चमोली जिले के पौराणिक शहर जोशीमठ शहर में लगातार हो रहे भू धसाव (Joshimath landslide) को लेकर जिला प्रशासन ने चिंता जाहिर करते हुए शासन को चेताया है जिसके बाद शासन ने एक जांच टीम जोशीमठ शहर इस संदेश के लिए भेजी है।
Joshimath landslide problem
हमें एक्सक्लूसिव जानकारी मिली है। चमोली जिला प्रशासन ने लगातार जोशीमठ शहर में हो रहे भू धसाव को लेकर उत्तराखंड शासन को आगाह किया है।जिलाधिकारी चमोली ने चमोली में हो रहे लगातार बहु धसाव को लेकर शासन को पत्र भेजा है। चमोली जिला प्रशासन के इस पत्र पर उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग ने तत्काल प्रभाव से संज्ञान लेते हुए अपर सचिव आपदा प्रबंधन जितेंद्र कुमार सोनकर के अध्यक्षता में एक टेक्निकल टीम गठित की है और इस टीम को स्थलीय निरीक्षण के लिए। इस टेक्निकल टीम में IIT रुड़की, ISRO, GSI, सर्वे आफ इंडिया और आपदा प्रबंधन के अधिकारी टीम में शामिल हैं। यह टीम 20 अगस्त को जोशीमठ में स्थलीय निरीक्षण करके वापस लौटेगी जिस पर रिपोर्ट तैयार करके शासन को दी जाएगी।
जोशीमठ में लगातार हो रहे भेदभाव को लेकर शासन द्वारा गठित की गई जांच के अध्यक्ष आपदा अपर सचिव जितेंद्र कुमार सोनकर को बनाया गया है तो वहीं ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए इंद्र कुमार सोनकर ने बताया कि जोशीमठ में स्थलीय निरीक्षण और सर्वे का काम शुरू हो चुका है और जल्दी वह खुद भी इसलिए निरीक्षण के लिए जोशीमठ जाएंगे जिसके बाद एक विस्तृत रिपोर्ट शासन को पेश की जाएगी।
आपको बता दें कि केवल पर्यटन के दृष्टिकोण से ही नहीं बल्कि सामरिक दृष्टिकोण से भी जोशीमठ में हो रहा भू धसाव बेहद खतरनाक है क्योंकि जोशीमठ में भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस आइटीबीपी का एक बड़ा बेस कैंप है तो वहीं इसके अलावा जोशीमठ शहर बदरीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब की यात्रा का भी मुख्य पड़ाव है