UttarakhandTribalFestivalinDehradun

देहरादून में तीन दिवसीय उत्तराखण्ड जनजाति महोत्सव शुरू हो गया है। इस ट्राइब फेस्टिवल में कई कलरफुल एग्जीबिशन लगी है जंहा पर जनजाति क्षेत्रों के कई उत्पादों के स्टोल भी लगाए गए हैं। गुरुवार देर शाम केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुण्डा और मुख्यमंत्री धामी ने इसका शुभारम्भ किया।

Chief Minister Pushkar Dhami and Union Minister inaugurated Uttarakhand Tribal Festival in Dehradun
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केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुण्डा और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को जनजाति कार्य मंत्रालय भारत सरकार, जनजाति शोध संस्थान संग्रहालय उत्तराखण्ड ने डॉ. बी.आर. अम्बेडकर ओ.एन.जी.सी. स्टेडियम में आयोजित तीन दिवसीय उत्तराखण्ड जनजाति महोत्सव का शुभारम्भ किया। उन्होंने महोत्सव परिसर में प्रदर्शनी स्थल पर जनजाति क्षेत्रों के विभिन्न उत्पादों के स्टालों का अवलोकन भी किया।

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जनजाति क्षेत्रों में 450 स्कूल खोलने के लिये 30 हजार करोड़ की व्यवस्था

इस मोके पर केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुण्डा ने कहा कि उत्तराखण्ड जनजाति महोत्सव के माध्यम से सभी जनजातियों को एक मंच मिला है। इस आयोजन में जनजातियों के लोक जीवन, सांस्कृतिक विरासत, लोक एवं परम्पराओं को भी जीवन्तता मिली है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के साथ ही झारखण्ड एवं छत्तीसगढ़ का निर्माण पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेई ने किया था। हमारे ये प्रदेश विकास की दिशा में निरन्तर आगे बढ़े इसकी जिम्मेदारी हमारी है। उन्होंने प्रदेश के विकास के साथ ही जनजाति कल्याण के लिये उत्तराखण्ड सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों के लिये मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सराहना की। उन्होंने कहा कि देश में जनजाति क्षेत्रों में शिक्षा की प्रभावी व्यवस्था के लिये 450 स्कूल खोले जायेंगे जिसके लिये 30 हजार करोड़ की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में जहां 5 जनजातियां हैं वहीं झारखण्ड में 32 जनजाति समुदाय हैं।

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केंद्र से पिथौरागढ़ और चमोली में आवासीय विद्यालय खोलने की मांग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उनकी जन्मभूमि और कर्मभूमि दोंनों का संबध जनजाति संस्कृतियों से रहा है। जहां सूदूर पिथौरागढ़ में भोटिया संस्कृति से उनका लगाव रहा, वहीं कर्मभूमि खटीमा की थारु-बुक्सा जनजाति से भी गहरा रिश्ता रहा है। आज देश दुनियां में ग्लोबल वार्मिंग और पर्यावरण संरक्षण को लेकर चिंतन मनन हो रहा है लेकिन हमारी जनजातियां प्रारंभ से ही पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान देती रही हैं। हमारी जनजातीय समूहों का शुरुआत से ही जड़ी-बूटियों को लेकर ज्ञान, उनकी विशेष पहचान रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में तीन एकलव्य मॉडल स्कूल, तीन आई.टी.आई. चार जनजाति हॉस्टल और सोलह आश्रम पद्धति विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। जिससे दूरस्थ क्षेत्रों के अनुसूचित जनजाति के बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान की जा रही है। राज्य सरकार द्वारा जनजातीय क्षेत्रों के विकास हेतु अधिनियम बनाकर समस्त विभागों को अपने वार्षिक बजट का 3 प्रतिशत जनजातीय क्षेत्रों में व्यय करने का प्रावधान भी किया गया है। तो वही सीएम धामी ने इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुण्डा से राज्य के सीमांत जनपदों पिथौरागढ़ और चमोली में जनजातीय छात्रों के लिए दो नए एकलव्य आवासीय विद्यालय खोले जाने, विभागीय विद्यालयों मे पढ़ रहे जनजाति के 5 हजार छात्र-छात्राओं को टेबलेट उपलब्ध कराए जाने, राज्य में स्वतन्त्रता संग्राम सेनानीयों के जीवन परिचय पर आधारित संग्रहालय की स्थापना करने का अनुरोध किया।

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सीएम धामी और केंद्रीय मंत्री ने भी किया डांस

आपको बता दें कि ट्राइब फेस्टिवल में लगे अलग-अगल स्टॉलों में एक से बढ़कर एक हस्तशिल्प उत्पाद जनजातीय लोगों और स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए हैं। जहां एक ओर ये उत्पाद इको फैंडली हैं वहीं इनकी गुणवत्ता भी विश्व स्तरीय है जो कि ‘‘वोकल फॉर लोकल‘‘ अभियान के तहत स्थानीय उत्पादों को आगे बढ़ा रहे हैं। इस मोके पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी और केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुण्डा ने थारू जनजाति के लोक कलाकारों के साथ होली नृत्य भी किया।

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