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ये बात सच है कि उत्तराखंड ने आपदाएं बहुत देखी है लेकिन आज का एक और सच यह भी है कि आज तक उत्तराखंड के लोगो ने इतना सक्रिय मुख्यमंत्री नही देखा होगा। हालांकि दैवीय आपदा पर इंसान का कोई वश नही है लेकिन फिर भी सीएम धामी का हर एक कदम दिखता है कि वो प्रदेश के लिए कितने संवेदनशील है।

During the flood in Uttarakhand on 19 October, Chief Minister Pushkar Dhami stood among the victims till late night.

सीएम पुष्कर सिंह धामी की मंगलवार 19 अक्टुबर की पूरी दिन चर्या

उत्तराखंड आपदाओं का इतिहास बेहद भयावह रहा है। बात चाहे 2013 केदारनाथ आपदा की करें या फिर उसके बाद या उससे पहले आई तमाम छोटी-बड़ी आपदाओं की। हमेशा सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठता आया है। लेकिन यह पहली बार है जब सरकारी तंत्र तो पहले जैसा ही काम कर रहा है लेकिन मुख्यमंत्री के रूप में मौजूद पुष्कर सिंह धामी अपनी एक अलग मिशाल पेश कर रहें है।

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सुबह 09:00 बजे पीएम मोदी से हुई सीएम धामी की बात

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार सुबह तकरीबन 09:00 AM बजे फोन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से उत्तराखण्ड में भारी बारिश से हुए नुकसान और संचालित बचाव और राहत कार्यों के बारे में जानकारी ली। इस बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री ने प्रदेश को हर आवश्यक सहयोग दिये जाने के प्रति आश्वस्त किया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को वस्तुस्थिति की जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश में कुछ स्थानों पर नुकसान हुआ है। शासन प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है।

10:00 बजे आपदा कंट्रोल रूम पहूंचे सीएम धामी

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पीएम मोदी से फोन पर बात करने के तुरंत बाद बिना किसी देरी के सीएम पुष्कर सिंह धामी सचिवालय स्थित आपदा कंट्रोल रूम पहुंचे जहां उन्होंने प्रदेश में भारी बारिश से हुए नुकसान जानकारी ली। मुख्यमंत्री एक दिन पहले से ही सभी जिलाधिकारियों से हर पल की अपडेट ले रहे थे। आपदा कंट्रोल रूम में सीएम को प्रदेश में हुए नुकसान की जानकारी मिलते ही उन्होंने अंदाजा लगा लिया कि नुकसान काफी हो चुका है तो वहीं आपदा कंट्रोल रूम में बैठे बैठे सीएम धामी ने ये फैसला ले लिया कि वो अब ग्राउंड पर खुद उतरेंगे। सीएम धामी ने आपदा प्रबंधन मंत्री धन सिंह रावत को साथ लिया और बिना किसी देरी के आपदा प्रभावित इलाकों की तरफ अपने चॉपर से निकल गए। इसके अलावा सीएम ने मीडिया को यह भी बताया कि आपदा जैसे हालातों से प्रभावित क्षेत्रों में सेना से तीन हेलीकॉप्टर लगाये जा रहे हैं।

सुबह 11 बजे – हवाई मार्ग से निरीक्षण पर निकले सीएम

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आपदा कंट्रोल रूम में अधिकारियों के साथ एक शार्ट ब्रीफिंग लेने के बाद सीएम धामी ने अपने साथ आपदा प्रबंधन मंत्री धन सिंह रावत और DGP अशोक कुमार को लिया और अपने सरकारी चॉपर से प्रभावित क्षेत्रों में निकल गए। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भारी बारिश से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया। देहरादून से उड़ा सीएम का हेलीकॉप्टर सबसे पहले रुद्रप्रयाग जाकर रुका जंहा उन्हीने जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग से जिले की स्थिति और यात्रा की जानकारी ली। इसके अलावा उन्हीने गढ़वाल के पौड़ी, रुद्रप्रयाग, चमोली सहित कई प्रवाहित जगहों का हवाई निरीक्षण किया। जिसके बाद उन्होंने कुमांऊ क्षेत्र के आपदाग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया और पंतनगर में जिलाधिकारी और एसडीआरएफ के अधिकारियों से राहत कार्यों के सम्बन्ध में की चर्चा।

