उत्तराखंड प्रदेश भाजपा ने बुधवार को अपने 3 नेताओं को अनुशासन हीनता के आरोप में कारण बताओ नोटिस (show cause notice) भेजा है जिसका जवाब इन नेताओं को 7 दिनों के भीतर प्रदेश नेतृत्व को देना होगा और बताना होगा कि इनके खिलाफ कोई सख्त कार्यवाही क्यों ना कि जाय।
BJP serve show cause notice to three of its leaders
जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं राजनीति से जुड़े तमाम लोगों में आपसी खींचतान भी देखने को शुरू हो गई है। इस चुनावी माहौल में कई नेता अनुशासन की सीमा लांग अपनी ही पार्टी के खिलाफ भी गतिविधियों में शामिल हो जाते हैं और आने वाले गरम चुनावी माहौल में ऐसा खूब देखने को मिलने वाला है। भाजपा ने अपने ऐसे ही नेताओं पर अंकुश लगाने के लिए अभी से अपनी नजर तिरछी कर ली है। इसी कड़ी में आज उत्तराखंड प्रदेश भाजपा ने ऋषिकेश के मेयर अनीता मंगाई, ऋषिकेश में ही भाजपा के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी जिले के पूर्व जिला अध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस (show cause notice) जारी कर दिया है। वीडियो 👇
मिली जानकारी के अनुसार ऋषिकेश में मेयर अनीता महंगाई लगातार अपने ही पार्टी के पार्षदों के साथ विवादों में फंसती नजर आ रही थी और लगातार पार्षदों द्वारा मेयर पर कई आरोप भी लगाए जा रहे थे तो वही मंडल अध्यक्ष दिनेश सती के साथ भी अनीता मंगाई की खटपट चल रही थी। इसी तरह के तमाम मामलों में पौड़ी के पूर्व जिला अध्यक्ष मुकेश रावत भी संलिप्त पाए गए जिसके बाद पार्टी ने 7 दिनों के भीतर कारण बताओ नोटिस इन तीनों नेताओं को जारी कर दिया।
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चौहान ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में इन तीनो नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। पार्टी से मिली जनकारी के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष के अलावा महामंत्री को देने को कहा गया है।
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चौहान ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में इन तीनो नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। पार्टी से मिली जनकरी के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष के अलावा महामंत्री को देने को कहा गया है।