जिस तरह से उत्तराखंड में मौसम का रेड अलर्ट था उसका असर जल्द ही उत्तराखंड में देखने को मिल गया। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार तीन दिन से प्रदेश में भारी बारिश हुई और इसका अंजाम यह हुआ कि मात्र 18 और 19 अक्टूबर को उत्तराखंड में 48 घंटे के भीतर 23 लोग आपदा की वजह से काल के ग्रास में समा गये। उत्तराखंड में घटे इन 48 घंटों की क्या है ताजा अपडेट और राज्य में कहां कहां पर कितना नुकसान हुआ है जाने
flood in Uttarakhand, 23 deaths within 48 hours, current situation in uttarakhand disaster
उत्तराखंड समय खराब मौसम की वजह से नाजुक हालातों से गुजर रहा है हालांकि प्रदेश सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार भी लगातार हालातों पर नजर बनाए हुए हैं तो वहीं पिछले 48 घंटे से लगातार हो रही बारिश के बाद मैदान से लेकर पहाड़ों पर क्या कुछ हालात है कितना नुकसान हुआ है और नदियों की क्या कुछ स्थिति है तो वही सड़के कहां का अवरुद्ध है। इस पर उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा लगातार नजर बनाए हुए हैं तो वहीं पीएम मोदी और कल केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी उत्तराखंड के हालातों को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से जानकारी ली है तो वही अब तक के प्रदेश के हालातों पर अगर नजर डालें तो आपदा प्रबंधन की रिपोर्ट कुछ इस तरह से आंकड़े पेश करती है।
48 घण्टे में 23 मौतें (मौत के आंकड़े लगातर बढ़ रहे हैं, अनधिकृत जानकारी के अनुसार 44 लोगों की मौत हो चुकी है)
- पौड़ी में 03 मौतें 18 अक्टूबर 2021
- चंपावत में 02 मौतें 18 अक्टूबर 2021
- पिथौरागढ़ में 01 मौतें 18 अक्टूबर 2021
- नैनीताल में 13 मौतें 19 अक्टूबर 2021
- अल्मोड़ा में 04 मौतें 19 अक्टूबर 2021
जिलावार नदियों सड़कों और बरसात के हालात
चमोली में 4 मजदूर मलबे में दबे
चमोली जिले में बीती रात करीब 1:00 बजे मूसलाधार बारिश के चलते जोशीमठ मखंड़ी के पास लैंडस्लाइड होने से 4 मजदूर, जिनमें से 3 महिला और एक पुरुष थे की दबने की सूचना मिली जिसमें से एक महिला घायल है और अन्य लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। जिले में अब तक अधिकतम वर्षा 185mm जोशीमठ क्षेत्र में दर्ज की गई है।
चमोली में बहने वाली नदियों की अगर हम बात करें तो–
अलकनंदा नदी (चमोली)
– 955.30M(खतरे का स्तर- 957.42M)
नंदाकिनी नदी (नंदप्रयाग)
– 868.25M (खतरे का स्तर- 871.50M)
पिंडर नदी (कर्णप्रयाग)
– 771M (खतरे का स्तर- 773.00M)
देहरादून जिले में लगातार हो रही बारिश के बाद अब तक अधिकतम वर्षा ऋषिकेश में 52.0 mm दर्ज की गई है तो वहीं इसके अलावा देहरादून जिले में 01 ग्रामीण मार्ग यातायात के लिए अवरुद्ध है जिन्हें खोलने की कार्रवाई चल रही है।
हरिद्वार जिले में भी लगातार भारी बारिश हो रही है और गंगा नदी अपने खतरे के निशान से ऊपर है। हरिद्वार में कोई सड़क मार्ग को अवरुद्ध नहीं है लेकिन जिले में अब तक अधिकतम बारिश रुड़की में 50MM दर्ज की जा चुकी है तो वहीं हरिद्वार में गंगा नदी का जलस्तर 291.05 मीटर पर है जबकि खतरे का स्तर 294.00 मीटर है।
