उत्तराखंड के चमोली जिले के तपोवन में धौली गंगा और ऋषिगंगा नदी के ऊपर ग्लेशियर टूटने से एनटीपीसी और ऋषिगंगा पॉवर प्रोजेक्ट छतिग्रस्त होने से 150 लोगों के लापता होने की सूचना है।
सुबह 10:30 बजे की घटना
बीते तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश और बर्फबारी के बाद रविवार को उत्तराखंड में मौसम पूरी तरह से खुला था और अच्छी धूप खिली थी। इसी बीच सोशल मीडिया पर आई एक वीडियो ने प्रदेश में ही नही पूरे देश का ध्यान अपनी तरफ खींच लिया। दरअसल सुबह तकरीबन 10:30 बजे चमोली जिले के तपोवन के ऊपरी उच्च हिमालयी पहाड़ियों पर ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा और धौली गंगा नदी में बाढ़ आ गई और इस बाढ़ की चपेट में ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट और एनटीपीसी पॉवर प्रोजेक्ट दो डेम पूरी तरह ध्वस्त हो गए।
46 लोग अभी भी सुरंग में फसे हुए हैं।
चमोली के तपोवन में ग्लेशियर फटने से ध्वस्त हुए एनटीपीसी और ऋषिगंगा पॉवर प्रोजेक्ट में रविवार के दिन काम करने वाले रोस्टर में 150 लोगों की संख्या है जो कि पूरी तरह से लापता है। इसके अलावा यंहा चल रहे पॉवर प्रोजेक्ट में जमीन के अंदर मौजूद सुरंग में काम कर रहे 46 लोग मलवा आने से फस गए है जिन्हें अभी भी SDRf के मध्यम से रेस्क्यू किया जा रहा है। रविवार को आई इस दैवीय आपदा से हुए नुकसान में केवल इन दो प्रोजेक्ट में काम करने वाले ही नही बल्कि नीचे घाटी में कई अन्य लोग भी हो सकते हैं जिनकी जानकारी धीरे धीरे सामने आ रही है।
मुख्यमंत्री ने किया आपदा प्रवाहित क्षेत्रों का दौरा।
चमौली में सुबह सुबह हुई इस भीषण आपदा की सूचना सबसे पहले सोशल मीडिया पर स्थानीय लोगों द्वारा फ़ोटो वीडियो डाल कर दी गयी तो वहीं उत्तराखंड आपदा प्रबंधन में इस घटना की रिपोर्ट 10:50 पर की गई। इसके बाद पहले तो सवा 12 बजे के करीब मुख्यमंत्री द्वारा अपने ऑफिसिल अकाउंट से आपदा और रेस्कू कि जानकारी दी और 1 बजे से पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत देहरादून पुलिस लाइन से आपदा प्रवाहित क्षेत्रों के लिए रवाना हो गए।
आपदा कंट्रोल में दिन भर रही अफरा तफरी
चमौली तपोवन में हुई ग्लेशिय टूटने की सूचना मिलते ही उत्तराखंड स्टेट आपदा कंट्रोल रूम में चहल पहल बढ़ गयी। एसडीआरएफ की डीआईजी रिधिमा अग्रवाल और आपदा नियंत्रण के अडिशनल सीईओ पियुष रौतेंला के अलावा मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट भी स्टेट कंटोल रुम में पहुंचे और हालातों का जायजा लिया। आपदा प्रबंधन द्वारा सभी प्रभावित क्षेत्रों में सर्च एन्ड रेस्कू के लिए एसडीआरएफ की टीम को तैनात किया गया साथ ही निचले इलाकों में नदी के किनारे खाली करवाया गया।
मुख्यसचिव भी पहुंचे आपदा कंट्रोल रूम।
जंहा एक तरफ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत दैवीय आपदा की सूचना मिलते ही प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर निकले तो वहीं दूसरी तरफ मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने आपदा कंट्रोल रूम में कमान संभाली और उन्होंने कंट्रोल रूम में आकर हालातों के अपडेट लिए और जल्द से जल्द प्रभावित इलाकों में राहत बचाव कार्य करने के निर्देश दिए।
सुरंग में फसे 46 लोगों में 16 लोगों को किया गया है रेस्क्यू…
चमौली में आई दैवीय आपदा में 150 से 200 लोग लापता थे जिनमे से 46 लोग दो अलग अलग टनल में फंसे हुए थे जिसमें से बताया जा रहा है कि 16 लोगों को निकाला जा चुका है।