उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रविवार को गैरसैंण में जाकर त्रिवेंद्र रावत की ग्रीष्मकालीन सरकार को जोर जोर से आवाज लगाकर पुकारा।
उत्तराखंड से कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत रविवार को गैरसैण पहुंचे जहां उन्होंने मौजूदा त्रिवेंद्र सरकार की ग्रीष्मकालीन राजधानी की घोषणा की जमीनी हकीकत देखने और दिखाने की कोशिश की इस मौके पर उनके साथ कांग्रेस के कई दूसरे नेता भी मौजूद रहे।
कांग्रेस नेता हरीश रावत ने एक हफ्ते पहले ही ऐलान किया था कि वह उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी मैं के नाम पर की गई कोरी घोषणा की जमीनी हकीकत को सबके सामने लेकर आएंगे। उन्होंने ट्वीट करके कहा था कि 15 सितंबर तक ग्रीष्म काल माना जाता है और उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी का कामकाज भी इस दौरान देखा जाना चाहिए।
रविवार को गैरसैंण में अपने कांग्रेसी नेताओं के साथ हरीश रावत ने त्रिवेंद्र सरकार से जवाब मांगा कि आखिर ग्रीष्मकालीन राजधानी के नाम पर प्रदेश के लोगों से छलावा क्यों किया जा रहा है। उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को गैरसैंण के भराड़ीसैंण में मौजूद विधानसभा भवन के सामने जोर-जोर से पुकारा और ग्रीष्मकालीन सरकार को गैरसैंण में ढूंढने की कोशिश की।
हरीश रावत के अनुसार ग्रीष्मकालीन राजधानी की घोषणा होने के बावजूद भी सरकार अपना सारा कामकाज पूर्व की तरह देहरादून से ही चला रही है। और गैरसैंण के नाम पर केवल एक कोरी घोषणा के अलावा कुछ भी और काम नहीं किया गया है। जिसको लेकर उन्होंने प्रदेशवासियों से भी अपील की कि सरकार से इस घोषणा को लेकर सवाल किया जाए।