पौड़ी जिले में 18 अक्टूबर को 03 लोगों की मौत हुई तो वहीं लगातार बारिश हो रही है जिले में अब तक सबसे ज्यादा श्रीनगर में 131MM बारिश दर्ज की गई है। मार्गों की बात करें तो 1 जिला मार्ग और 4 ग्रामिण मार्ग बंद है।
उत्तरकाशी जिले में भी लगातार बारिश हो रही है जिले में अधिकतम बारिश 64mm उत्तरकाशी शहर क्षेत्र में दर्ज की गई है। नदी के जल स्तर की बात करें तो भागीरथी नदी का जलस्तर सुबह 8:00 बजे 1119.05 मीटर था और खतरे का स्तर 1123.00 मीटर है। मार्गों की बात करें तो ऋषिकेश गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 108 स्वारीगाड और हर्सिल के पास लैंडस्लाइड होने की वजह से बाधित है और इसके अलावा उत्तरकाशी जिले में 03 अन्य ग्रामीण मार्ग अवरुद्ध है।
रुद्रप्रयाग जिले में वर्षा के अब तक सबसे अधिकतम आंकड़े उखीमठ में 60.0 एमएम दर्ज की गई है नदियों के स्तर की बात करें तो रुद्रप्रयाग में बहने वाली नदी अलकनंदा का जलस्तर 627 मीटर है जबकि खतरे का स्तर 627 मीटर है इसके अलावा मंदाकिनी नदी 625 मीटर पर बह रही है जबकि खतरे का स्तर 626 मीटर है। मार्गो की अगर बात करें तो सभी राजमार्ग और ग्रामीण सड़कें खुली हुई है।
टिहरी जिले में मौजूद प्रदेश के सबसे बड़े बांध टिहरी बांध का जलस्तर 827 पॉइंट 70 मीटर जबकि बांध का अधिकतम जलस्तर 830 मीटर है। वर्षा के आंकड़ों की बात करें तो टीवी जिले में देवप्रयाग क्षेत्र में अधिकतम 121MM बरसात दर्ज की जा चुकी है। मार्गो की अगर बात करें तो ऋषिकेश बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 58 तीन धारा के पास भूस्खलन होने की वजह से अवरुद्ध है और इसके अलावा जिले में 1 राज्य मार्ग और 02 ग्रामीण मोटर मार्ग भी बंद है जिन्हें खोलने की कार्रवाई की जा रही है।
उधमसिंह नगर में भारी जलभराव, 150 लोग फंसे
उधम सिंह नगर मैं लगातार दो दिन से हो रही बारिश की वजह से किच्छा सितारगंज बाजपुर और रुद्रपुर में भारी जलभराव होने की सूचना है तहसील रुद्रपुर के अंतर्गत जगतपुरा मोतीपुर पहाड़गंज तीनपानी डैम रामगढ़ रुद्रपुर ट्रांजिट लैंप और शिव नगर में जलभराव होने की वजह से 150 लोगों के फंसे होने की जानकारी है जिला प्रशासन द्वारा इन लोगों को रेस्क्यू करने का काम किया जा रहा है तो वही बाजपुर में अत्यधिक वर्षा होने के कारण एक व्यक्ति के बह जाने की सूचना मिली है। जिले में अब तक सबसे ज्यादा खटीमा में 83mm बारिश दर्ज की जा चुकी है।
बागेश्वर जिले में हो रही बारिश मैं अब तक अधिकतम 182 एमएम बागेश्वर क्षेत्र में वर्षा के आंकड़े दर्ज किए गए हैं तो वही बागेश्वर जिले में पढ़ने वाली नदियों के जलस्तर की बात करें तो सरयू नदी 866 मीटर पर बह रही है जबकि खतरे का स्तर 870 मीटर है इसके अलावा गोमती नदी 866 मीटर पर बह रही है और खतरे का स्तर 870 मीटर है। बागेश्वर में अगर मार्गों की बात करें तो जिले में 1 मुख्य जिला मार्ग बंद है जिसे खोलने की कार्यवाही की जा रही।
नैनीताल में 13 लोगों की मौत धनगढ़ी नाले में 150 लोगों के साथ फसी 4 बसे, 1 मकान ढहा।
