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उत्तराखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (utu) द्वारा अपने संबद्ध एवं परिसर संस्थानों में अध्ययनरत बी टेक और बी फार्म के अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए इंटर  कॉलेजिएट प्रोजेक्ट कंपटीशन का आयोजन शुक्रवार को विश्विद्यालय के परिसर महिला प्रौद्योगिकी संस्थान में आयोजित किया गया। उक्त प्रतियोगिता में  प्रतिभाग हेतु कुल 22 टीमों द्वारा पंजीकरण करवाया था और अंतिम रूप से 14 टीमों द्वारा प्रतिभा किया गया है।

UTU Intercollegiate Project Competition

इस प्रतियोगिता में  विश्वविद्यालय के आईटी गोपेश्वर कैंपस के  मैकेनिकल इंजीनियरिंग  के छात्र  यश गुप्ता की टीम ने प्रथम स्थान प्राप्त किया जिसमें इस संस्थान के छात्रों का इंटर कॉलेजिएट कंपटीशन हेतु प्रतियोगिता का टॉपिक “थ्री इन वन मल्टीफंक्शन सिस्टम (एसी/ रेफ्रिजरेटर/ वाटर हीटर)” के संबंध में अपना प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया गया जिसे जजों द्वारा आकलन कर प्रथम स्थान प्रदान किया गया।

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वहीं दूसरी ओर विश्वविद्यालय के महिला प्रौद्योगिकी संस्थान परिसर देहरादून की इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की  छात्रा शिवांगी सैनी की टीम ने अपने टॉपिक “”UNO का उपयोग करके ड्राइवर सुरक्षा के लिए एंटी स्लीपर अलार्म” पर आधारित प्रोजेक्ट के माध्यम से अपनी प्रस्तुति दी गई जिसे दूसरा स्थान हासिल हुआ है। साथ ही इस प्रतियोगिता में तीसरा स्थान प्राप्त करने वाली नन्ही परी सीमांत इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट पिथौरागढ़ परिसर के सिविल इंजीनियरिंग के छात्र अमन संतोलिया की टीम  ने “बेकार प्लास्टिक टाइल्स” पर आधारित प्रोजेक्ट का प्रेजेंटेशन दिया गया जिसमें इन्हें इस प्रतियोगिता में तीसरा स्थान प्राप्त हुआ।

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आज महिला प्रौद्योगिकी संस्थान परिसर में आयोजित इंटर कॉलेज कंपटीशन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त टीम को 6000 व द्वितीय स्थान प्राप्त टीम को 5000 तथा तृतीय स्थान प्राप्त टीम को 4000 की पुरस्कार राशि प्रदान की गई। उक्त प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय के फाउंडर कुलपति प्रोफेसर वी.के. तिवारी,  आईआईटी रुड़की के सिविल इंजीनियरिंग विभाग की रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ ए .के. आहूजा और  डॉक्टर वी.के. पटेल  परीक्षा नियंत्रक उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय  ने बतौर जज के रूप में प्रतिभाग किया और उक्त प्रेजेंटेशन प्रतियोगिता का आकलन करते हुए परिणाम जारी किया गया।

इस अवसर पर कुलपति प्रो ओंकार सिंह ने कहा कि छात्रों को अपनी सृजनात्मक  क्षमता का उपयोग समाजोपयोगी तकनीक, उपकरण, सामग्री आदि को तैयार करने के लिए करना चाहिए। कुलपति ने छात्रों को विश्वद्यालय द्वारा अंतिम वर्ष के छात्रों हेतु आर्थिक सहायता दिए जाने की योजना की जानकारी दी और आश्वासन दिया कि किसी भी नए आइडिया पर काम करने में धन की कमी नहीं होती है बल्कि कमी कहीं न कहीं इच्छाशक्ति की होती है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा प्रोजेक्ट में गुणात्मक सुधार के लिए अपने समस्त संस्थानों को तृतीय वर्ष से ही प्रोजेक्ट कराने के निर्देश दिए हैं। प्रो सिंह ने विजेता टीमों से अपने प्रोजेक्ट कार्यों को उत्कृष्ट बनाते हुए इन्हें व्यवसायिक स्तर पर ले जाने की अपेक्षा की। इस  प्रतियोगिता का आयोजन  सफलतापूर्वक कराई जाने में महिला  प्रौद्योगिकी संस्थान परिसर के निदेशक, डॉ मनोज कुमार पांडा और फैकेल्टी आफ टेक्नोलॉजी के  शिक्षक डॉ संदीप नेगी प्रो मनोज पांडा तथा डा संदीप नेगी ने एम भूमिका निभाई है।