एसे समय में जब उत्तराखंड में वीआईपी कल्चर VIP Culture को लेकर बड़ी सियासी बहस छिड़ि हुई है और लगातार सत्तासीन बड़े अधिकारियों के इस वीआईपी ट्रीटमेंट को लेकर सवाल खड़े किये जा रहें हैं तब मुख्यमंत्री के परिवार की सादगी की एक एसी तस्वीर हम सामने लेकर आ रहैं हैं जो पत्थर बन चुके सरकारी सिस्टम की आंख खोलने के लिए काफी है।
CM Dhami against vip culture
ऐसे समय में जब वीआईपी कल्चर हमारे देश में एक नासूर बनता जा रहा है। सत्ता और पावर के चलते जहां आम लोगों के लिए संघर्ष बढ़ता हुआ नजर आता है। और ऐसे समय में जब उत्तराखंड में ही सत्ता, रसूख और पावर की बानगी देता ऐसा मामला सामने आया है जहां पर शासन के सचिव के घर पर डॉक्टर को तब बुलाया जा रहा है जब ओपीडी में आम लोगों की भीड़ लगी है और डॉक्टर को आम लोगों की भीड़ को छोड़कर एक अधिकारी के घर पर उसकी पत्नी की सेवा के लिए आना पड़ रहा है। एसी स्थीती में भी अधिकारी की पत्नी डॉक्टर के साथ अभद्रता करने का आरोप लगता है। इसी दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के परिवार की कुछ तस्वीरें हमें ऐसी मिलती है जहां मुख्यमंत्री और उनके परिवार की सादगी इस अड़ियल हो चुके वीआई क्लचर की आंख खोलने का काम कर रही है।
दरअसल यह तस्वीरें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की माताजी श्रीमती विशना देवी की है जो कि इसी हफ्ते अपने रूटीन चेकअप के लिए देहरादून में मौजूद सीएमआई अस्पताल में मशहूर डॉक्टर महेश कुड़ियाल के पास अपनी बेटी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की बड़ी बहन के साथ पहुचें थे। इस दौरान तस्वीरों में देखा जा सकता है कि किस तरह से कितनी सादगी के साथ मुख्यमंत्री धामी की माताजी डॉक्टर के पास उनके केबिन में रूटीन चेकअप के लिए गई है। मुख्यमंत्री धामी के परिवार की ये तस्वीरें आज के परिपेक्ष में बहुत बड़ा संदेश देती है। खासतौर से सत्ता में मौजूद उन अधिकारियों और नेताओं के लिए भी जो कि पॉवर में आने के बाद कहीं ना कहीं वीआईपी कल्चर को बढ़ावा देते हुए आम लोगों के लिए संघर्ष का विषय बनते हैं।
क्यो छिड़ी है VIP Culture पर बहस
उत्तराखंड में इन दिनो VIP Culture पर बहस उस मामले को लेकर छिड़ी है जहां स्वास्थ्य सचिव पंकज पांडे की पत्नी द्वारा दून अस्पताल से डाक्टर निधी को ओपीडी छोड़ कर अपने आवास पर बुलाया गया था और वहां पर डाक्टर निधी उनियाल और स्वास्थ्य सचिव की पत्नी के बीच कुछ कहा सुनी हो गई जिसके बाद डाक्टर ने अपने त्याग पत्र के साथ उनेक साथ हुई अभद्रता का जिक्र किया तो वहीं स्वास्थ्य सचिव द्वारा भी उसके ट्रांसफर के आदेश जारी कर दिये गये थे। वहीं इस मामले पर खुद मुख्यमंत्री ने संज्ञान लेकर डाक्टर के ट्रांसफर पर रोक लगा दी थी तो वहीं अब सामने आई मुख्यमंत्री के परिवार की सत्वीरों से साफ होता है कि खुद मुख्यमंत्री वीआईपी कल्चर के सख्त खिलाफ है।