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शुक्रवार को उत्तराखंड सचिवालय में तथाकथित तौर से सचिवालय संघ का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया था लेकिन शपथ ग्रहण कार्य्रकम की ऐसी बेकद्री हुई कि अब इस कार्य्रकम के आयोजकों को जवाब देना भारी पड़ सकता हैं।

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सचिवालय संघ चुनाव पर अभी चल रही है जांच-

सचिवालय संघ के पूर्व अध्यक्ष दीपक जोशी अपने इसी दबंग रवैया के चलते अक्सर विवादों में रहते हैं तो वहीं एक बार फिर से सचिवालय संघ में के चुनाव में विजय हासिल करने के बाद दीपक जोशी शपथ ग्रहण से पहले ही चर्चाओं में विवादों में फंसते नजर आ रहे हैं।दरअसल विगत माह 22 जनवरी 2021को सचिवालय संघ के द्विवार्षिक चुनाव प्रक्रिया संपन्न हुई थी जिसमें दीपक जोशी को सचिवालय संघ के अध्यक्ष पद पर विजय घोषित किया गया था लेकिन उनके प्रतिद्वंद्वी नरेंद्र रतूड़ी द्वारा चुनाव प्रक्रिया पर सवाल खड़े करते हुए जांच की मांग की थी जिस पर शासन द्वारा 11 फरवरी को जांच गठित कर दी गयी और 12 फरवरी को आदेश जारी करते हुए 14 दिन के भीतर जांच की आख्या के साथ साथ शपथ समारोह पर भी रोक लगा दी गयी थी।

बिना अनुमति के शपथ ग्रहण समारोह में नही आया कोई–

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इसके बावजूद आज यानी 26 फरवरी को सचिवालय में सचिवालय संघ के नवनिर्वाचित पैनल ने शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया हालांकि इस पर शासन की अनुमति प्राप्त नहीं थी शासन का यह साफ तौर से कहना है कि कोविड-19 के निर्देशों के चलते इस कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी गई थी। लेकिन इसके बावजूद भी शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया जिसमें ना तो मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल आए और ना ही विशिष्ट अतिथि मुख्य सचिव ओमप्रकाश आए इतना ही नहीं शपथ समारोह में कर्मचारी भी दूर से ही इस कार्यक्रम को देखते रहे कुर्सियां खाली पड़ी रही।

सीएम को हुआ डिस्टर्ब तो काट दी बिजली-

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सचिवालय संघ द्वारा शपथ ग्रहण समारोह का समय 12:00 बजे रखा गया था और पूर्व नियोजित कार्यक्रम के अनुसार 12:00 बजे मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल और विशिष्ट अतिथि मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने शपथ समारोह में नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को शपथ दिलाने थी लेकिन 12:00 बजे कार्यक्रम स्थल पर ना तो मुख्य अतिथि पहुंचे और ना ही शपथ समारोह कार्यक्रम में लगाई गई कुर्सियों पर कोई कर्मचारी पहुंचा तकरीबन 90 फ़ीसदी कुर्सियां खाली रही इसके बाद काफी देर तक सांस्कृतिक कार्यक्रम चलते रहे जिनका चोर सचिवालय मुख्य बिल्डिंग में मौजूद मुख्यमंत्री के कार्यालय तक जा रहा था जहां पर 12:45 बजे मुख्यमंत्री की केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग होनी थी इस शोर के चलते सचिवालय के सुरक्षाकर्मी इस शपथ समारोह में पहुंचे और पहले तो कार्यक्रम में हो रहे शोरगुल को कम करने के लिए कहा और बाद में कार्यक्रम की बिजली काट दी गई।

अनुशासन हीनता बताते हुए शाशन ने जारी किया नोटिस-

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बहरहाल सचिवालय संघ के नवनिर्वाचित पैनल द्वारा अपने आप ही अपना शपथ ग्रहण कर लिया गया मन को तसल्ली दे दी गई लेकिन यह संघ के पदाधिकारियों की ज्यादा देर तक नहीं थी कि क्योंकि अपर मुख्य सचिव कार्मिक राधा रतूड़ी द्वारा सचिवालय संघ के पदाधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है। शासन द्वारा जारी हुए नोटिस में संघ से जवाब मांगा गया है कि बिना शासन की अनुमति के इस शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन कैसे किया गया है जोकि उत्तराखंड राज्य कर्मचारी आचरण नियमावली और शासन के आदेशों की अवहेलना है। शासन द्वारा सचिवालय संघ द्वारा की गई इस अनुशासनहीनता पर 3 दिनों के भीतर जवाब मांगा गया है और यदि जवाब नहीं दिया जाता है तो संघ पर एक तरफा कार्यवाही की जाएगी।