पिछले लंबे समय से अधिकारी और जनप्रनिधियों के बीच चल रहे मिस कोर्डिनेशन को लेकर अब नये मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अधिकारियों को स्पष्ठ निर्देश दिए हैं कि जनप्रतिनिधीयों की शिकायत अब नही मिलनी चाहिए।
CM Tirath strict on bureaucracy
गाये-बगाये पुर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की कुर्सी जाने की असल वजह को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाएं होती है कि लगातार बेलगाम होती अफरशाही इसके कारणों में से एक बड़ी वजह थी। लगातार विधायकों की शिकायत विधानसभा सत्र में उठना और इतना ही नही दिल्ली आला कमान तक जनता के बीच से चुन कर आये विधायकों की शिकायत जाना यह त्रीवेंद्र सरकार के लिए एक बड़ी भूल रही है। तो वहीं मुख्यमंत्री त्रीवेंद्र रावत को बदलने के बाद नये मुख्यमंत्री के रुप में लाये सीएम तीरथ सिंह रावत अब इस गलती को दोहराने की भूल नही करने वाले हैं। इसी के चलते नये सीएम तीरथ सिंह रावत ने रविवार को सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए जिलाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस मोके पर उनके साथ मुख्य सचिव ओमप्रकाश, सचिव अमित नेगी, शैलेश बगोली और दोनों मंडलायुक्त, जिलों में मुख्य विकास अधिकारी और एसएसपी भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा है कि अधिकारियों का जनप्रतिनिधियों के साथ लगातार संवाद रहना जरूरी है। जनता से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, जिनसे लोगों को सीधा लाभ मिले। मुख्यमंत्री तीरथ ने अधिकारियों को बहुद्देशीय शिविरों का आयोजन करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इनका प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए ताकि लोगों को वास्तव में लाभ मिले और उनकी समस्याएं दूर हों। जनता की सरकार जनता के द्वार की परिकल्पना साकार होनी चाहिये। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि आगामी गर्मियों के सीज़न को देखते हुए यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि लोगों को पेयजल की दिक्कत न हो। ज़रूरी होने पर वैकल्पिक व्यवस्थाएं भी कर ली जाएं।
सीएम तीरथ ने कहा कि शिक्षा हमारे लिए टाप प्रायोरिटी पर है। यह सुनिश्चित किया जाए कि अगले 6 माह में सभी स्कूलों में पेयजल, शौचालय, फर्नीचर, बिजली आदि सभी सुविधाएं हों। इसके लिए बजट की कोई कमी नहीं है। ई-गवर्नेस का प्रभावी क्रियान्वयन हो, लोगों को वास्तव मे इसका लाभ मिले। छोटी-छोटी सेवाओं के लिए जनता परेशान न हो। जिलों में महत्वपूर्ण घटनाएं होने पर सरकार और शासन को जरूर अवगत कराएं। सीएम तीरथ बने कहा कि आने वाले समय में वनाग्नि को रोकने का कुशल प्रबंधन हो। इसके लिए अभी से तैयारी कर ली जाए। फोरेस्ट क्लीयरेंस के मामलों की लगातार मानिटरिंग की जाए। आगामी चार धाम यात्रा और पर्यटन के सीज़न को देखते हुए पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित कर लिया जाएं। पार्किग की व्यवस्था के लिए प्लान कर लिया जाए। आखिर में मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से मनरेगा और स्वरोजगार योजनाओं की प्रगति की भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि कोविड काल में लाकडाऊन के समय लोगों पर हुए मुकदमों को वापस लेने की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए।