विधानसभा भर्ती घोटाले मैं विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी के सख्त एक्शन के बाद अब रितु खंडूरी कई लोगों के निशाने पर आ गई है। जिस के संकेत सोशल मीडिया पर देखे जा सकते हैं।
Ritu Khanduri on target of critics
उत्तराखंड में पहली बार विधानसभा में हुई तदर्थ नियुक्तियों को लेकर के इतना बड़ा एक्शन हुआ है उत्तराखंड की पहली महिला विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी ने विधानसभा में हुई बैक डोर भर्तियों को लेकर पहली बार इतना बड़ा कदम उठाया है कि वर्ष 2011 के बाद हुई सभी सदस्य नियुक्तियों को निरस्त करने का फैसला लिया है। विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी के इस फैसले के बाद जहां एक तरफ पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और वर्तमान कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के राजनीतिक कैरियर पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हुआ है तो वहीं दूसरी तरफ विधानसभा में पिछले कई सालों से काम कर रहे हैं 228 लोगों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ा है ऐसे में स्वाभाविक है कि रितु खंडूरी के इस फैसले से जहां एक तरफ जन भावनाओं का समर्थन है लेकिन दूसरी तरफ एक पक्ष ऐसा भी है जो कि बेहद नाराज है। विधान सभा अध्यक्ष रितु खंडूरी से इस नाराजगी का असर इन दिनों सोशल मीडिया पर देखा जा सकता है जहां पर कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के करीबी लगातार रितु खंडूरी के खिलाफ सोशल मीडिया पर बयान बाजी कर रहे हैं।
ऐसा ही एक सोशल मीडिया पोस्ट ऋषिकेश से वायरल हुआ है जहां पर कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के करीबी सुमित सेठी जोकि कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का खुद को सोशल मीडिया प्रभारी बता रहे हैं उन्होंने सोशल मीडिया पर विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी द्वारा की गई हालिया नियुक्तियों के संबंध में पोस्ट किया है और उसमें विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी के इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा है कि जहां एक तरफ विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी उत्तराखंड के 228 तदर्थ नियुक्तियों को निरस्त कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ उत्तराखंड के बाहर के लोगों को अपने स्टाफ में नियुक्त कर रही है जिसमें उन्होंने कहा है कि यह उत्तराखंड के स्थानीय लोगों के विरोध में लिया गया निर्णय है।
विधानसभा में ऋतु खंडूरी द्वारा की गई नियुक्तियों को लेकर पूछे जा रहे सवालों पर हालांकि विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी पहले ये साफ कर चुकी है की उनके द्वारा की गई नियुक्ति निसवर्गीय नियुक्तियां है और यह नियुक्तियां उनके पद के साथ ही समाप्त हो जायेगी। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया ही कि यह नियुक्ति उनके निजी स्टाफ की है ना की विधानसभा के किसी पद पर। उन्होंने खुल के तो नही कहा लेकिन उनका यह मानना है की अगर कोई भी व्यक्ति सिस्टम को साफ करना चाहता है या फिर इस तरह का कोई प्रयास करता है तो इस तरह की चुनौतियां सामने आना स्वाभाविक ही और उन्होंने यह भी स्पष्ट किया की वह किसी भी तरह के दबाव में नहीं आयेगी और विधानसभा में एक स्वस्थ और पारदर्शी व्यवस्था स्थापित कर राज्य और देश के सावंधानिक प्रतिष्ठित संस्थान पर लोगों का भरोसा वापिस लाने के लिए हर चुनौती का सामना करेंगी।
सोशल मीडिया पर भाजपा के ही लोगों द्वारा एक दूसरे के खिलाफ खींची जा रही इन तलवारों को लेकर कांग्रेस ने भी इस मामले को तत्काल प्रभाव से लगता है और ऋषिकेश के ही कांग्रेस नेता दीपक जाटव ने इसे सार्वजनिक तौर से भाजपा की पोल खोलते हुए बताया है उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं मैं भितरघात और आपसी मतभेद को विधानसभा भर्ती घोटाले ने सामने लाया है।
विधानसभा सचिव को गैरसैंण में किया अटैच
जहां एक तरफ विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी ने जन भावनाओं का सम्मान करते हुए और कुछ लोगों के विरोध का सामना करते हुए तमाम बड़े फैसले लिए तो वहीं दूसरी तरफ विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी ने सचिव पद से हटाए गए शैलेंद्र सिंगल को देहरादून से गैरसैंण के लिए रवाना कर दिया है और उन्हें भराड़ीसैंण में अटैच कर दिया गया है।