त्रिवेंद्र रावत को हटाकर जैसे ही तीरथ सिंह रावत नए मुख्यमंत्री बने उन्होंने त्रिवेंद्र रावत के ना सिर्फ फैसले बदले बल्कि उनके प्रशासनिक व्यवस्था को भी पलट दिया तो वहीं बारी दायित्वधारियों की है। और आज सरकार द्वारा कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री सहित तकरीबन 119 दायित्वधारियों को हटा दिया गया है।
CM Tirath Rawat removed nominated minister and advisor
उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन के बाद भले ही सरकार के पास कुछ ही महीनों का बेहद कम समय बचा हो लेकिन उसके बावजूद भी नए मुख्यमंत्री तीरथ रावत एक काम जो सबसे तेज और प्रभावी गति से कर रहे हैं वो है अपने ही पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के फैसलों को बदलने का। प्रदेश में नए मुख्यमंत्री के रूप में आते ही तीरथ सिंह रावत ने सबसे पहले त्रिवेंद्र रावत के फैसलों को बदला उसके बाद ब्यूरोक्रेसी में अधिकरियों को यंहा से वंहा किया तो वही अब तीरथ रावत ने वो फैसला लिया जिसकी संगठन स्तर पर किसी ने उम्मीद नही की थी। दअरसल पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत द्वारा अपनी सरकार में तकरीबन 119 भाजपा कार्यकर्ताओं को दायित्व बांटे थे लेकिन अभी भी सरकार भले ही भाजपा की है और दायित्व धारी भी भाजपा के लेकिन सीएम तीरथ रावत द्वारा इन्हें बाहर का सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।
त्रिवेंद्र सरकार में रखे गए दायित्वधारी-
- 11 कैबिनेट मंत्री स्तर के दायित्वधारी
- 76 राज्य मंत्रिस्तरीय दायित्वधारी
- 31 अन्य महानुभाव
- 1 सदस्य
इस तरह से पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने कुल 119 लोगों को सरकार में दायित्व दिया था जिन्हें आज पद से हटा दिया गया है।
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शुक्रवार को मंत्रिपरिषद विभाग जो कि पूर्व में गोपन विभाग नाम से था वंहा से जारी हुए आदेश में इन सभी दायित्व धारियों को आज पद मुक्त कर दिया गया है। जारी हुए आदेश में विभिन्न आयोगों, निगमों, परिषदों इत्यादि में नामित/नियुक्त अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सलाहकार और अन्य पदों पर गैर सरकारी महानुभाव जिनमें मंत्री, स्तर, राज्यमंत्री स्तर, अन्य महानुभाव स्तर, और सदस्य इत्यादि को तत्कालीन प्रभाव से पद मुक्त कर दिया गया है।