उत्तराखंड में कोविड कर्फ्यू भले ही एक सप्ताह और आगे बढ़ा दिया गया है लेकिन काफी रियायतें भी सरकार द्वारा दी गयी है। जिसमे सबसे बड़ी रियायत पर्यटन और चारधाम यात्रा को लेकर है।
Uttarakhand Char Dham Yatra will start soon
उत्तराखंड में जैसे-जैसे कोविड-19 से हालात बेहतर हो रहे हैं वैसे वैसे जनजीवन को वापस पटरी पर लाने की दिशा में सरकार लगातार प्रयास कर रही है। जानकारों के मुताबिक अभी भी कोविड-19 का खतरा टला नहीं है और कोविड-19 की तीसरी लहर का खतरा लगातार बना हुआ है। लेकिन फिलहाल कोविड के कम होते आंकड़ों को देखते हुए सरकार द्वारा कोविड कर्फ्यू पूरी तरह से हटाया तो नहीं गया है लेकिन कई रियासतों के साथ इसे एक हफ्ते और आगे बढ़ाया गया है।
उत्तराखंड की आर्थिकी पर सबसे ज्यादा असर डालने वाले टूरिज्म सेक्टर को लेकर सरकार लगातार गंभीर है। इसी को देखते हुए सरकार द्वारा चार धाम यात्रा को चरणबद्ध तरीके से शुरू करने का फैसला लिया गया है। रविवार को शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कोविड कर्फ्यू को एक सप्ताह और आगे बढ़ाने के साथ-साथ चार धाम यात्रा को कुछ जिलों में शुरू करने का फैसला लिया गया है।
1 जुलाई से स्थानीय और 11 से पूरे राज्य के लिए खुलेगी यात्रा …
कैबिनेट मंत्री और शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने बताया कि प्रदेश में कोविड-19 के कम होते मामलों को देखते हुए प्रदेश में चार धाम यात्रा को चरणबद्ध तरीके से 1 जुलाई से शुरू किया जा रहा है। सुबोध उनियाल ने बताया कि 1 जुलाई से रुद्रप्रयाग जिले के लोगों के लिए केदारनाथ धाम, चमोली जिले के लोगों के लिए बद्रीनाथ धाम और उत्तरकाशी जिले के लोगों के लिए गंगोत्री यमुनोत्री धाम को खोला जाएगा। तो वहीं 11 जुलाई से पूरे राज्य के लोगों के लिए सभी धामों में यात्रा शुरू कर दी जाएगी।
राज्य में प्रवेश के लिए भी राहत –
सरकार द्वारा राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में आने वाले पर्यटकों को भी राहत देते हुए और बॉर्डर एरिया पर अब केवल rt-pcr टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता को खत्म कर एंटीजन और रैपिड टेस्ट की रिपोर्ट को भी मान्य किया गया है। शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने बताया कि चार धाम मंदिरों में प्रवेश के लिए और राज्य में प्रवेश के लिए आरटी पीसीआर टेस्ट, एंटीजन टेस्ट और रैपिड टेस्ट तीनों में से किसी की 72 घंटे पहले की नेगेटिव रिपोर्ट मान्य होगी।