उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग UKSSSC की दिसंबर माह में हुई ग्रैजुएट लेवल की परीक्षाओं में हुई धांधली को लेकर एसटीएफ ने आज बड़े कार्यवाही की है। जिसके बाद 6 लोगों की गिरफ्तारी हुई है और अब तक 37 लाख नकद बरामद किये गये हैं। जानिए कैसे पेपर लीक करने को लेकर रचा गया चक्रव्यूह….
uksssc exam paper leak
UKSSSC परीक्षा धांधली में 6 गिरफ्तार, 37 लाख नगद बरामद
![UKSSSC धांधली : परीक्षा से पहले रात भर रामनगर रिजॉर्ट में होती थी लीक पेपर की तैयारी, 6 गिरफ्तार, 37 लाख बरामद, जाने पूरी पठकथा। uksssc exam paper leak 2 IMG 20220724 WA0020](https://khabarwithcover.com/wp-content/uploads/2022/07/IMG-20220724-WA0020-300x225.jpg)
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में फर्जीवाड़े को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है जिसमे परीक्षा करवाने वाली कंपनी के टेक्निकल स्टाफ, आयोग के होमगार्ड, कुछ कोचिंग संचालक और कुछ अभ्यर्थियों द्वारा मिल कर इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया गया है और इस पूरे मामले में तकरीबन 60 लाख के फर्जीवाड़े का अनुमान लगाया जा रहा है जिसमे से आज 37 लाख नकद बरामद किए गए हैं। DiG STF सेंथिल अबुदई ने मीडिया के सामने इस खुलासे को करते हुए बताया कि उत्तराखण्ड राज्य में अधीनस्थ चयन सेवा आयोग उत्तराखण्ड देहरादून द्वारा वर्ष 2021 में स्नातक स्तरीय परीक्षाऐं संचालित कराई गई थी ।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर हुई कार्यवाही।
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दिसम्बर 2021 के पहले सप्ताह में हुई स्नातक स्तरीय परीक्षा में उत्तराखंड के करीब 1.60 लाख युवाओं द्वारा बढ चढ कर भाग लिया गया था। परीक्षा परिणाम के बाद कई छात्र संगठनों ने इस परीक्षा को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से परीक्षा में हुई गड़बड़ी की आशंका को लेकर शिकायत की थी जिस पर सीएम धामी ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए तत्काल फैसला लेते हुए उक्त परीक्षा की अनियमितता के सम्बन्ध में मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए जिस पर थाना रायपुर में धारा 420 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया और उसी दिन DGP अशोक कुमार ने इस मामले को स्पेशल टास्क फोर्स STF को ट्रांसफर किया गया। इस मामले पर त्वरित कार्यवाही करते हुए DiG एसटीएफ के नेतृत्व में एसएसपी स्पेशल टास्क फोर्स ने अलग-अलग टीमें बनाकर परीक्षा अनियमितताओं के सम्बन्ध में गोपनीय जानकारी जुटा कर 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। STF की टीम ने दिसम्बर 2021 के पहले सप्ताह में अधीनस्थ चयन सेवा आयोग उत्तराखण्ड द्वारा करवाई गई परीक्षा में अनियमितता के सम्बन्ध में जांच कर सबूत जुटाते हुए 6 लोगों को गिरफ्तार किया है।
एसे रचा गया धांधली का चक्रव्यूह
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एसटीएफ STF Uttarakhand द्वारा गिरफ्तार किये गये 6 लोगों में से मनोज जोशी जो कि देहरादून रायपुर में मौजूद अधीनस्थ चयन सेवा आयोग UKSSSC कार्यालय में PRD फोर्थ क्लास कर्मचारी के रूप में काम कर रहा था हालांकि इस से पहले वर्ष 2018 में शिकायत पर पीआरडी कर्मचारी को हटा दिया गया था लेकिन ये अभी वहीं कार्यरत था। इसके अलावा जयजित दास जो आयोग की परीक्षा कराने वाली आउटसोर्सिंग कम्पनी आर0एम0एस0 टेक्नोसोल्यूशन इण्डिया प्रा0लि0 में कंप्यूटर ऑपरेटर या फिर टेक्निशियन के रूप में वर्ष 2015 से कार्यरत था। इन दोनो लोगों ने मिल कर आयोग की परीक्षाओं से संबंधित प्रश्न पत्र लीक किये। लेकिन प्रश्न पत्र लीक करके उसे प्रशन प्रत्र के बदले मोटी रकम चुकाने वाले अभ्यर्थी तक पहुंचाना इतना आसान नही था जिस काम के लिए इनके साथ 4 और लोगों ने मिल कर काम को अंजाम दिया। मनोज जोशी और जयजित दास की आपस में अच्छी जान पहचान थी क्योंकि दोनो का संबध आयोग से था तो वहीं आयोग कार्यालय पर एक और मनोज जोशी जो कि चंपावत के रहने वाले थे उनका परीक्षाओं के सम्बन्ध में जानकारी को लेकर आना जाना लगा रहता था क्योंकि वह भी परीक्षा की तैयारी कर रहा था और इसी दौरान दोनो मनोज जोशी और आउटसोर्सिंग कम्पनी आर0एम0एस0 के कंप्यूटर ऑपरेटर जयजित दास की आपस में जान पहचान हुई। अब यहां पर खेल शुरू होता कोचिंग सेंटर के गिरोह का। दरअसल UKSSSC कार्यालय पर अक्सर आने वाला मनोज जोशी जो कि खुद परीक्षा की तैयारी कर रहा था वह एक देहरादून करनपुर में मौजूद डेल्टा डिफेन्स कोचिंग इंस्टीट्यूट में कोचिंग लेता था और वहीं उसकी जान पहचान इंस्टीट्यूट के मालिक और डायरेक्टर कुलवीर सिंह चौहान से हुई और कुलवीर के माध्यम से इन सभी चारों लोगों की जिसमें दो मनोज जोशी एक PRD कर्मचारी, एक परीक्षा की तैयारी कर रहा अभ्यर्थी, कम्प्यूटर आपरेटर जयजित दास और डेल्टा के मालिक कुलवीर के साथ विकासनगर रहने वाला शुरवीर चौहान जुड़ गया। अब यह पांच लोग इस पूरे षड्यंत्र में शामिल हो गये। इसी दौरान मनोज जोशी जो कि परीक्षा की तैयारी कर रहा था उसकी मुलाकात सितारगंज के एक और ऐसे अभ्यर्थी गौरव नेगी से मुलाकात होती है जो कि uksssc की परिक्षा की तैयार भी कर रहा था और किच्छा में एक प्राइवेट स्कूल में टीचिंग भी करता था। इस तरह से यह 6 आरोपी जो अब तक गिरफ्तार किये गये हैं एक दूसरे के संपर्क में आये और कोचिंग मालिक कुलवीर और उसके दोस्त शूरवीर ने पहले UKSSSC कार्यालय में अपनी जान पहचान बताने वाले मनोज और उसके माध्यम से दूसरे मनोज PRD कर्मचारी और फिर कंप्यूटर ऑपरेटर जयजित तक 60 लाख रुपये पहुंचाये गये।
UKSSSC परीक्षा से ठीक पहले रात भर रिसोर्ट में लग्जरी तैयारी ।
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जैसा कि आपको बताया गया है कि ये 6 लोग एक दूसरे के सम्पर्क में थे और इसमें सबसे महत्वपूर्ण कड़ी जयजित दास जो कि UKSSSC की परीक्षा करवाने वाली आउटसोर्सिंग एजेंसी आर0एम0एस0 टेक्नोसोल्यूशन इण्डिया प्रा0लि0 में कम्प्यूटर ऑपरेटर का काम करता था और इसके पास प्रश्न पत्रों का एक्सेस था और वह उन्हें ट्रैक भी कर पाता था और वह पेपर में से कुछ सवालों को लीक कर देता था। जयजित दास को पीआरडी कर्मचारी मनोज ने 4 और 5 दिसंबर 2021 को होने वाली स्नातक स्तर की परीक्षाओं को लेकर एक दिन पहले पेपर लीक करने को कहा गया। दरअसल 4 और 5 दिसंबर को 3-3 अलग अलग पालियों में कई स्नातक स्तर की कई पोस्ट के लिए परीक्षा होनी थी जिसमें ग्राम विकास अधिकारी, कनिष्ठ सहायक इत्यादि कई परीक्षाओं के लिए तकरीबन 1.6 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इसी दौरान परीक्षा से ठीक एक दिन पहले पेपर लीक करके इन 6 के 6 लोगों ने मिल कर रामनगर एक लग्जरी रिजॉर्ट में 1 दिन पहले 3 कमरे बुक कर के परीक्षा से ठीक पहली रात भर इन लीक हुए प्रश्न पत्रों से तैयारी करवाई और फिर अगली सुबह सभी अभ्यर्थियों को एग्जाम सेंटर छोड़ दिया गया। अंजाम ये रहा कि इन 6 आरोपियों में से खुद इन परीक्षाओं में बैठे दो लोग मनोज और गौरव ने भी परीक्षा पास की और मनोज को 42 और गौरव को 53 रैंक प्राप्त हुई । इस पूरी परीक्षा में कुल 913 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। हालांकि इनमें से कौन चिंटिग कर के और कौन सही तरीके से पास हुआ इसको लेकर एसटीएफ अभी और तफ्शीस कर रही है।
भर्ती आयोग और परीक्षा करवाने वाली एजेंसी पर भी कार्यवाही की तलवार
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इस पूरे मामले पर पुलिस की STF टीम ने हालांकि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग और आयोग की परीक्षा करवाने वाली एजेंसी पर ज्यादा कुछ नहीं का है। लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि इन दोनों संस्थाओं पर भी जांच की आंच आ सकती है। बहरहाल सवाल यह है कि जिस परीक्षा एजेंसी से के कर्मचारी द्वारा प्रश्न पत्र लीक किए गए क्या वह एजेंसी अभी भी आयोग के साथ कार्यरत है और क्या अभी भी वहीं परीक्षाएं करवाती रहेगी। तो वहीं आयोग की तरफ से भी क्या केवल पीआरडी जवान ही इस खेल में संलिप्त था या फिर इसमें कुछ और लोगों के हाथ भी हो सकते हैं। इस पूरे मामले पर शासन स्तर से भी जरूरी कार्यवाही की उम्मीद की जा रही है