अगर आप उत्तराखंड से हैं तो Whatsapp पर “Pahari Swag” स्टीकर आपके बात करने का एक्सपीरियंस बदल देंगे।
गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक और गांव से लेकर शहर तक व्हाट्सएप (whatsapp) आज हर कोई इस्तेमाल कर रहा है, तो अब आप व्हाट्सएप पर अपनी पहाड़ी फील ले सकते हैं और आप व्हाट्सएप पर फूल टू पहाड़ी स्वेग में बात कर सकते हैं जो कि आपके बात करने के एक्सपीरियंस को गजब कर देगा।
Whatsapp पर भी गढ़वाली स्वेग
ऑनलाइन चैटिंग के लिए आज दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाला चैटिंग ऐप व्हाट्सएप हम सबकी पहली पसंद बन चुका है। हमारे मोबाइल में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले वाली एप्लीकेशन में व्हाट्सएप पहले स्थान पर है ऐसे में जहां व्हाट्सएप ने हर किसी क्षेत्र, समाज और वर्ग में अपनी जगह बनाई है तो वही उत्तराखंड के पहाड़ी एक्सेन्ट के स्टीकर को भी आप व्हाट्सएप पर अब “Pahari Swag” नाम की एक एप्लीकेशन के जरिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
Whatsapp पर अब “Pahari Swag”
इस एप्लीकेशन में आपको केवल गढ़वाली एक्सेंट के स्टीकर ही नहीं बल्कि इसके अलावा और भी कई फीचर मिलेंगे। जैसे कि शादी के लिए इनविटेशन या फिर बधाई कार्ड भी आप बना सकते हैं। जिसको बनाने के लिए आपको डिफॉल्ट स्टीकर मिलेंगे जिसमें आप अपनी डीटेल्स भर के अपना खुद का इनविटेशन स्टिकर बना सकते हैं। इसके अलावा आपको व्हाट्सएप स्टेटस के साथ ओर भी कई तरह के फीचर्स मिल जाते हैं। तो वहीं इस ऐप में एक खास बात यह है कि इसमें गढ़वाली भाषा को संरक्षण और बढ़ावा देने के लिए हमारी भाषा नाम से एक ऑप्शन है जिसमें गढ़वाली भाषा की कई शब्दों का अर्थ भी बताया गया है।
Whatsapp Pahari Swag
गूगल प्ले स्टोर पर आप अगर उत्तराखंड स्टीकर के नाम से सर्च करेंगे तो आपको “Pahari Swag” एप्लीकेशन दिख जाएगी जिसे आप अपने मोबाइल में इंस्टॉल कर सकते हैं। और इस एप्लीकेशन को मोबाइल में इंस्टॉल करने के बाद आपको इसमें कई तरह के फीचर मिलेंगे जिसमें आपको हमारे पहाड़ों में अमूमन बोले जाने वाले एक्सेन्ट के स्टीकर मिलेंगे जिन्हें हम अक्सर गढ़वाली में बोला करते हैं। आप इस एप्लीकेशन को नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके भी पा सकते हैं।
Link:- https://play.google.com/store/apps/details?id=com.pst.ukstiker
Whatsapp पर “Pahari Swag”
“Pahari Swag” एप डेवलपर ने बताया कि पिछले 10 से 15 दिनों में 14 हजार लोगों ने इस एप्लीकेशन को डाउनलोड किया है और इसकी करंट रेटिंग 4.8 की है। साथ ही उन्होंने बताया कि लोगों के फीडबैक और रिस्पांस के आधार पर वह आगे इस तरह के और भी कई फीचर्स अगले वर्जन में लेकर आएंगे। फिलहाल यह एप्लीकेशन केवल एंड्रॉयड यूजर्स के लिए उपलब्ध है लेकिन लोगों की डिमांड को देखते हुए इसे iOS पर भी लाया जा सकता है।
उत्तराखंड के कल्चर को ध्यान में रखते हुए बनाई गई यह एप निश्चित तौर से उत्तराखंड के कल्चर और भाषा को बढ़ावा देती है। साथ ही यह पहल हमे अपने उत्तराखंड से जोड़े रखने का एक प्रयास है। इसके अलावा यह एक सीख भी है कि हम नई तकनीक और ट्रेंड में रहकर भी अपनी जड़ों के जुड़े रह सकते है और अपनी मातृभूमि, कल्चर के लिए अपना योगदान दे सकते हैं।