10वीं और 12वीं परीक्षा के परिणाम सामने हैं और इन दिनों बोर्ड परीक्षार्थी की दिल की धड़कने बढ़ी हुई है। लेकिन किसी भी तरह का तनाव लेने से पहले इन सीनियर आईएएस अधिकारियों की आपबीती सुन लीजिए और जान लीजिए कि अंक जरूरी है लेकिन इतने जरूरी भी नहीं।
Board Exam Experience of IAS officers:बोर्ड रिजल्ट की नो टेंशन, सुन ले इन सफल IAS अधिकारियों की बात।
IAS अधिकारी उत्तप्ल कुमार सिंह, मुख्य सचिव उत्तराखंड…
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह बताते हैं कि उन्होंने दसवीं कक्षा असम सोल और बारहवीं कक्षा साइंस कॉलेज ऑफ पटना से पास की। उन्होंने यह भी बताया कि वह बिल्कुल एक सामान्य छात्र की तरह थे, खेलकूद में रुचि रखते थे उन्होंने यह भी बताया कि वह पर नहीं थे लेकिन सामान्य से थोड़ा बेहतर थे।
IAS आर मीनाक्षी सुंदरम, शिक्षा सचिव उत्तराखंड…..
उत्तराखंड के शिक्षा सचिव आईएएस अधिकारी आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि वह तमिलनाडु के एक छोटे से शहर से उन्होंने 10वीं और 12वीं की कक्षा पास की और उनके पिताजी बिजली विभाग में काम करते थे। उन्होंने दसवीं कक्षा तमिल भाषा में की और ग्यारहवीं 12वीं में इंग्लिश मीडियम में आ गए जिसके कारण उन्हें कई परेशानियों का सामना भी करना पड़ा। उन्होंने बताया कि 12वीं कक्षा में उनके वह मेडिकल में जाना चाहते थे लेकिन 12वीं कक्षा में उन्हें केमिस्ट्री में अच्छे नंबर नहीं मिले लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और आज वह अपने जीवन के सफलतम मुकाम पर है।
आर मीनाक्षी सुंदरम ने सभी बोर्ड छात्रों को यह संदेश दिया है कि बोर्ड की परीक्षा (Board Exam) हमारे जीवन की कोई आखिरी परीक्षा नहीं है। उन्होंने कहा कि लाइफ हर किसी को दूसरा अवसर जरूर देती है।
Check Your Board Exam Result Here
3)-IAS अधिकारी अमित नेगी, स्वास्थ्य सचिव उत्तराखंड…
उत्तराखंड की चिकित्सा सचिव युवा आईएएस अधिकारी अमित नेगी की स्कूलिंग उत्तराखंड के देहरादून से हुई है। उन्होंने बोर्ड छात्रों को से अपील की है कि वह बोर्ड परीक्षा का मानसिक दबाव अपने ऊपर बिल्कुल ना लें उन्होंने कहा कि यह वक्त फ्री माइंड रहने का है और बोर्ड परीक्षाओं (Board Exams) में नंबर जरूरी है लेकिन यह जरूरी नहीं कि कम मार्क्स आने पर आप सफल नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे कई उदाहरण है जो कि औसत नंबर पाने के बावजूद भी आगे जाकर छात्र ने जीवन में एक बेहतर मुकाम हासिल किया है।
4)-IAS अधिकारी विजय जोगदंडे, जिलाधिकारी पिथौरागढ़…..
महाराष्ट्र ठाणे जिले से अपनी स्कूली शिक्षा दीक्षा पूरी करने वाले पिथौरागढ़ जिले के डीएम विजय जोगदंड ने बताया कि 10वीं और 12वीं में उनके ऊपर भी परीक्षा परिणामों का बेहद दबाव था लेकिन जीवन में आगे जाकर उन्होंने यह महसूस किया है कि परीक्षा परिणाम केवल हमारे एकमात्र वर्ष और उसके सिलेबस का परिणाम होता है ना कि हमारे पूरे व्यक्तित्व का आकलन उसे किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि छात्र को हमेशा सकारात्मक रहना चाहिए। 1. परीक्षा में अगर उम्मीद के मुताबिक नंबर ना आए तो उससे बिल्कुल भी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए उन्होंने। कहा कि जीवन में कई परीक्षाएं आती है और हमें हर परीक्षा से कुछ सीखकर अगली परीक्षा के लिए बेहतर करना होता है और यह जरूरी नहीं कि अगर किसी परीक्षा में हम कमजोर रह गए तो जीवन में सफल नहीं हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि जीवन में सफल होने के लिए हमें निरंतर प्रयासरत और परिश्रमी होना जरूरी है।
Also Read:–Hans foundation: भोले जी महाराज के जन्मदिन पर जनहित में 100 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण…