SportspolicyofUttarakhand

मंगलवार 23 नवंबर को सचिवालय में होने जा रही है मंत्रिमंडल की बैठक में उत्तराखंड की खेल नीति पर मुहर लग सकती है खुद मुख्यमंत्री ने इस संबंध में संकेत दिए हैं तो वहीं उत्तराखंड की नई खेल नीति किस तरह की होगी और इससे खिलाड़ियों को क्या लाभ मिलेगा यह जानना जरूरी है।

Some important points related to the new sports policy of Uttarakhand

लंबे समस से लटकी हुई उत्तराखंड की खेल नीति शायद अब आखिरकार धारातल पर जल्द नजर आएगी। वैसे तो यह नई खेल नीति अक्टूबर 2020 में ही कैबिनेट में पास हो चुकी थी। लेकिन कुछ तकनीकी दिक्कतों के चलते यह भी लागू नहीं हो पाई है और कुछ संसोधन के बाद अब कल होने वाली कैबिनेट की बैठक में उत्तराखंड की खेल नीति को मंजूरी मिल सकती है। उत्तराखंड की नई खेल नीति से उत्तराखंड के खिलाड़ियों पर क्या असर पड़ेगा और यह उत्तराखंड में खिलाड़ी के भविष्य को कैसे सुरक्षित करेगी जानते हैं

खिलाड़ियों को मिलेगी सरकारी नौकरी

खिलाड़ियों को खेल के प्रति आकर्षित करने के लिए इस नई खेल नीति में यह प्रावधान रखा गया है कि जो खिलाड़ी ओलंपिक में मेडल जीतेगा उसे समूह ‘क’ और जो कॉमनवेल्थ में मेडल जीतेगा उसे समूह ‘ख’ में सरकारी नौकरी दी जाएगी। इसके अलावा जो खिलाड़ी नेशनल या इंटरनेशनल स्तर पर मेडल जीतकर आता है तो उसे समूह ‘ग’ में सरकारी नौकरी दी जाएगी। इसके अतिरिक्त ट्रेनिंग के दौरान बच्चों के लिए अतिरिक्त फंड की भी व्यवस्था पर विचार किया जा रहा है ताकि बच्चों को ट्रेनिंग लेने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो। 

पदक विजेताओ को पुरस्कार का प्रावधान

नई खेल नीति मैं विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में पदक हासिल करने वाले खिलाड़ियों को नगद पुरस्कार दिए जाने का प्रावधान किया गया है। ओलंपिक खेल में स्वर्ण पदक जीतने वाले खिलाड़ी को दो करोड़, रजत पदक जीतने पर डेढ़ करोड़, कांस्य पदक जीतने पर एक करोड़ और ओलंपिक खेल में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ी को 10 लाख रुपए की धनराशि पुरस्कार के रूप में दिए जाने का प्रावधान रखा गया है। 

  • विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतने पर 30 लाख, रजत पदक जीतने पर 20 लाख, कांस्य पदक जीतने पर 15 लाख और प्रतिभाग करने पर 2 लाख रुपये दिए जाएंगे।
  • एशियन खेल में स्वर्ण पदक जीतने पर 30 लाख, रजत पदक जीतने पर 20 लाख, कांस्य पदक जीतने पर 15 लाख और प्रतिभाग करने पर 1 लाख रुपये की धनराशि पुरस्कार के रूप में दी जाएगी। 
  • राष्ट्रमंडल खेल में स्वर्ण पदक जीतने पर 20 लाख, रजत पदक जीतने पर 15 लाख, कांस्य पदक जीतने पर 10 लाख और प्रतिभाग करने पर 75 हज़ार रुपये की धनराशि पुरस्कार के रूप में दी जाएगी। 
  • एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने पर 12 लाख, रजत पदक जीतने पर 8 लाख, कांस्य पदक जीतने पर 6 लाख की धनराशि पुरस्कार के रूप में दी जाएगी। 
  • कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने पर 6 लाख, रजत पदक जीतने पर 4 लाख, कांस्य पदक जीतने पर 3 लाख की धनराशि पुरस्कार के रूप में दी जाएगी। 
  • यूथ ओलंपिक खेल में स्वर्ण पदक जीतने पर 6 लाख, रजत पदक जीतने पर 4 लाख, कांस्य पदक जीतने पर 3 लाख की धनराशि पुरस्कार के रूप में दी जाएगी। 
  • सैफ खेल में स्वर्ण पदक जीतने पर 6 लाख, रजत पदक जीतने पर 4 लाख, कांस्य पदक जीतने पर 3 लाख की धनराशि पुरस्कार के रूप में दी जाएगी। 
  • राष्ट्रीय खेल में स्वर्ण पदक जीतने पर 6 लाख, रजत पदक जीतने पर 4 लाख, कांस्य पदक जीतने पर 3 लाख की धनराशि पुरस्कार के रूप में दी जाएगी। 
  • यूथ राष्ट्रमंडल खेल में स्वर्ण पदक जीतने पर 4 लाख, रजत पदक जीतने पर 3 लाख, कांस्य पदक जीतने पर 2 लाख की धनराशि पुरस्कार के रूप में दी जाएगी। 
  • यूथ एशियन खेल में स्वर्ण पदक जीतने पर 4 लाख, रजत पदक जीतने पर 3 लाख, कांस्य पदक जीतने पर 2 लाख की धनराशि पुरस्कार के रूप में दी जाएगी।
  • राष्ट्रीय चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने पर 2 लाख, रजत पदक जीतने पर 1 लाख, कांस्य पदक जीतने पर 75 हज़ार रुपये की धनराशि पुरस्कार के रूप में दी जाएगी।
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उत्तराखंड की नई खेल नीति के कुछ अन्य महत्वपूर्ण प्रवधान

