हिमालय की गोद में अलकनंदा नदी के रिंज पर बसा है
जोशीमठ शहर
देश के लिए धार्मिक, पर्यटन और सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण
जोशीमठ शहर
आठवीं सदी में स्वयं आदि गुरु शंकराचार्य ने जोशीमठ मेंं ज्योतिर्मठ की स्थापना की थी।
चीन सीमा से मात्र 100 किलोमीटर दूर
जोशीमठ
में भारतीय सेना का एक बड़ा बेस कैंप भी हैं।
जोशीमठ
बद्रीनाथ यात्रा के लिए बेहद महत्वपूर्ण पड़ाव है। बद्रीनाथ जाने वाले यात्री जोशीमठ से होकर गुजरते हैं
जोशीमठ
से कुछ ही किलोमीटर दूर औली विंटर गेम्स के लिए आज अंतर्राष्ट्रीय डेस्टिनेशन के रूप में उभर कर आया है।
इसी साल 2023 की शुरुआत में जोशीमठ शहर में बड़ी-बड़ी दरें जमीनों में और मकान में देखने को मिली।
केंद्र और राज्य सरकार की तकनीकी एजेंसियों द्वारा कई महीनों तक की गई गहन इन्वेस्टिगेशन के बाद
NDMA
में अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
NDMA ने अपनी रिपोर्ट में जोशीमठ के कुछ इलाकों को
हाई रिस्क जोन
में बदल दिया है। और फिलहाल नए निर्माण पर भी रोक लगा दी हैं।
जोशीमठ शहर के विस्थापन और पुनर्निर्माण
को लेकर उत्तराखंड सरकार और भारत सरकार ने 1800 करोड़ का प्लान तैयार किया हैं।