकैत का भी कहना था कि यह लड़ाई अभी यहीं खत्म नही होगी आंदोलन को सिर्फ स्थगित किया गया है। राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन अभी पूर्ण रूप से खत्म नही हुआ है। पहले सरकार ने तीन कृषि कानून बनाकर किसानों पर थोप दिए और अब लंबे समय के आंदोलन के बाद उन्हें वापस ले लिए लेकिन इससे किसानों को कोई लाभ नही हुआ किसानों को तभी लाभ हो सकेगा जब एमएसपी का कानून बनेगा और लागू होगा।
