Protest Ban in uttarakhand for next 6 months

उत्तराखंड में चार धाम यात्रा कांवड़ यात्रा और मानसून को देखते हुए अगले छह महीनों के लिए हड़ताल करने पर बैन लगाया गया है। बैन का पालन न करने वालों पर एस्मा लागू किया जाएगा |

Protest Ban in uttarakhand for next 6 months

उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में अगले 6 महीने तक किसी भी प्रकार की हड़ताल पर बैन लगा दिया है। बैन के बावजूद यदि कोई कर्मचारी हड़ताल करता पाया जाता है तो उस पर एस्मा लागू किया जाएगा। आपको बता दें कि राज्य कर्मचारियों की हड़ताल पर रोक लगाने का फैसला सरकार ने चार धाम यात्रा, मॉनसून सीजन और कावड़ यात्रा को देखते हुए लिया है।

कार्मिक सचिव ने जारी किए आदेश | Protest Ban in uttarakhand for next 6 months

 

Protest Ban in uttarakhand for next 6 months

उत्तराखंड में हड़ताल पर लगे 6 महीने के बैन के आदेश कार्मिक सचिव शैलेश बगौली ने जारी किए हैं। चार धाम यात्रा के चलते लाखों श्रद्धालु और गर्मी के मौसम के कारण पर्यटकों की भीड़ से उत्तराखंड पैक है। हर तरह की चौकसी रखने के लिए प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों की हड़ताल पर रोक लगाई है।

6 महीनों के लिए हड़ताल पर बैन | Protest Ban in uttarakhand for next 6 months

कार्मिक सचिव के द्वारा जारी आदेश के अनुसार उत्तर प्रदेश अत्यावश्यक सेवाओं का अनुसरण अधिनियम 1966 की धारा 3 की उप धारा में अधीन शक्तियों के चलते राज्यपाल की तरफ से छह महीनों के लिए राज्य अधीन सेवाओं में हड़ताल पर प्रतिबंध लगाया गया है। आदेश का पालन न करने वाले कर्मचारी संगठन पर एस्मा लागू किया जाएगा।

क्या है एस्मा ? ASMA

आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (Essential Services Maintenance Act) यानी एस्मा हड़ताल रोकने के लिए लगाया जाता है। एस्मा लागू करने से पहले इससे जुड़े हुए कर्मचारियों को समाचार पत्रों और सूचना के अन्य माध्यमों के जरिए सूचित किया जाता है। एस्मा ज्यादातर छह महीनों के लिए लागू किया जाता है एस्मा लागू होने के बाद यदि कोई कर्मचारी हड़ताल पर जाते हैं तो उनकी हड़ताल अवैध और दंडनीय मानी जाती है। क्रिमिनल प्रोसीजर 1988 (5 ऑफ1898) के अंतर्गत एस्मा लागू होने के बाद इस आदेश से संबंधित किसी भी कर्मचारी को बिना वारंट के गिरफ्तार किया जा सकता है।