गढ़वाल निरीक्षण के बाद कुमाऊ पंतनगर एयरपोर्ट पर की ब्रीफिंग

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दोपहर बाद मुख्यमंत्री ने एक बार फिर कुंमाऊ क्षेत्र के रामनगर, बाजपुर, किच्छा, सितारगंज आदि आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर पंतनगर एयरपोर्ट पर जिलाधिकारी के साथ एयर फोर्स, एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ के अधिकारियों से राहत एवं बचाव कार्यो को लेकर एक शार्ट ब्रीफिंग की इसके बाद मुख्यमंत्री ने रूद्रपुर संजयनगर खेड़ा में उत्पन्न जल भराव की स्थिति का जायता लिया तथा प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। उन्होने जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने व रहने, भोजन आदि की समुचित व्यवस्था कराना सुनिश्चित करें। अतिवृष्टि से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार द्वारा हर सम्भव सहयोग किया जायेगा।

मृतक परिजन को 4 लाख रूपये की राहत राशि दी जाएगी

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सीएम ने पंतनगर में हुई अधिकारियों से बैठक के दौरान कहा कि इस आपदा के कारण जिन परिवारों में जनहानि हुई है उनके आश्रितों को 4 लाख रूपये का मुआवजा दिया जायेगा। उन्होने पीङितों से मिलते हुए कहा कि सरकार द्वारा सभी जरूरी इंतजाम किये जा रहे हैं। उन्होने कहा कि यह एक दैवीय आपदा की घड़ी है, इस परिस्थितियों में सभी के सहयोग से इस आपदा से निपटा जायेगा। उन्होने रेस्क्यू मे लगे एनडीआरएफ, पुलिस के जवानों का हौसला भी बढ़ाया।
मुख्यमंत्री ने आपदा पीडितों को आश्वस्त किया कि संकट की इस घडी में राज्य सरकार उनके साथ खड़ी है।

सड़क मार्ग हल्द्वानी पहुंचे सीएम

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कुमाऊं के कई इलाकों में हवाई माध्यम से निरीक्षण करने के बाद पंतनगर एयरपोर्ट पर ब्रीफिंग करने के बाद मुख्यमंत्री सड़क मार्ग से हल्द्वानी पहुंचे और अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त हुए गोला नदी पुल का निरीक्षण किया तथा नदी से हुए नुकसान का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने प्रभावितों से मिलकर उनकी समस्यायें भी सुनी। मुख्यमंत्री ने पीडितों को हर सम्भव मदद का आश्वासन दिया। सर्किट हाउस काठगोदाम में मुख्यमंत्री ने जनपद नैनीताल के अधिकारियों के साथ जनपद में आपदा से हुए नुकसान आदि की समीक्षा की तथा राहत एवं बचाव कार्यों में पूरे मनायोग एवं तत्परता के साथ सम्पादित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि हर पीडित की मदद करना हमारा उद्देश्य होना चाहिए। इस सम्बन्ध में कोई कोताही न बरती जाय। आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ धनसिंह रावत भी मुख्यमंत्री के साथ रहे।

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रूद्रपुर के संजय नगर खेड़ा में स्थलीय निरीक्षण

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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार देर शाम रूद्रपुर के संजय नगर खेड़ा में स्थलीय निरीक्षण कर बारिश से हुए जल भराव की स्थिति का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता से अपील की है कि धैर्य बनाकर रखें। उन्होने जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाये व रहने, भोजन आदि की समुचित व्यवस्था कराना सुनिश्चित करें। अतिवृष्टि से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार द्वारा हर सम्भव सहयोग किया जायेगा। उन्होने कहा कि इस आपदा के कारण जिन परिवारों में जनहानि हुई है उनके आश्रितों को 4 लाख रूपये का मुवआजा दिया जायेगा। उन्होने पीढ़ितों से मिलते हुए कहा कि सरकार द्वारा सभी जरूरी इंतजाम किये जा रहे हैं। उन्होने कहा कि यह एक दैवीय आपदा की घड़ी है, इस परिस्थितियों में सभी के सहयोग से इस आपदा से निपटा जायेगा। उन्होने रेस्क्यू मे लगे एनडीआरएफ, पुलिस के जवानों का हौसला भी बढ़ाया। इस दौरान कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत, विधायक राजकुमार ठुकराल, DGP अशोक कुमार, जिलाधिकारी रंजना राजगुरू, SSP डीएस कुंवर, सहित कई अधिकारी मौजूद थे

