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प्रदेश में फैल रहे कोरोना वायरस के कहर का जितना अंदाजा चरमराई व्यवस्थाओं से लगाया जा रहा है उतना ही ख़ौफ़ज़दा करने वाली स्तिथि वाले शमशान घाटों और कब्रिस्तानो पर पहुचने वाले शवो का आंकड़ा है।

Covid death Cremation in uttarakhand

सोमवार को शहरी विकास विभाग के प्रभारी सचिव विनोद कुमार सुमन द्वारा पूरे प्रदेश के 91 शहरी निकायों में मौजूद शमशान घाटों और कब्रिस्तानो का आंकड़ा जारी किया गया जो कि बेहद डराने वाला है। शहरी विकास विभाग के आंकड़े के अनुसार पूरे प्रदेश में केवल 20 अप्रैल से लेकर 2 मई तक यानी 12 दिनों के भीतर 4197 शवों का अंतिम संस्कार प्रदेश के 295 श्मशान घाट और कब्रिस्तनो में किया गया है। जहां पर प्रतिदिन केवल 135 शवों के अंतिम संस्कार की व्यवस्था है। इस से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि अंतिम संस्कार के लिए भी अब घाटों और कब्रिस्तान में कितना दबाव है और यही वजह है सरकार को इसके लिए भी अधिकरी नियुक्त करने पड़े हैं।

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(प्रतीकात्मक तस्वीर)

शहरी विकास विभाग के आंकड़ों के अनुसार 20 अप्रैल से 2 मई तक कोविड से हुई मौत के 1523 शवों को श्मशान घाट और कब्रिस्तान लाया गया है। तो वहीं इसके अलावा अन्य कारणों से हुई मौत के चलते 2673 शवों को प्रदेश के श्मशान घाटों और कब्रिस्तान में अंतिम संस्कार के लिए लाया गया है। तो वहीं हर दिन तकरीबन 130 टन लकड़ी श्मशान घाट में अंतिम संस्कार के लिए इस्तेमाल की जा रही है और अभी तकरीबन 529 टन लकड़ी अंतिम संस्कार के लिए उपलब्ध है।