HarakSinghRawatcommentonVijayBahuguna

इन दिनों उत्तराखंड की राजनीति में सुर्खियां बटोरने वाले हरक सिंह रावत ने अब विजय बहुगुणा को भी नही बख्सा है। पत्रकारों से बातचीत में हरक सिंह रावत ने कहा विजय बहुगुणा जब उनसे मिलने आये थे तो उन्होंने बहुगुणा से कहा कि आप पिछेल चार, साढ़े चार साल में मेरे पास चाय पीने तक नही आये।

Harak Singh Rawat commented on Vijay Bahuguna who came to meet him

लंबे अंतराल के बाद अचानक उत्तराखंड किबसियासी पिक्चर में एंट्री मारने वाले पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा की मुलाकातों के कई मायने लगाए जा रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में दल बदल कर कांग्रेस से भाजपा में आने वाले विजय बहुगुणा की मुलाकातों की चर्चाएं इन दिनों सियासी गलियारों में खूब की जा रही है तो वहीं सियासी चर्चाओं के केंद्र में रहने वाले हरक सिंह रावत ने इस बार विजय बहुगुणा को भी अपने बयानों में फंसा दिया है। दरअसल पिछले चुनाव में कांग्रेस से भाजपा में गए पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे विजय बहुगुणा राजनीतिक लिहाज से पिछले 4 साल से बिल्कुल निष्क्रिय थे। वह केवल भाजपा की कोर ग्रुप की बैठक में नजर आते थे इसके अलावा राजनीतिक रूप से उनकी कोई खास सक्रियता देखने को नहीं मिली है। लिहाजा नजदीक आ रहे विधानसभा चुनाव 2022 से ठीक पहले उत्तराखंड में राजनीतिक माहौल गरमा रहे हरक सिंह रावत से मिलने पहुंचे विजय बहुगुणा ने एक और अपने बाकी साथी उमेश शर्मा काऊ से भी मुलाकात की। इन दोनों बागी नेताओं से मुलाकात करने के बाद विजय बहुगुणा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी मुलाकात। अलग-अलग नेताओं से हुई मुलाकात का पूरा लब्बोलुआब बहुगुणा ने मीडिया के सामने कुछ ऐसे रखा कि मानो कुछ हुआ ही न हो और उन्होंने कहा कि ये मुलाकाते सामान्य मुलाकातें हैं।

लेकिन दूसरी तरफ हरक सिंह रावत ने इशारों इशारों में बता दिया है कि यह मुलाकात कोई सामान्य मुलाकात नहीं है ।आगामी विधानसभा चुनाव 2022 से ठीक पहले राजनीतिक माहौल गरमाने वाले हरक सिंह रावत ने उनसे मिलने आए विजय बहुगुणा की मुलाकात पर चुटकी लेते हुए कहा कि जब बहुगुणा उनसे मिलने आए तो उन्होंने मजाकिया अंदाज में उन्होंने कहा कि आप पिछले 4, साढे 4 साल में दो मेरे घर पर चाय पीने तक नहीं आए हालांकि हरक सिंह रावत ने मुस्कुराते हुए आगे चुप्पी साध ली थी लेकिन भारत सिंह का यह बयान बताता है कि किस तरह से इस वक्त इन मुलाकातों के बड़े मायने हैं। हालांकि हरक सिंह रावत ने मामले को संभालते हुए यह भी कहा कि इस मुलाकात में कोई खास चर्चा नहीं हुई है और सब मिलकर भाजपा के लिए 2022 का चुनाव लड़ेंगे