देर रात तक आपदा पीड़ितों के बीच मौजूद रहे मुख्यमंत्री

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रुद्रप्रयाग, उधमसिंहनगर और नैनीताल का दौरा करते हुए देर रात तक सीएम धामी आपदा से प्रभावित लोगों का हाल जानते रहे और हर जगह युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य करने के निर्देश दिए। इस तरह से उत्तराखण्ड में दो दिन की अतिवृष्टि से आई आपदा का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद लगातार आपदा प्रभावित क्षेत्र में हैं। ग्राउंड जीरो पर जाकर वह राहत और बचाव कार्य का मुआयना करते रहे हैं। पूरे दिन उन्होंने गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर पीड़ितों का हाल जाना। उन्होंने सभी जिला प्रशासन को राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर करने और उसमें कोई कोताही न बरतने के सख्त निर्देश दिए हैं। यही नही पीड़ितों की फौरीतौर पर सहायता के लिए उन्होंने जिलाधिकारियों को फ्री हैंड दिया है।

अवरुद्ध सड़को और जोखिम की परवाह किये बिना ग्राउंड पर रहे सीएम

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सड़क मार्ग मैं आ रही बाधाओं और जोखिम की दरकिनार कर देर रात तक सीएम धामी हल्द्वानी के प्रभावित क्षेत्र में मौजूद रहे। बीते रविवार और सोमवार को उत्तराखण्ड में हुई भारी बारिश से राज्य में जनजीवन प्रभावित हुआ है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने दिल्ली दौरे समेत तमाम कार्यक्रम निरस्त कर आपदा पीड़ितों के बीच मौजूद हैं। जंहा उन्होंने रुद्रप्रयाग, उधमसिंहनगर और नैनीताल जिलों का भ्रमण किया वहीं पीड़ितों का हाल जानने की शुरुआत उन्होंने रुद्रप्रयाग जिले से की और देर रात तक हल्द्वानी में डटे रहे। सीएम धामी ने कुमाऊं मंडल का दौरा कर रुद्रपुर और किच्छा समेत सभी आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। पीड़ितों की बात सुनी और उनके सामने आ रही समस्याओं के तत्काल समाधान के निर्देश दिए। रात को धामी हल्द्वानी गए और उन्होंने अधिकारियों से आपदा के प्रभाव की विस्तृत जानकारी हासिल की। समाचार लिखे जाने तक उनका देर रात तक आपदा पीड़ितों से मिलने का सिलसिला जारी रहा।

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उनकी इस अलग और बेहद सक्रिय कार्यशैली का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि मौसम का अलर्ट मिलते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भले ही प्रदेश से बाहर अयोध्या में थे लेकिन उन्होंने वहीं से सभी अधिकारियों को अलर्ट किया और खुद भी वह अलर्ट मोड में आ गए। इसके बाद उन्होंने मौसम की खराब होने से पहले ही समीक्षा करनी शुरू कर दी और जब 17 अक्टूबर से मौसम बिगड़ने लगा और धीरे धीरे नुकसान की खबर मिलने लगी तो उन्होंने अपना एक एक सेकंड जन सेवा में झोंक दिया। 17 अक्टूबर से लगातार हो रही बारिश के बाद 18 अक्टूबर देर शाम और 19 अक्टूबर की सुबह काफी नुकसान की सूचनाएं मिली और इसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपना पूरे दिन का एक एक सेकंड किस तरह से प्रदेश की सेवा में लगाया आपको बताते हैं।

During the flood in Uttarakhand on 19 October, Chief Minister Pushkar Dhami stood among the victims till late night.