  • – खेल संस्कृति के विकास हेतु व्यापक जन जागरूकता अभियान ‘खेल-खेल में’ प्रारम्भ किया जायेगा। 
  • – खेलों में एवं नागरिकों के जीवन में योग को समावेशित करने हेतु विविध स्तरों पर ‘योग से निरोग’ कार्यक्रम प्रारम्भ किया जायेगा। 
  • – खेलों को प्राथमिकता के आधार पर विभाजित कर 5-10-15 वर्षों की खेल विकास योजना प्रयोग में लाई जायेगी।
  • – राज्य में ग्राम स्तर से नगर निगम क्षेत्र तक खेल अवस्थापना सुविधा विकसित की जायेगी एंव ‘राज्य खेल ग्रिड’ नामक नेटवर्क बनाया जायेगा।
  • – खेल प्रतिभाओं के कौशल विकास हेतु ‘catch them Young की नीति का प्रयोग कर ग्रामीण स्तर से लेकर उच्च स्तरीय खेल प्रशिक्षण विभिन्न स्तरों पर उपलब्ध कराया जायेगा। इसके लिए ‘अंतरराष्ट्रीय खेल विनिमय कार्यक्रम संचालित किया जायेगा।
  • -खिलाड़ियों को प्राथमिक प्रशिक्षण सुविधा अन्तर्विभागीय सहयोग के माध्यम से एवं उच्च स्तरीय प्रशिक्षण Center of Excellence में उपलब्ध कराया जायेगा। 
  • – खिलाड़ियों को खेल प्रतियोगिता में प्रतिभाग कराने के लिए न्याय पंचायत से राज्य स्तर तक की प्रतियोगिताओं के आयोजन का विस्तार किया जायेगा। महिला एवं दिव्यांग खेलकूद को समेकित रूप से विस्तारित किया जायेगा। महिलाओं को खेलों से जोड़ने एवं उनमें आत्मरक्षा की भावना विकसित करने के दृष्टिगत बॉक्सिंग, जूडो, कराटे, ताइक्वांडो, किक बॉक्सिंग जैसे खेलों का विशेष प्रशिक्षण दिया जायेगा।
  • – खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने हेतु विभिन्न स्तरों पर पदक विजेता खिलाड़ियों को नकद पुरस्कार उपलब्ध कराया जायेगा। 
  • – उत्कृष्ट खेल प्रतिभाओं को ‘देवभूमि खेल रत्न पुरस्कार’ के साथ ‘हिमालय पुत्र खेल पुरस्कार प्रदान किये जायेगें।
  • – खिलाड़ियों के कल्याणार्थ बीमा/आर्थिक सहायता खेल उपकरणों/ किट हेतु अनुदान एवं राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने हेतु आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जायेगी। 
  • – उदीयमान खिलाड़ियों को खेल में आगे लाने एवं मनोबल के विकास हेतु 08 से 14 वर्ष के बालक-बालिकाओं को ‘मुख्यमंत्री खिलाड़ी उन्नयन छात्रवृत्ति’ उपलब्ध करायी जायेगी। 
  • – खिलाड़ियों एवं प्रशिक्षकों को खेल संबंधी आवश्यकता उन्नयन एवं प्रोत्साहन संबंधी कार्यों हेतु ‘एकल खिड़की समाधान योजना प्रारम्भ की जायेगी। 
  • – खिलाड़ियों को खेल में पूर्ण मनोयोग से जुड़ने हेतु उनके कैरियर में सहयोग देने हेतु महाविद्यालयों/व्यावसायिक पाठ्यक्रमों/विश्वविद्यालयों में प्रवेश हेतु 05 प्रतिशत कोटा उपलब्ध करया जायेगा। 
  • – उत्कृष्ट खिलाड़ियों/पदक विजेताओं को उनकी प्रतियोगिता के स्तर के अनुरूप विशेष नियुक्ति उपलब्ध करायी जायेगी। जिससे राज्य में खेलों के विकास हेतु विस्तार प्राप्त होगा।
  • – राज्याधीन सेवारत खिलाड़ियों को उनके खेलों में प्रदर्शन के आधार पर विभिन्न सुविधायें उपलब्ध करायी जायेंगी।
  • – खेल क्षेत्र से जुड़े स्वरोजगार को विकसित करने विभिन्न स्वरोजगारपरक प्रशिक्षण कार्यक्रम खेल विभाग द्वारा खेल विकास संस्थान के माध्यम से आयोजित किये जाने का प्रस्ताव है। 
  • – खेलों के विकास में, अवस्थापना सुविधा विकास, प्रशिक्षण कार्यक्रमों में, खेल प्रोत्साहन, प्रतियोगिताओं हेतु निजी क्षेत्र की सहभागिता को बढ़ावा दिया जायेगा।