पहाड़ों पर लगातार हो रही भारी बारिश के चलते नैनीताल जिले मैं पढ़ने वाले जोलीकोट में मूसलाधार बारिश और लैंडस्लाइड की वजह से कुछ लोगों के फंसे होने की सूचना मिली है जिला प्रशासन द्वारा इन लोगों के बचाव और राहत का कार्य किया जा रहा है तो वहीं इसके अलावा कालाढूंगी मैं भारी बारिश की वजह से 150 लोगों और तीन और रोडवेज के अलावा एक KMU की बस धनगढ़ी नाला में फंसे होने की सूचना मिली है जहां पर लगातार एसडीआरएफ और अपने प्रबंधन द्वारा बचाओ और रेस्क्यू का काम किया जा रहा है। नैनीताल जिले में ही सुबह 7:30 बजे मुक्तेश्वर तहसील के अंतर्गत पड़ने वाले तोता पानी गांव में अत्यधिक वर्षा के कारण एक मकान जमींदोज हो गया जिसमें 5 लोगों के की की मौत और एक व्यक्ति के घायल होने की सूचना है तो वहीं इसके अलावा तहसील खैरना ग्राम क्वारव के पास झोपड़ी के ऊपर मलवा पत्थर गिरने से 2 लोगों की मौत हो गई है। जिले में अब तक अधिकतम वर्षा हल्द्वानी में 128 एमएम वर्षा दर्ज की गई है इसके अलावा नैनीताल में 90 एमएम बारिश दर्ज की गई है टोंक जिले के अन्य इलाकों में भी लगातार भारी बारिश हो रही है।
अल्मोड़ा में 2 मकान ढहे, आधा दर्जन लोग दबे
अल्मोड़ा जिले में तहसील भद्रोद के रावण गांव में मूसलाधार बारिश होने की वजह से एक मकान ढह गया जिसमें 4 लोगों के दबे होने की सूचना है जिसमें से एक महिला को सुरक्षित निकाल दिया गया है तो वह इसके अलावा भिकियासेन तहसील में भी एक आवासीय भवन के जवेदेओस होने की सूचना है जिसमें कई लोगों की फंसे होने की संभावनाएं जताई जा रही है। जिले में वर्षा के आंकड़ों बात करें तो जिले में अधिकतम वर्षा के आंकड़े 230 एमएम ताकुला क्षेत्र में दर्द किए गए हैं। मार्गो की बात करें तो अल्मोड़ा में 01 राष्ट्रीय राजमार्ग, 7 राज्य मार्ग और 09 ग्रामीण मार्ग बंद है।
चंपावत में शारदा नदी का जलस्तर खतरे से ऊपर
चंपावत जिले में बहने वाली शारदा नदी उफान पर है और खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। शारदा नदी का जलस्तर तकरीबन 222 मीटर है जबकि खतरे का स्तर 221 मीटर है। वर्षों के आंकड़ों की बात करें तो जिले में सबसे अधिक 300MM लोहाघाट क्षेत्र में बारिश के आंकड़े दर्ज किए गए हैं। मार्गो की स्थिति की बात करें तो चंपावत में टनकपुर चंपावत राष्ट्रीय राजमार्ग nh-09 स्वाला और भारतोली के पास लैंडस्लाइड होने की वजह से बंद है तो वहीं इसके अलावा 18 अन्य मोटर मार्ग भी अवरुद्ध है।
पिथौरागढ़ जिले में लगातार हो रही भारी बरसात के बीच जिले में बहने वाली नदियों के जलस्तर की बात करें तो काली नदी 889.30 मीटर पर बह रही है जबकि खतरे का स्तर 890 मीटर है। गौरा नदी 606.03 मीटर पर बह रही है जबकि खतरे का स्तर 607.08 मीटर है। सरयू नदी 447 मीटर पर बह रही है जबकि खतरे का स्तर 453 मीटर है। बरसात के आंकड़ों की बात करें तो जिले में सबसे ज्यादा 82 एमएम बारिश पिथौरागढ़ क्षेत्र में दर्ज की गई है। सड़कों की अगर बात करें तो जिले में 1 बॉर्डर मार्ग और 1 ग्रामीण मार्ग बंद है जिसे खोलने की कार्यवाही लगातार की जा रही है।