(Colleges affiliated to UTU) उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय में हाल ही में स्थाई तौर पर नियुक्त किए गए कुलपति प्रोफेसर ओंकार सिंह लगातार टेक्निकल यूनिवर्सिटी से संबद्ध कॉलेजों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधार और मानकों के निरीक्षण के लिए लगातार दौरे कर रहे हैं।
गुरुवार 31 अगस्त से वीर माधो सिंह भण्डारी उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (यू०टी०यू०) के कुलपति प्रो० ओंकार सिंह ने अपने सभी एफिलेटेड महाविद्यालयों का दौरा शुरू कर दिया है। उन्होंने गुरुवार को सेलकुई स्थित विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कालेज, जे0बी0आई0टी0 इंजीनियरिंग कालेज व जे०बी०आई०टी० कॉलेज ऑफ फार्मेसी का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने इंजीनियरिंग कालेज व कालेज ऑफ फार्मेसी की विभिन्न लैब्स यथा- कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग लैब, मैकेनिकल इंजीनियरिंग लैब, ऑटोमोबाईल लैब, कैमिस्ट्री लैब फार्मास्यूटिकल लैब तथा संस्थान की लाईब्रेरी, तथा संस्थान स्तर पर गठित प्लेसमेंट सेल का निरीक्षण कर जानकारी एकत्रित की। निरीक्षण के दौरान कुलपति ने कक्षाओं में जा कर छात्रों से भी संवाद करते हुए फीड बैक लिया । निरीक्षण के दौरान संस्थान द्वारा अवगत कराया गया कि ओपन पूल कैम्पस ड्राइव अभियान संस्थान द्वारा चलाया जाता है ताकि जॉब हेतु इच्छुक अधिक से अधिक छात्रों को मौका मिल सके।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० ओमकार सिंह ने दोनों संस्थानों के निदेशक व प्रिंसिपल के साथ शिक्षकों और कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सर्वप्रथम शैक्षणिक वातावरण को साफ-सुथरा, पारदर्शी बनाया जाय ताकि एक स्वच्छा समाज का निर्माण हो सके जो कि शिक्षक समुदाय का दायित्व और कर्तव्य भी है जिसे हमें समझना होगा उपलब्ध संसाधनों को भरपूर सदुपयोग करते हुए उच्च तकनीकी शिक्षा को कैसे विकसित किया जाय इस पर भी हम सभी को गम्भीरता से मंथन करना चाहिए। संस्थानों में अच्छा शैक्षणिक वातावरण विकसित किया जाय ताकि प्रवेश पाने वाले छात्र जो यहां से उत्तीर्ण हो कर बाहर निकलने वाले छात्र संस्थान में उपलब्ध शैक्षणिक वातावरण, पारदर्शी मूल्यांकन आदि शिक्षा ग्रहण करने योग्य संसाधनों / सुविधाओं के बारे में आने वाले नव प्रवेशित छात्रों के बीच प्रचारित कर सके।
कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों के रोजगार के अवसर बढ़ाने हेतु अपने सम्बद्ध संस्थानों में ऑनलाइन सर्टिफिकेट प्रोग्राम भी संचालित किया जाना प्रस्तावित किया गया है। इसी क्रम में संस्थान द्वारा अवगत कराया गया कि सभी ब्रांचों में विश्वविद्यालय के निर्देशानुसार रोजगारपरक सर्टिफिकेट प्रोग्राम चलाया जाना संस्थान द्वारा प्रस्तावित है। अपने सम्बोधन में प्रो० सिंह ने संस्थान के शिक्षकों से कहा कि हम सभी को मिलकर तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता को सुदृढ़ किये जाने के विशेष रूप से प्रयास करने होंगे और जितने भी संस्थान विश्वविद्यालय से सम्बद्ध हैं सभी को छात्रहित में कार्य करना होगा।
उन्होंने कहा कि संस्थानों को संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा निर्दिष्ट सतत विकास लक्ष्य (Sustainable Development Goals) जिन्हें वैश्विक लक्ष्यों के रूप में भी जाना जाता है, को अपनी विशिष्टताओं व भौगोलिक एवं उपलब्ध बौद्धिक क्षमताओं के अनुरूप सामाजिक, आर्थिक और भौगोलिक पारिस्थिति की स्थिरता को संतुलित किये जाने हेतु शिक्षकों और छात्रों को साथ लेकर अपनी सृजनात्मकता से नई तकनीकी व उत्पादों पर प्रोजेक्ट कार्य किया जाना अपेक्षित है । प्रो० सिंह ने शिक्षकों से कहा कि सकारात्मकता के साथ Class Room Activities और Teaching Learning प्रक्रिया पर अधिक से अधिक ध्यान दिया जाना आवश्यक है तथा Research Activities पर जोर दे कर अनुसंधान को बढ़ाने की आवश्यकता है। शिक्षकों द्वारा छात्रों से लगातार फीड बैक भी लिया जाय ताकि उनकी परेशानियों का समाधान ढूंढा जा सके।