उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय (UTU) के कुलपति प्रोफेसर ओंकार सिंह ने आज, दिनांक 11 अक्तूबर 2023 को रूड़की क्षेत्र में विश्वविद्यालय से एफिलिएटिड फार्मेसी कालेज– आर.सी.पी., इंजीनियरिंग कालेज- आई. टी. आर. और मैनेजमेंट संस्थान- आर. सी. एम. का अकैडमिक औचक निरीक्षण किया, विजिट के दौरान क्लास से छात्रों के न होने पर कॉलेज प्रबंधन को दी सख्त हिदायत |
UTU Vice Chancler Surprise Visit
यू.टी.यू के कुलपति प्रोफेसर ओंकार सिंह के द्वारा रुड़की के 3 कॉलेजों में किए गए अचानक विजिट के दौरान जब कुलपति कक्षाओं में पहुंचे तो उन्हें फार्मेसी कालेज में फर्स्ट ईयर और फोर्थ ईयर के छात्र कक्षा में नहीं थे, प्रोफेसर ओंकार सिंह को कक्षाएं खाली मिली। सेकंड ईयर की कक्षा मे भी पंजीकृत 28 छात्रों में से केवल चार छात्र ही कक्षा में उपस्थित थे।
कक्षाओं के नही बनाए अटेंडेंस रजिस्टर | UTU Vice Chancler Surprise Visit
कक्षाओं की व्यवस्था देखा कुलपति ने तत्काल अकैडमिक प्रशासन को छात्रों के उपस्थित रजिस्टर मांगे तो वह भी आज तक नहीं बने और न ही छात्रों की लैब कराईं जाती हैं जो कि अत्यंत ही गंभीर और चिंताजनक है जबकि विश्वविद्यालय का अकैडमिक सत्र 16 अगस्त से शुरू हो चुका था। कुलपति द्वारा अपने सामने ही उपस्थित रजिस्टर तैयार करवाए। यही नहीं इन कालेजों द्वारा विश्वविद्यालय को भी उपस्थित का रिकॉर्ड नहीं भेजा गया। फार्मेसी कालेज जैसी स्थिति आई. टी. आर. इंजीनियरिंग कालेज और आर.सी.एम. मैनेजमेंट कालेज की भी निरीक्षण के दौरान सामने आई है।
कुलपति ने दी सख्त हिदायत | UTU Vice Chancler Surprise Visit
तीनों कालेजों की स्थिति देख कुलपति बेहद नाराज हुए तथा उन्होंने कालेज प्रबंधन और कालेज अकैडमिक प्रशासन को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि अकैडमिक व्यवस्था को ध्वस्त करने वाले वातावरण में तत्काल कालेज सुधाकर करें अन्यथा विश्वविद्यालय को संस्थानों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई करने की प्रक्रिया अपनानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि छात्रों के भविष्य के साथ इस तरह का खिलवाड़ ना करें अन्यथा विश्वविद्यालय को मजबूरन किसी अन्य विकल्प पर विचार करने को मजबूर होना पड़ेगा।
नही सुधरे जाने पर होगी सख्त कार्यवाही | UTU Vice Chancler Surprise Visit
कुलपति ने भविष्य के लिए चेतावनी देते हुए कहा कि तत्काल शैक्षणिक वातावरण को दुरुस्त करे और इस तरह की पुनरावृत्ति पाई जाती है तो छात्रों के हित में संस्थानों के खिलाफ विश्वविद्यालय द्वारा की जाने वाली कार्रवाई के लिए संस्थान स्वयं जिम्मेदार होंगे।