मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के मंगलवार के शेड्यूल में कुछ भी इस तरह से पहले प्लान नहीं था लेकिन जब अचानक सीएम ने सुबह 10 बजे के करीब सचिवालय से निकलकर अपने वाहन चालक को सर्वे चौक की ओर चलने के लिए कहा तो सभी बाहुचक्के रह गए और मुख्यमंत्री ने कमिश्नर ऑफिस जाने का आदेश दिया। और जैसे ही सीएम का काफिला कमिश्नर ऑफिस पहुंचा कमिश्नर कार्यालय में हड़कंप मच गया। इस बात की खबर कानो कान किसी को भी नहीं थी मुख्यमंत्री के साथ इस दौरान मुख्य सचिव ओम प्रकाश जी मौजूद थे।
कमिश्नर नही थे ऑफिस में–
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिस वक्त मुख्यमंत्री कमिश्नर गढ़वाल के कैंप ऑफिस में पहुंचे उस वक्त कमिश्नर रविनाथ रमन कार्यालय में नहीं थे जबकि वक्त उस समय 10:30 के करीब हो रहा था इसके बाद कार्यालय में मौजूद कर्मचारियों से मुख्यमंत्री ने पंजीकरण पुस्तिका भी तलब की और कर्मचारियों की हाजिरी देखी और उसके कुछ देर बाद कमिश्नर रविनाथ रमन भी कार्यालय में पहुंच गए।
तोड़ना पड़ा ताला
कमिश्नर के आने के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कई विषयों पर कमिश्नर से जानकारी ली इसके अलावा एमडीडीए की फाइलों को लेकर भी मुख्यमंत्री ने जानकारी ली इसके अलावा मुख्यमंत्री द्वारा वीसी एमडीडीए कॉपी कमिश्नर कार्यालय में बुलाया गया जिसके बाद एमडीडीए की तमाम फाइलों को लेकर पूछताछ की गई इस दौरान जिस अलमारी में एमडीडीए की सभी फाइलें रखी गई थी उसकी चाबी जिस कर्मचारी के पास थी वह भी कार्यालय में मौजूद नहीं था जिसके बाद अलमारी के ताले को तोड़ना पड़ा और उसके बाद सभी फाइलों की छानबीन की गई।
मुख्यमंत्री की विधानसभा से जुड़ा मामला
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एमडीडीए से जुड़ी फाइलों को लेकर मुख्यमंत्री नई जानकारी ली इसके अलावा मुख्यमंत्री की विधानसभा में बनने जा रहे हर्रावाला अस्पताल को लेकर भी कोई विषय था जिसको लेकर मुख्यमंत्री ने जानकारी ली। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने कमीशन रविनाथ रमन से कई और मामलों पर भी जानकारी ली।
कर्मचारियों के वेतन रोकने के आदेश
गढ़वाल कमिश्नर के देहरादून स्थित कैंप ऑफिस में पाई गई तमाम अनियमितताओं के चलते मुख्यमंत्री ने औचक निरीक्षण किया और वहां पर तमाम सारी गतिविधियों को देखने के बाद मुख्यमंत्री ने कमिश्नर कार्यालय के कर्मचारियों के वेतन रोकने के आदेश कर दिए हैं। मिली जानकारी के अनुसार कमिश्नर कार्यालय में फाइलों को में लग रही देरी और लगातार हो रही हीलाहवाली के चलते मुख्यमंत्री ने यहां कार्यवाही की है।