बीजेपी ने उत्तराखंड में 59 सीटों पर प्रत्याशी तो घोषित कर दिए हैं लेकिन साथ ही साथ टिकटों के आबंटन के बाद भाजपा के लिए एक नई समस्या और खड़ी हो गई है। दरअसल ऐसी कई विधानसभाएं है जंहा पर भाजपा से टिकट कटने के बाद भी भाजपा का कार्यकर्ता मैदान में डटा है और चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं।
BJP’s own workers will increase the problems of BJP
आगामी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए भाजपा द्वारा जारी की गई 59 प्रयाशियों की सूची में कई ऐसी विधानसभाएं है जंहा पर भाजपा कार्यकर्ता टिकट आबंटन से खुश नही है। कई दावेदारों का मानना है कि जो कि प्रबल दावेदार था उसे टिकट ना दे कर किसी ऐसे को टिकट दिया गया है जो कि ठीक नही है। कब ऐसे नाराज कार्यकर्ता अपने प्रत्याशी को अलग से चुनाव लाडवा रहे है जो कि भाजपा के पत्याशी के लिए भी नुकसानदेह रहने वाला है। ऐसी एक दो नही बल्कि कई विधानसभाएं है जंहा पर भाजपा का ही कार्यकर्ता अपने भाजपा के साथियों के साथ निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं।
इन सीटों पर भाजपा को दिक्कत
18 धरमपुर विधानसभा – वीर सिंह पवांर
देहरादून जिले की धर्मपुर विधानसभा पर वीर सिंह पवार पहाड़ी मूल के एक ऐसे नेता है जोकि पहाड़ी वोटरों का एक मजबूत जनाधार रखते हैं। वीर सिंह पवार की धर्मपुर विधानसभा से भाजपा की तरफ से मजबूत दावेदारी थी लेकिन सीटिंग विधायक विनोद चमोली की वजह से उनका बीजेपी से टिकट कट गया है लेकिन उनका कहना है कि उनकी तैयारी बेहद जोरदार है और इससे पहले भी कई बार दावेदारी कर चुके हैं लेकिन हर बार उनका टिकट काटा गया था। वीर सिंह पवार का कहना है कि वह लंबे समय से पार्टी के लिए काम कर रहे हैं लेकिन धर्मपुर विधानसभा पर लगातार पार्टी एक ही व्यक्ति पर भरोसा कर रही है इसलिए इस बार वह अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे और अपने मजबूत जनाधार के बलबूते जीत कर दिखाएंगे।
21 देहरादून कैंट विधानसभा- दिनेश रावत
कैंट विधानसभा से भाजपा के कर्मठ कार्यकर्ता दिनेश रावत जो कि राज्य आंदोलनकारी भी रह चुके हैं और लगातार कैंट विधानसभा में सक्रिय थे इनकी भी कैंट विधानसभा से भाजपा के टिकट पर दावेदारी थी लेकिन भाजपा ने कैंट विधानसभा से दिवंगत विधायक हरबंस कपूर की पत्नी सविता कपूर को टिकट दिया जिस पर दिनेश रावत बेहद नाराज हैं और उनका कहना है कि यह परिवारवाद को बढ़ावा देता है दिनेश रावत का कहना है कि हरबंस कपूर उनके आराध्य थे और उन्होंने हरबंस कपूर के साथ मिलकर पार्टी के लिए बहुत काम किया है लेकिन दुर्भाग्य से अब हरबंस कपूर जी हमारे साथ नहीं है तो उनके उत्तराधिकारी के रूप में दिनेश रावत को टिकट दिया जाना चाहिए था लेकिन टिकट उनके परिवार में दिया गया जोकि सक्रिय भी नहीं है और इससे पार्टी की अपनी परिपाटी खराब हुई है उसे पार्टी की छवि धूमिल हुई है उनका कहना है कि वह पिछले लंबे समय से पार्टी के लिए काम कर रहे हैं लेकिन अब वह निर्दलीय चुनाव लड़ कर आधार का परिचय देंगे।
14 धनोल्टी विधानसभा- महावीर रांगड़
टिहरी जिले की धनोल्टी विधानसभा मैं भी इस बार भाजपा की मुश्किलें बढ़ी हुई है क्योंकि धनोल्टी विधानसभा में अभी कुछ समय पहले ही भाजपा में आये निर्दलीय विधायक प्रीतम पंवार को टिकट दिया है तो वही पहले से धनोल्टी में सक्रिय नेता और पूर्व विधायक महावीर रांगड़ पार्टी के इस निर्णय से बेहद नाराज हैं और उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। महावीर रांगड़ का कहना है कि धनोल्टी विधानसभा में भाजपा के जितने कर्मठ कार्यकर्ता है वह अपने बीच का भाजपाई नेता चाहते हैं और यही वजह है कि उनके साथ भाजपा के सभी कार्यकर्ता है। वहीं दूसरी तरफ पार्टी द्वारा तय किए गए प्रत्याशी प्रीतम पंवार का कहना है कि पार्टी ने उन्हें प्रत्याशी घोषित किया है और उनकी श्रद्धा पार्टी के प्रति है। उनका कहना है कि सबको मिलकर पार्टी को आगे बढ़ाने का काम करना चाहिए। पार्टी हमेशा सबका ख्याल रखती है साथ ही उन्होंने भी पार्टी को मजबूत करने का दावा भी किया है।
करणप्रयाग और देवप्रयाग में भी भाजपा के लिए मुश्किल
कर्णप्रयाग विधानसभा पर भाजपा द्वारा तय की गई प्रत्याशी के खिलाफ भाजपा के ही कार्यकर्ता टीका प्रसाद मैखुरी ने चुनाव लड़ने की बात कही है। अपना टिकट कटने के बाद टीका प्रसाद मैखुरी बेहद दुखी थे उनका कहना है कि वह पार्टी के एक गरीब कार्यकर्ता है यही वजह है कि उनकी कहीं पर सुनवाई नहीं हुई है टीका प्रसाद मैखुरी का कहना है कि वह पार्टी के लिए पूरे तन्मयता से लगे रहे हमेशा खुद से आगे अपनी पार्टी को रखा लेकिन पार्टी ने उनके लिए नहीं सोचा और उनका टिकट काट दिया और अब वह भी निर्दलीय चुनाव लड़ कर अपने आप को साबित करेंगे वहीं इसी तरह से देवप्रयाग में भी पार्टी ने सिटिंग विधायक विनोद कंडारी पर को अपना प्रत्याशी बनाया है तो वही भाजपा के कार्यकर्ता मगन सिंह बिष्ट पार्टी के इस निर्णय से नाखुश हैं और उन्होंने चुनाव लड़ने का फैसला लिया है।