उत्तराखंड का सहकारिता (Uttarakhand cooperative) विभाग ध्यान लंबे समय से घाटे की मार झेल रहा था तो वहीं अब सहकारिता बैंक लगातार मुनाफे में जा रहा है। वहीं विभागीय मंत्री और सचिव पूरे सहकारिता विभाग पर लगाम लगाए हुए हैं।
Uttarakhand cooperative progress
लंबे समय के बाद लगातार मुनाफे में को-ऑपरेटिव बैंक
राज्य बनने के बाद से लेकर अब तक लगातार घाटे में चल रहा सहकारिता विभाग अक्सर आलोचनाओं का भागीदार बना रहता था लेकिन पिछले कुछ सालों से सहकारिता विभाग में लगातार प्रगति देखने को मिल रही है तो वही 8 मार्च फाइनल के बाद सहकारिता विभाग के मुनाफे में गजब का उछाल देखने को मिला है।
ताजा आंकड़ों के अनुसार राज्य के जिला सहकारी बैंक लाभ की स्थिति में है। 31 मार्च 2022 तक राज्य की डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव बैंकों ने 161करोड़ रुपए का सकल लाभ कमाया है। और जिला बार डिस्टिक कोऑपरेटिव बैंक की बात करें तो..
जिलावार सहकरिता बैंको का मुनाफा
- देहरादून डीसीबी 1228.34 लाख ,
- कोटद्वार डीसीबी 1300.00 लाख,
- चमोली डीसीबी 1588.25 लाख,
- उत्तर काशी डीसीबी 1292.28 लाख,
- ऊधमसिंग नगर डीसीबी 1140.81 लाख ,
- नैनीताल डीसीबी 625.00, लाख ,
- टिहरी डीसीबी 1475.10 लाख ,
- पिथौरागढ़ डीसीबी 1711.38 लाख,
- अल्मोड़ा डीसीबी 1056.16 लाख ,
वहीं इसके अलावा राज्य सहकारी बैंक 4444.63 लाख सहित 11 बैंकों का 1615 9 .4 6 लाख लाभ हैं।
डिपॉजिट कम होने पर नाराज मंत्री
बीते दिनों हुई एक समीक्षा बैठक में सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने सहकारिता बैंकों में कोरोना काल से इस वर्ष डिपॉजिट कम होने पर नाराजगी जताई। डिपाजिट बढ़ाने के लिए उन्होंने बैंकों अफसरों से व्यक्तिगत प्रयास करें। और टारगेट्स पर कार्य करें। विभागिय अधिकारियों में बताया कि सहकारिता के अंतर्गत दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के अंतर्गत अक्टूबर 2017 से 31 मार्च 2022 तक कुल 611192 लाभार्थियों और 3731 स्वयं सहायता समूह को कुल रुपए 3425. 59 करोड़ का ऋण वितरण किया जा चुका है।
सचिव समझ रहे हैं वीभाग कि बारीकियां
सहकारिता वीभाग की नई नई जिम्मेदारी संभाल रहे सचिव डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम सहकारिता को बारीकी से जानने के लिए गांव और न्याय पंचायत स्तर पर सहकारी समितियों के निरीक्षण करने पहुँच रहे हैं। देहरादून जोगीवाला में मौजूद बहुउद्देशीय अजबपुर कलां किसान सेवा सहकारी समिति लि0 में उन्होंने निरीक्षण कर विभागिय सचिव पुरषोत्तम ने एक एक चीज की जानकारी बारीकी से हासिल की। औरलगातार सचिव इस तरह के निरीक्षण कर रहे हैं।
जोगीवाला अजबपुर कलां किसान सेवा समिति पहुँचकर विभागिय सचिव ने पाया कि यह समिति अपने आप में राज्य में बड़ी समितियों में से एक है। अजबपुर समिति की स्थापना 1977 में हुई थी वर्तमान में इस समिति में एक न्याय पंचायत 12 गांव आते हैं। समिति ने खाद बीज का व्यवसाय 1 साल में 8 लाख 92 हज़ार किया है। इस समिति का डिपॉजिट गत वर्ष 63 करोड़ 59 लाख15 हज़ार रुपये है। समिति में एक करोड़ 61रुपए प्रॉफिट कमाया है। सचिव पुरुषोत्तम ने समिति के कर्मचारियों से उनकी सीट पर जाकर बैंकिंग प्रक्रिया के बारे में जाना। गौरतलब है कि अजबपुर समिति का 2021 में पूर्णता कंप्यूटराइजेशन हो गया था।