8 जून पूरे विश्व में वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर (world brain tumor day) के रूप में मनाया गया। इस दिन को ब्रेन ट्यूमर के प्रति लोगों को जागरूक करने और ब्रेन ट्यूमर के इलाज और लक्षण को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए इस दिन को वर्ल्ड ब्रेन टयूमर डे के रूप में मनाया जाता है।
Max Hospita on World brain tumor day
10 लाख में से 4 लोगों को ब्रेन ट्यूमर
पूरे विश्व में 8 जून को वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर के रूप में मनाया जाता है तो वहीं इस मौके पर आइए जानते हैं ब्रेन ट्यूमर को लेकर कुछ ऐसे तथ्य जोकि बेहद चौंकाने वाले हैं। पूरी दुनिया की अगर बात की जाए तो में 10 लाख लोगों में से प्रति चार लोगों को ब्रेन ट्यूमर की शिकायत होती है। ब्रेन ट्यूमर भी दो प्रकार का होता है एक बिना कैंसर वाला ब्रेन ट्यूमर जैसे कि नॉन कैंसर ब्रेन ट्यूमर कहते हैं और यह 80 फ़ीसदी मामलों में देखने को मिलता है तो वही सबसे खतरनाक कैंसर वाला ट्यूमर जिसे कि कैंसर ट्यूमर कहते हैं 20% मरीजों में यह देखने को मिलता है। बिना कैंसर वाले ब्रेन ट्यूमर का अगर समय पर इलाज कर दिया जाए तो बीमारी में 100 फ़ीसदी सही होने के संभावना होती है तो वहीं अगर कैंसर वाले ब्रेन ट्यूमर को भी सही समय पर डायग्नोस्कैन जाए तो पेशेंट के सरवाइव ऑल टाइम को बढ़ाया जा सकता है। पूरे विश्व में और भारत में भी मोटेलिटी रेट पर ब्रेन ट्यूमर चौथे नंबर पर है। ब्रेन ट्यूमर अगर केंसर वाला है जिसमें तो बेहद कम समय मे मरीज की मौत हो जाती है। बताया जाता है कि GBM ब्रेन ट्यूमर एक ऐसा ट्यूमर है जो कि 3 महीने में मरीज की जान ले लेता है लेकिन अगर समय से मरीज को उपचार मिल जाए तो मरीज 3 सालों तक सरवाइव कर सकता है यानी कि उसके जीवन के तीन महीनों को बेहतर उपचार के जरिए 3 सालों तक बढ़ाया जा सकता है और ट्यूमर अगर बिना कैंसर का हुआ तो मरीज पूरी तरह से ठीक हो सकता है ऐसे में आज हमें ब्रेन ट्यूमर के बारे में और उसके लक्षण को लेकर सही से जानने की जरूरत है।
जागरूकता से ब्रेन ट्यूमर से लड़ाई आसान
न्यूरो सर्जरी के सीनियर कंसलटेंट डॉ एएम ठाकुर ने बताया कि ब्रेन ट्यूमर से लड़ने के लिए और जागरूकता एक सबसे बड़ा हथियार है। उन्होंने कहा कि इस जागरूकता के हथियार को मजबूत करने के लिए आज 8 जून का दिन वर्ल्ड ब्रेन टयूमर डे के रूप में मनाया जाता है और उस दिन हम सब ब्रेन ट्यूमर के प्रति जागरूकता को आगे बढ़ाने का काम करते हैं उन्होंने कहा कि शरीर में बनने वाले किसी भी ट्यूमर का सटीक कारण नहीं पता किया जा सकता है बचाव इसी में है कि जैसे ही आपको कुछ लक्षण दिखाई दें आप इसकी प्रॉपर जांच करवाएं।
इलाज से डरे नही, ब्रेन ट्यूमर के लक्षण समझे
न्यूरो सर्जरी के कंसल्टेंट डॉक्टर को बिहारी सारस्वत ने बताया कि विनिमय लक्षणों को पहचानना बेहद जरुरी है ताकि समय से उपचार शुरू कर दिया जाए। उन्होंने अपनी एक केस को साझा करते हुए कहां थी एक 44 वर्षीय महिला ने उन्हें न्यूरो सर्जरी ओपीडी में दिखाया था जिसको पिछले 3 वर्षों से दाहिनी आंख में लगातार नजर कमजोर हो रही थी और साथ में उन्हें सिर दर्द की शिकायत भी थी जिसके बाद उसका MRI किया गया और जांच करने पर नाक और आंख के अंदरूनी हिस्से ने उन्हें ट्यूमर देखने को मिला जो कि दाई ओर से ऑप्टिकल तंत्रिका को संकुचित कर रहा था इस बेहद जटिल मामले को सुप्राऑर्बिटल की होल विधि के जरिए हटाया गया। उन्होंने बताया कि मरीज को सिर्फ एक रात के लिए आईसीयू में रखा गया और अगली सुबह उसे जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया और तीसरे दिन हॉस्पिटल से छुट्टी कर दी गई उन्होंने बताया कि हमें इलाज से घबराना नहीं चाहिए और ब्रेन ट्यूमर के लक्षणों को समझना चाहिए।
ब्रेन ट्यूमर की मरीज सरिता संधू ने साझा की अनुभव
ब्रेन ट्यूमर से ग्रसित रही देहरादून निवासी सरिता संधू ने बताया कि उन्होंने इस बीमारी को झेला है और अब वह पूरी तरह से ठीक है उन्होंने बाकी सभी मरीजों को और इस बीमारी से जूझ रहे लोगों को सलाह दी है कि इस बीमारी से डरे नहीं और डटकर सामना करें सरिता संधू का कहना है कि बीमारी को समझे लक्ष्मण को पहचाने और समय से डॉक्टर के पास जाएं उन्होंने अपने बीमारी और उपचार का अनुभव साझा करते हुए कहा कि उनका इलाज बेहद आसानी से हुआ है इसकी वजह यही है कि वह समय रहते डॉक्टर के पास आई थी और आज वह ठीक होकर घर जा रहे हैं।