Agitating Reservation Bill Uttarakhand

बुधवार को विधानसभा की प्रबल समिति की बैठक में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी आरक्षण बिल (Agitating Reservation Bill Uttarakhand) पर चर्चा के बाद विधेयक को फाइनल ड्राफ्ट को राय के लिए भेजा गया। सरकार आंदोलनकारी आरक्षण बिल के तहत एक व्यक्ति के बजाय पूरे परिवार को आश्रित बनाए जाने पर विचार कर रही है |

Amendment In Agitating Reservation Bill Uttarakhand

विधानसभा की प्रवर समिति की बैठक में बुधवार को उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी आरक्षण बिल पर चर्चा की गई जिसके बाद इस विधेयक के फाइनल ड्राफ्ट को विधिक राय के लिए भेजा गया है और एक और आखिरी बैठक के बाद उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी आरक्षण बिल अपने अंतिम स्वरूप में आ जाएगा। बुधवार को आखिरकार विपक्ष की मौजूदगी में राज्य आंदोलनकारी और उनके आश्रितों को राजकीय सेवाओं में आरक्षण संबंधी विधेयक 2023 को लेकर के गठित की गई प्रवर समिति की बैठक आयोजित की गई।

सोमवार को विपक्षिति विधायक के न आने पर बैठक हुई थी स्थगित | Amendment In Agitating Reservation Bill Uttarakhand

इससे पहले सोमवार को रखी गई इस बैठक में विपक्ष के विधायक नहीं पहुंचे थे जिसकी वजह से यह बैठक स्थगित की गई। बरहाल बुधवार को विधानसभा में समिति के सभापति कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में समिति के सदस्य और राज्य आंदोलनकारी रहे विधायक विनोद चमोली, उमेश शर्मा काऊ, मुन्ना सिंह चौहान के अलावा विपक्ष से उप नेता प्रतिपक्ष भुवनचंद कापड़ी और मोहम्मद शहजाद मौजूद रहे।

संशोधन के बाद आश्रितों के लिए बेहतर होगा आरक्षण बिल | Amendment In Agitating Reservation Bill Uttarakhand

बैठक के बाद प्रवर समिति के अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि सरकार द्वारा राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को सरकारी सेवाओं में आरक्षण दिए जाने को लेकर के लगातार काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसको लेकर के मानसून सत्र में सरकार विधेयक लेकर आई थी तो वहीं इस विधेयक को और अधिक व्यावहारिक और न्यायिक प्रक्रिया के तहत बनाने के लिए इसे प्रवर समिति को सौंपा गया है।

जहां प्रवर समिति अपनी पूरी जिम्मेदारी के साथ इस विधेयक के सभी पहलुओं पर गहनता से विचार विमर्श के साथ-साथ सभी पहलुओं को जांच कर उत्तराखंड के राज्य आंदोलनकारी और उनके आश्रितों के लिए एक बेहतर आरक्षण बिल (Agitating Reservation Bill Uttarakhand) लेकर आ रही है। उन्होंने कहा की प्रवर समिति का यह भी प्रयास है कि इस विधेयक के आने के बाद यह किसी भी तरह के न्यायिक और संवैधानिक प्रक्रिया के तहत न फंसे इसके लिए अभी से इस पर पूरा होमवर्क किया जा रहा है।

नियमों के तहत बिल लाने की जारी प्रक्रिया | Amendment In Agitating Reservation Bill Uttarakhand

Agitating Reservation Bill Uttarakhand

प्रवर समिति के सदस्य और राज्य आंदोलनकारी रहे विधायक विनोद चमोली ने बताया कि प्रवर समिति में राज्य आंदोलनकारी और उनके आश्रितों को आरक्षण को लेकर लाए गए इस बिल को लेकर के बेहद विस्तार पूर्वक कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि इस आरक्षण विधेयक में किसी भी तरह की सेवाओं में किसी भी न्यायिक प्रक्रिया का सामना न करना पड़े इसके लिए अभी से सभी नियमों के तहत इस बिल को लाने के लिए काम किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि अब तक राज्य आंदोलनकारी को राजकीय सेवाओं में दिए जाने वाले रियायत में किसी भी तरह का कोई विधेयक या कानून नही था, केवल शासनादेश के आधार पर सारा काम हुआ है इसी वजह से इसे न्यायिक प्रक्रिया का सामना करना पड़ा और एक बार राज्यपाल से भी इसे वापिस लौटाया गया। लेकिन अब सरकार विधेयक के जरिए एक आरक्षण बिल लेकर आ रही है जिस की पूरे फ्रेमवर्क के तहत लाया जा रहा है।

परिवार के सभी सदस्य माने गए आश्रित | Amendment In Agitating Reservation Bill Uttarakhand

इसके अलावा प्रवर समिति के सदस्य और राज्य आंदोलनकारी विनोद चमोली ने बताया कि राज्य आंदोलनकारी और उनके आश्रितों के आरक्षण को लेकर के अलग से केटेगरी या श्रेणी बनाई गई है। एक अलग से केटेगिरी बनाए जाने के बाद किसी भी आयोग और राजकीय सेवा नियोजन प्रक्रिया में समस्या नही आयेगी और उनके द्वारा इस आरक्षण को केवल अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में ही नहीं बल्कि लोक सेवा चयन आयोग में भी लागू करवाए जाने की मांग रखी गई हैवे।

वहीं इसके अलावा पूर्व में राज्य आंदोलनकारी के केवल एक आश्रित को ही आरक्षण (Agitating Reservation Bill Uttarakhand) में सम्मिलित किए जाने का प्रावधान था लेकिन अब इसे बदल कर परिवार के हर एक सदस्य को आंदोलनकारी का आश्रित माना गया है। विशेष तौर से पुत्री बहू और परिवार की सभी महिलाओं को इस विधायक के तहत राज्य आंदोलनकारी का आश्रित माना गया है पूर्व के प्रावधानों में केवल परिवार के एक व्यक्ति को राज्य आंदोलनकारी का आश्रित माना गया था।

विपक्ष के सवालों के बाद प्रवर समिति में हो रहा सुधार | Amendment In Agitating Reservation Bill Uttarakhand

इस पूरी प्रक्रिया पर विपक्ष का भी अपना अलग स्टैंड है। प्रवर समिति में मौजूद विपक्ष के विधायक और उप नेता प्रतिपक्ष भुवन चंद कापड़ी का कहना है कि कांग्रेस राज्य गठन के बाद से ही लगातार राज्य आंदोलनकारी के लिए काम कर रही है। कांग्रेस ने ही पूर्व में राज्य आंदोलनकारी को तमाम रियायतें दी हैं। उन्हें राजकीय सेवाओं में सम्मिलित किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि जिस तरह से भाजपा सरकार आधी अधूरी तैयारी के साथ विधानसभा के मानसून सत्र में राज्य आंदोलनकारी (Agitating Reservation Bill Uttarakhand) और उनके आश्रितों को लेकर को आरक्षण का विधेयक सदन में लेकर आया थी।

उस पर विपक्ष ने आपत्ति जताई थी जिसके बाद सदन ने इस विधेयक को प्रवर समिति को भेजा है।उन्होंने कहा की अब प्रवर समिति पूरी तरह से अपनी जिम्मेदारियां का निर्वहन करते हुए, जिसमें कि विपक्ष भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और जल्द ही उत्तराखंड में राज्य आंदोलनकारी और उनके आश्रितों को सरकारी सेवाओं में आरक्षण को लेकर के विधायक की स्थिति स्पष्ट हो जाने के बाद इसका लाभ प्रदेश के लोगों को मिलेगा।