Jp Nadda आगामी 20 अगस्त को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 2 दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड आएंगे। इस दौरान वह 20 और 21 अगस्त को तकरीबन एक दर्जन बैठकों में भाग लेंगे साथ ही हल्द्वानी में भी प्रवास कर सकते हैं।
BJP President JP Nadda will visit Uttarakhand on August 20
विधानसभा चुनाव 2022 की सियासी बिसात….
JP Nadda भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के उत्तराखंड दौरे की तारीखों को लेकर भाजपा ने पुष्टि कर दी है। राष्टीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 20 अगस्त को 2 दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड आएंगे। भाजपा के प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने इसकी पुष्टि की है। 20 और 21 अगस्त को जेपी नड्डा उत्तराखंड में भाजपा के कई अलग-अलग कार्यक्रमों में शामिल होंगे और हो सकता है कि वह हल्द्वानी में भी प्रवास करें। विधानसभा चुनाव 2022 से पहले जेपी नड्डा का यह दौरा कई मायनों में अहम माना जा रहा है। भाजपा की चुनावी रणनीति के लिहाज से नड्डा का यह दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि राष्ट्रीय अध्यक्ष इस दौरान ना केवल पार्टी कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोलने का काम का काम करेंगे बल्कि प्रदेश का माहौल क्या है उसे भी समझने का प्रयास करेंगे। जानकारों की माने तो नड्डा के इस दौरे के साथ ही आगामी विधानसभा चुनावों में मैदान में उतारे जाने वाले सियासी घोड़ो यानी प्रत्याशियों को लेकर भी पहले चरण की एक्सरसाइज शुरू हो जाएगी।
कुमाऊं पर ज्यादा फोकस, गढ़वाल में ना हो जाये नुकसान
आगामी 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा लगातार रणनीति तैयार कर रही है। तो वहीं आने वाले विधानसभा चुनाव के लिहाज से उत्तराखंड में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का यह पहला बड़ा दौरा तय हो चुका है।20 और 21 अगस्त को दो दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड आ रहे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पार्टी के तकरीबन एक दर्जन कार्यक्रमों में शामिल होंगे इसमें से एक कार्यक्रम हल्द्वानी में भी हो सकता है। आपको बता दें कि भाजपा द्वारा अपनी चुनावी रणनीति में कुमाऊं को पर ज्यादा फोकस देखने को मिल रहा है। पार्टी सूत्रों के अनुसार पार्टी द्वारा कराए गए एक सर्वे में सामने आई रिपोर्ट के बाद पार्टी ने यह फैसला लिया है। गढ़वाल से 2 मुख्यमंत्रीयों को बदलकर कुमाऊं के मुख्यमंत्री को स्थापित करना सिर्फ इतना ही नही बल्कि केंद्रीय मंत्रिमंडल से गढ़वाल क्षेत्र से सांसद रमेश पोखरियाल निशंक को हटाकर केंद्रीय राज्यमंत्री के रूप में कुमाऊ से आने वाले अजय भट्ट को जगह देना भी इसी का एक कारण बताया जा रहा है। पार्टी द्वारा मंथन कार्यक्रम भी कुमाऊं के रामनगर में ही आयोजित किया गया था जहां पर बीएल संतोष पहुंचे थे तो वहीं इसके अलावा प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम भी कुमाऊं के दौरे पर है। भाकपा की इन तमाम रणनीतियों से स्पष्ट है कि पार्टी का फोकस इस वक्त कुमाऊं पर ज्यादा है हालांकि इससे पार्टी को गढ़वाल में नुकसान हो सकता है इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।
हरीश रावत भी है एक बड़ी वजह
पार्टी का कुमाऊं पर ज्यादा फोकस होना इस बात की भी तस्दीक करता है कि विपक्ष में मौजूद कांग्रेस का बड़ा चेहरा हरीश रावत कुमाऊ से ही आता है। कांग्रेस की मौजूदा गतिविधि को देखते हुए आगामी चुनाव के लिए प्रतिद्वंदी के रूप में हरीश रावत ही पहली पंक्ति में नजर आ रहे हैं। ऐसे में पार्टी कुमाऊं क्षेत्र में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतना चाहती है तो वहीं इसके अलावा अगर हम बात करें तो गढ़वाल क्षेत्र पर भाजपा का पुराना कैडर वोट ज्यादा मजबूत माना जाता रहा है। लेकिन मुख्यमंत्री सहित एक केंद्रीय मंत्रिमंडल के रूप में गढ़वाल प्रतिनिधि हटाकर कुमाऊं पर ज्यादा फोकस करना कहीं ना कहीं पार्टी को गढ़वाल क्षेत्र में कमजोर कर सकता है। हालांकि गढ़वाल क्षेत्र में पार्टी के जितने भी दावेदार है वह मजबूत और अनुभवी छवि वाले नेता माने जाते हैं, बावजूद इसके कुमाऊं की राजनीति में ज्यादा परिवर्तन देखने को मिल रहा है जिसके मद्देनजर भाजपा की नजर कुमाऊं पर ज्यादा टिकी हुई है