SETU

उत्तराखंड में धामी सरकार ने राज्य योजना आयोग को समाप्त कर नीति आयोग की तर्ज पर (SETU) State Institute For Empowering And Transforming Uttarakhand का गठन किया है जिसे हालही में कैबिनेट से मंजूरी मिली थी आज सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने आदेश जारी कर दिए है |

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उत्तराखंड में अब सशक्त उत्तराखंड @25 के लक्ष्य को पाने के लिए SETU का गठन किया गया है। सेतु नीति आयोग की तर्ज पर बनाया गया है और यह राज्य सरकार की नीति और नियोजन में think Tank की तरह काम करेगा।

CM धामी होंगे सेतु के अध्यक्ष | SETU

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सेतु के गठन होने के बाद उसका संगठनात्मक ढांचा तैयार किया गया है जिसके मुताबिक सभी मंत्री सेतु के सदस्य होंगे। सेतु के अध्यक्ष राज्य के मुख्य मंत्री पुष्कर सिंह धामी होंगे। सेतु के लिए कार्यकारी अधिकारी मुक्त बाजार से चुने जाएंगे जोकि प्रसिद्ध अर्थशास्त्री या रिटायर अफसर हो सकते है। सेतु के अंतर्गत 3 केंद्र होंगे। प्रत्येक केंद्र में दो–दो स्लाहकर नियुक्त किए जायेंगे।

यह होंगे केंद्र, सलाहकार और उनके काम | SETU

सेतु के अंतर्गत तीन केंद्र बनाए जाएंगे और हर केंद्र में दो सलाहकार नियुक्त किए जायेंगे । यह सभी सलाहकार सभी विभागों को सलाह देंगे और विभागीय योजनाओं में समय और भावी जरूरतों के हिसाब से संशोधन करेंगे। साक्ष्य आधारित योजना केंद्र के तहत सलाहकार एकत्रित किए गए डाटा का विश्लेषण, डाटा इको सिस्टम विकास सर्वेक्षण और अध्यक्ष में तकनीकी मार्गदर्शन करेंगे इसके अलावा सलाहकार हर केंद्र के अनुश्रवण, मूल्यांकन और अन्य प्रकोष्ठ में सहयोग देंगे।

  • आर्थिक एवं समाज विकास केंद्र – आर्थिकी एवं रोजगार सलाहकार
  • लोक नीति एवं सुशासन केंद्र – नीति एवम सुशासन सलाहकार और शहरी व अर्द्ध शहरी विकास सलाहकार
  • साक्ष्य आधारित योजना केंद्र – सांख्यिकी एवं डाटा और अनुश्रवण व मूल्यांकन सलाहकार

क्या होंगे अधिकारियों के कार्य | SETU

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  1. अध्यक्ष —  राज्य के विकास के लिए समग्र दृष्टि एवं मार्गदर्शन
  2. उपाध्यक्ष मुख्य —  आर्थिक सलाहकार और मुख्य सचिव की सलाह पर उत्तराखंड टीम का मार्गदर्शन
  3. मुख्य सचिव —  विभिन्न नीति और गवर्नेंस मामलों के साथ राज्य के बजट को तैयार करने पर सेतु की सिफारिशों पर कार्यवाही करना
  4. मुख्य कार्यकारी अधिकारी — उत्तराखंड के समावेशी आर्थिक, सामाजिक और स्थायी विकास के लिए सेतु को कार्यानितिक और बौद्धिक शिक्षा दिशा प्रदान करना और सेतु के दैनिक कार्यों का नेतृत्व करना।

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