जनता को समय से मिलेगा सरकारी योजनाओं का लाभ, देरी होने पर अधिकारी पर होगा जुर्माना|Seva Ka Adhikar
उत्तराखंड सरकार ने आज एक अहम फैसले पर मुहर लगाई है। सीएम धामी ने एक सरकारी योजनाएं जनता तक पहुंचाने के लिए तय समय समय सीमा तक पहुंचाने के लिए प्रदेश में सेवा का अधिकार संशोधन अधिनियम लागू कर दिया है जिसके तहत सेवाओं में देरी होने पर अधिकारियों पर जुर्माना भी लगाया जाएगा।
उत्तराखंड में लागू हुआ सेवा का अधिकार संशोधन अधिनियम|Seva Ka Adhikar
बुधवार 7 जून को राजभवन की मंजूरी के बाद विधाई विभाग ने अधिनियम का नोटिफिकेशन जारी कर जानकारी दी। आपको बता दें कि धामी सरकार ने जनता से जुड़ी मुख्य सेवाओं को समय सीमा पर दिलाने और भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए मार्च महीने में गैरसेंड बजट सत्र में संशोधित अधिनियम पेश किया था जिसे आज हरी झंडी मिल गई है।
क्या हुआ संशोधन अधिनियम में बदलाव|Seva Ka Adhikar
पहले यदि विभाग के अपीलीय अधिकारी समय पर सेवाएं नहीं देते थे तो अपीलकर्ता विभाग के नामित अफसर के पास अपील करते थे क्योंकि द्वितीय अपीलीय अधिकारी को अधिकारी पर जुर्माना लगाने का अधिकार था जिसके कारण में जुर्माने की राशि से बचने की कोशिश करते थे। लेकिन अब यह अधिकार आयोग को सौंपा गया है आयोग ही अपीलीय अधिकारी पर जुर्माना लगाएंगे।
कितना होगा जुर्माना|Seva Ka Adhikar
समय पर सरकारी सेवा का जनता तक ना पहुंचने पर आयोग कम से कम 500 और अधिकतम 5000 रुपए तक का जुर्माना तय किया है। सेवा का अधिकार आयोग के सचिव जीसी गुणवंत ने बताया कि सेवा के अधिकार आयोग को संशोधित अधिनियम मिल चुका है जिसके तहत सरकार ने विभिन्न विभागों की 855 सेवाओं के लिए समय सारणी तय की है।
टाइम फ्रेम होंगे तय|Seva Ka Adhikar
कार्मिक सचिव शैलेश बगौली ने अफसरों की बैठक ली जिसमें बाल विकास, पशुपालन, शहरी विकास, उर्जा, सैनिक कल्याण आदि विभाग शामिल रहे। बैठक में सचिव ने ऐसी सेवाओं को चयनित करने को कहा जिन्हें जनता तक समय के अंदर मुहैया करा कराया जा सकता है और इन सेवाओं का टाइम फ्रेम के साथ प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए।