उत्तराखंड के सबसे ज्यादा हाई प्रोफाइल जिले की जिम्मेदारी अब IAS अधिकारी सोनिका के कंधों पर है। उनको DM Dehradun से पहले ही CEO स्मार्ट सिटी की जिम्मेदारी दे दी गई थी और उसके बाद अब DM देहरादून का उन्होंने चार्ज संभाल दिया है। बतौर जिलाधिकारी देहरादून की जिम्मेदारी संभालना और ऊपर से विवादों में रहने वाली स्मार्ट सिटी की जिम्मेदारी स्मभलाना अपने आप में एक बड़ी चुनौती है।
IAS sonika DM dehradun
कांटो भरा ताज देहरादून जिलाधिकारी की जिम्मेदारी
उत्तराखंड में ब्यूरोक्रेसी की चर्चाएं आम है। शासन से लेकर जिलों तक के प्रशासनिक अधिकारयों के फेर बदल उत्तराखंड में आम बात है लेकिन कुछ जिम्मेदारियां ऐसी है जो प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर हर एक IAS अधिकारी को खुद के परखने के लिए सबसे बेहतर नियुक्तियां है। पूरे प्रदेश में सबसे हाई प्रोफाइल नियुक्तियों में देहरादून DM की पोस्टिंग सबसे महत्वपूर्ण है। देहरादून जिला एक ऐसा जिला ही जहां पर मुख्यमंत्री खुद हर चीज की मॉनिटरिंग करते हैं। कहते हैं की देहरादून में पत्ता भी हिलता है तो मुख्यमंत्री तक बात पहुंचती है और पूरी जिम्मेदारी जिले के जिलाधिकारी की होती है ऐसे में जरा सी भी लापरवाही नुकसान देह हो सकती है। लब्बो लुआब ये है की देहरादून जिलाधिकारी की कुर्सी बेहद चुनौती वाली और मेहनत वाली है यानी की कुल मिलाकर देहरादून DM की कुर्सी हर एक अधिकारी के लिए कांटो भरा ताज है। ये इतिहास रहा है कि जिस किसी ने भी ये कांटो भरा ताज पहना है या तो उनकी नैया पार हुई है या फिर नैया डूब ही गई है। ताजा उदाहरण पिछली पोस्टिंग का है जहां DM को ऐसे हटाया गया की उन्हें कोई चार्ज भी नही दिया गया और अब तक वेटिंग (बाध्य प्रतीक्षा) में रखा गया है हालांकि इसके पीछे क्या कुछ वजह रही होंगी ये अलग मसला है, ब्यूरोक्रेसी में सभी को सारी बातों का अनुमान रहता है।
IAS सोनिका को बड़ी जिम्मेदारी
देहरादून जिले की जिम्मेदारी बतौर जिलाधिकारी IAS अधिकारी सोनिका को दी गई है। उन्होंने सोमवार को चार्ज लेने के बाद मीडिया से बात करते हुए अपनी प्राथमिकता गिनवाई। इस दौरान उन्होंने बताया कि उनकी पहली प्राथमिकता स्मार्ट सिटी के कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करने की ताकि अन्य कार्य का काम जल्द से जल्द शुरू किया जा सके। उसके साथ ही उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि अवैध खनन हो या फिर ओवर रेटिंग सभी पर जो भी अवैध कार्य होंगे उन पर रोक लगाई जाएगी और अगर पहले से खनन और ओवररेटिंग का अभियान पहले सफल रहा है तो आने वाले समय भी इसे जारी रखा जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सभी अधिकारियों के साथ बैठक कर सभी को निर्देश भी दिए गए हैं कि किसी भी तरह का अवैध कार्य करने वालों पर तुरंत कार्रवाई की जाए इसके साथ ही आज उन्होंने जनता दरबार भी लगाया जिसमें 20 से 25 शिकायत आई और जिनका समय पर ही निस्तारण भी किया गया।
विवादों से घिरी स्मार्ट सिटी का भी सोनिका पर दारोदमार
देहरादून को स्मार्ट सिटी बनाने की कल्पना के साथ उतारे गए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में जितने मुकाम हासिल किए हैं उसे ज्यादा आलोचनाएं स्मार्ट सिटी के हाथ लगी है। लगातार विपक्ष से लेकर कोई अलग-अलग मौकों पर स्मार्ट सिटी की खामियां जग जाहिर हुई है। स्मार्ट सिटी में कई घोटालों के आरोप लगे हैं तो वही अब तक जिसे स्मार्ट सिटी की जिम्मेदारी दी गई है उसी के पास देहरादून जिला अधिकारी की जिम्मेदारी भी रही है यही वजह है कि और जिलाधिकारी रहते स्मार्ट सिटी की जिम्मेदारी संभालना अधिकारियों के लिए चुनौती भरा रहा है और अब एक बार फिर से जिला अधिकारी के रूप में तैनात किए गए आइए सोनिका को स्मार्ट सिटी भी बनाया गया है और यह उनकी दोहरी जिम्मेदारी है और वो इस से किस खूबसूरती के साथ निपटती यह उनके अनुभव और कार्यशैली का परिचय रहेगा।