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उत्तराखंड में मानसून जारी है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार मैदानी सहित पहाड़ी जिलों में शुक्रवार को दिन भर बारिश के बाद कुछ इस तरह की तस्वीरें सामने आई। राज्य में सभी नदिया उफान पर है तो कई जगहों पर भूस्खलन की घटनाएं भी हुई है।

Bad weather in Uttarakhand, rivers in spate, 18 june 2021

उत्तराखंड में मानसून अपने चरम की ओर जा रहा है तो वही मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार 17 जून से ही प्रदेश के कई इलाकों में बारिश शुरू हो गई थी। शुक्रवार 18 जून को उत्तराखंड के सभी मैदानी जनपदों के साथ-साथ पहाड़ी जनपदों में भी दिन भर भारी बारिश रही। राज्य में दिन भर हुई इस बारिश से कई जगहों पर भूस्खलन की घटनाएं देखने को मिली। इस वक्त प्रदेश में कई नदियां अपना विकराल रूप धारण कर चुकी है तो वहीं नदियों के आसपास बसे लोग बेहद दहशत में है और नदियों का यह विकराल रूप 2013 की आपदा की याद दिला रहा है।

ऋषिकेष में गंगा का बड़ा जलस्तर, अलर्ट जारी

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(त्रिवेणी घाट की बदली तस्वीर)
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ऊपरी इलाकों में लगातार हो रही बारिश की वजह से ऋषिकेश में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के बेहद करीब है। गंगा का बढ़ता जलस्तर देख ऋषिकेश में प्रशासन ने भी रेड जारी कर दिया है। तटीय इलाकों में प्रशासन की टीम लगातार नजर बनाए हुए हैं। तो वही गंगा किनारे आने वाले 300 लोगों के लिए अल्टरनेट व्यवस्था भी की जा रही है। अगर पहाड़ों पर लगातार इसी तरह से बारिश होती रही तो गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर देगी जिसकी वजह से भारी नुकसान भी हो सकता है।

जोशीमठ रैणी गांव के पास कटाव जारी…

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जोशीमठ तपोवन क्षेत्र से आ गए रैणी गांव के पास ऋषि गंगा नदी से हो रहे भू कटाव उसे नीति घाटी को जोड़ने वाला राजमार्ग लगातार क्षतिग्रस्त हो रहा है। इससे ऋषि गंगा नदी पर बने नीतिजोशीमठ को जोड़ने वाले पुल पर भी लगातार खतरा बना हुआ है। इस वजह से रैणी गांव के लोग काफी डरे हुए हैं आपको बता दें कि यह वही क्षेत्र है जहां पर 7 फरवरी को आपदा आई थी और इस क्षेत्र में काफी नुकसान हुआ था।

पिथौरागढ़ में 72 घण्टे तक बंद रहा बॉर्डर पर जाने वाला मुख्य मार्ग ….

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बीते रोज से लगातार पहाड़ी जनपदों में हो रही बारिश की वजह से पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग भी कई घंटों तक बंद रहा। पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय के साथ-साथ चाइना और नेपाल बॉर्डर को जाने वाला यह मुख्य मार्ग शुक्रवार देर शाम तक भी नहीं खुल पाया तो वहीं इस मार्ग के बंद होने से कई मालवाहक वाहन जाम में फंसे रहे। एक तरह से पिथौरागढ़ की लाइफ लाइन कहे जाने वाले इस मार्ग के तकरीबन 72 घंटे से बंद होने के कारण पूरा जनजीवन अस्त व्यस्त है तो वही स्थानीय प्रशासन इस माल को खोलने के लिए जुटा हुआ है।

पिथौरागढ़ की काली नदी बह रही खतरे के निशान से ऊपर ….

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पिथौरागढ़ में भारत और नेपाल को बांटने वाली काली नदी अपने उफान पर है। शुक्रवार को दिन भर हुई मूसलाधार बारिश के चलते काली नदी ने नदी का जलस्तर नापने के लिए जो यंत्र लगाया जाता है उसे ही पूरी तरह से डुबो दिया है जिसे देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। नदी के किनारे बसे गांव बस्तियों और घरों को खाली कराने के आदेश कर दिए गए हैं। आपको बता दें कि शुक्रवार को पिथौरागढ़ में काली नदी अपने 889.00 मीटर के जलस्तर से बढ़कर 889.60 मीटर पर बह रही है।

सरयू नदी में गिरा पहाड़…

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शुक्रवार को पिथौरागढ़ जिले के घाट क्षेत्र में एनएच 125 पर भारी भूस्खलन हुआ। पिथौरागढ़ टनकपुर हाईवे पर देखते ही देखते सरयू नदी के ऊपर से पहाड़ धसते हुए पूरा नदी में समा गया तो वही सरयू नदी पर बने पुल पर भी इसका लगातार खतरा खतरा मंडरा रहा था तो वहीं एनएच 125 में मौजूद सैकड़ों वाहन इस भूस्खलन से बाल बाल बचे।

मॉनसून के दौरान ये सावधानियां बरतें …

  • बरसात में नदी-नालों से दूर रहें।
  • नदियों और गदेरों में नहाने से परहेज करें।
  • बरसात के दौरान सड़कों पर सावधानीपूर्वक आवाजाही करें।
  • जलभराव की स्थिति में तालाब और पोखरों आदि से दूर रहें।
  • किसी भी आपात स्थिति में तत्काल सूचना कंट्रोल रूम को दें।
  • आपातकालीन नंबर को हमेशा अपने पास रखें।
  • मॉनसून के दौरान भूस्खलन क्षेत्र से दूर रहें।
  • बिजली चमकने के दौरान पेड़ों से दूर रहें।
  • सड़कों पर बोल्डर और पत्थर गिरने का डर ज्यादा रहता है