वीर माधो सिंह भण्डारी उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (utu uttarakhand) ने डिफेंस उत्पादन के क्षेत्र में स्टार्टअप हेतु दो दिवसीय इंडस्ट्री एकेडिमिया कनेक्ट कॉनक्लेव एण्ड एक्सपो कार्यक्रम आयोजित किये जाने की सारी तैयारियां पूरी कर ली है।
utu uttarakhand conclave for Startup Defence production
आगामी 18 और 19 नवम्बर को देहरादून सिधुवाला में मौजूद वीर माधो सिंह भण्डारी उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (utu uttarakhand) में डिफेंस उत्पादन के क्षेत्र में स्टार्टअप हेतु दो दिवसीय इंडस्ट्री एकेडिमिया कनेक्ट कॉनक्लेव एण्ड एक्सपो कार्यक्रम का आयोजन होना है। उत्तराखंड में पहली बार इस तरह से डिफेंस सेक्टर में स्टार्टअप से जुड़ा इतना बड़ा कॉनक्लेव होने जा रहा है। इसमें भारतीय स्टार्टअप संघठन भी अपना सहयोग कार्यक्रम में देंगे। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में माननीय राज्यपाल ले0 जनरल गुरुमीत सिंह और विशिष्ट अतिथि के रूप में माननीय तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल व संजीव कुमार, सी.एम. डी. ओपटेल शामिल होंगे।
आज से इस कॉनक्लेव में डिफेंस उत्पादन क्षेत्र में नये-नये विचारों के साथ रक्षा क्षेत्र में स्टार्ट अप प्रारम्भ करने के उद्देश्य से हैकाथॉन की शुरूआत हो गयी है, जिसमें प्रदेश के विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों से लगभग दो दर्जन से अधिक छात्रों की टीम प्रतिभाग कर रही हैं। प्रतिभागियों द्वारा अपने-अपने आइडिया पर 36 घंटे कार्य कर स्टार्ट अप का समग्र प्रस्तुतीकरण 17 नवम्बर को किया जायेगा, जिसके आधार पर विजेताओं की घोषणा तथा पुरूस्कार वितरण 18 नवम्बर को इस कॉनक्लेव के उद्घाटन सत्र में निर्धारित है।
दो दिवसीय इस कार्यक्रम में रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में अवसर तलाशने, रक्षा के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ाने, रक्षा विनिर्माण में बदलाव करने के लिए दोहरी तकनीकियों के उपयोग नीतियों आदि विषयों पर विस्तृत चर्चा के लिए हर दिन तीन सेशन के कार्यक्रम रखे गये हैं। जिसमें आर्मी डिजाईन ब्यूरों, आई०टी०बी०पी०, आई०आर०डी०ई०, बी०ई०एल० जैसे प्रतिष्ठित संगठनों के स्टेकहोल्डर्स व इण्डस्ट्री पार्टनर्स का शामिल होना संभावित है। साथ ही आई0आई0टी0, रूड़की. ग्राफिक ऐरा यूनिवर्सिटी, डी०आई०टी० यूनिवर्सिटी, यू०पी०ई०एस० जैसे अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों के इन्क्यूवेशन केन्द्रों से जुड़े शिक्षाविदों को भी उत्तराखण्ड में इस कार्यक्रम के जरिये शोध व नवाचार को बढ़ावा दिये जाने के लिए कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है।
हमारा देश पिछले कुछ वर्षो से तीन सबसे बड़े रक्षा उत्पाद आयातकों में बना हुआ है, जिससे वैश्विक रक्षा उत्पाद कंपनियों के लिए भारत एक पसंदीदा बाजार है और आने वाले कुछ वर्षो में हमारी सरकार द्वारा भारतीय रक्षा बलों के सैन्य उत्पादों पर करीब 220 अरब डॉलर खर्च करने का अनुमान है। रक्षा उत्पादों में आयात की निर्भरता कम करने और हमारी सरकार की रक्षा विनिर्माण” को तेजी से स्वदेशी बनाने की पहल को ध्यान में रखते हुए ही इस कार्यक्रम की योजना बनाई गयी है।
इसी कार्यक्रम के माध्यम से उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा परिसर में पूर्व से स्थापित “जनरल बिपिन रावत डिफेंस टेक्नोलॉजी लैब” तथा नव स्थापित “यू०टी०यू० इन्क्यूवेशन हब” में रक्षा उत्पादों के स्वदेशीकरण व तकनीकी के प्रयोग से नवीनीकरण हेतु अन्य शिक्षण संस्थानों में इनक्यूबेशन केन्द्र स्थापित कर इसके अधीन संचालित करने एवं अन्य स्टार्ट अप प्रारम्भ करने में इच्छुक संस्थानों व छात्रों को भी आमंत्रित किया गया है।