नेशनल बुक ट्रस्ट ऑफ इंडिया की मोबाइल प्रदर्शनी का योगनगरी ऋषिकेश (Rishikesh) महापौर ने किया शुभारंभ। पुस्तकों द्वारा बौद्धिक एवं मानसिक विकास संभव-अनिता ममगाई।
Anita mamgai on ganga pustak parikarma
(Rishikesh) ऋषिकेश : शनिवार को की महापौर अनिता ममगाई गंगा तट त्रिवेणी घाट पर गंगा पुस्तक परिक्रमा के शुभारंभ मौके पर बतौर मुख्यातिथि के रूप में उपस्थित रही। इस मौके पर उन्होंने कहा कि किताबें हमारी सच्ची साथी होती हैं। इसे न सिर्फ एक आर्थिक संसाधन के रूप देखना चाहिए बल्कि इससे पढ़ने की क्षमता बढ़ती है। छात्र-छात्राओं को अधिक से अधिक किताबें पढ़नी चाहिए।
नेशनल बुक ट्रस्ट ऑफ इंडिया के तत्वावधान में त्रिवेणी घाट Rishikesh पुस्तकों की मोबाइल प्रदर्शनी के उद्वाटन के लिए पहुंची महापौर ने कहा कि पुस्तक हमेशा से ही प्रेरणाश्रोत रही हैं, लेकिन आज खेदजनक पहलू यह है कि कंप्यूटरीकृत इस युग में पुस्तकों का क्रेज काफी कम होता जा रहा है। ऐसे में आज स्कूली बच्चों के साथ साथ आम लोगों में भी पुस्तकों के प्रति जागरूकता लाना जरूरी है। इसी तरह के आयोजन लोगों में पुस्तकों के प्रति जागरूकता पैदा करते हैं। उन्होंने कहा कि पुस्तकें ज्ञान का भंडार होती हैं तथा पुस्तकों द्वारा ही हमारा बौद्धिक एवं मानसिक विकास संभव होता है। ज्ञान प्राप्ति का सर्वश्रेष्ठ साधन होने के साथ-साथ, पुस्तकें हमें सामाजिक व्यवहार, संस्कार, कर्तव्यनिष्ठा जैसे गुणों के संवर्धन में सहायक सिद्ध होती हैं तथा प्रबुद्ध नागरिक बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
अनिता ममगाई ने कहा कि जिस प्रकार संतुलित आहार हमारे शरीर को पुष्ट करता है, उसी प्रकार पुस्तकें हमारे मस्तिष्क की भूख को मिटाती हैं। समाज के परिष्कार, व्यावहारिक ज्ञान में वृद्धि एवं कार्यक्षमता तथा कार्यकुशलता के पोषण में भी पुस्तकों की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। पुस्तकों के अध्ययन से हमारा एकाकीपन भी दूर होता है। कार्यक्रम के उपरांत अगले गंतव्य के लिए महापौर ने सचल वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर कार्यक्रम आयोजक स्वाति बड़ोला सीनियर इवेंट एग्जीक्यूटिव नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया,रोहित कुमार डागर, सार्थक अस्वाल, सुशील कुमार,पार्षद मनीष बनवाल, विजय बडोनी, पवन शर्मा, विवेक गोस्वामी, अजय कालड़ा, राहुल पाल आदि मोजूद रहे।