देहरादून के जॉली ग्रांट एयरपोर्ट से उड़ान भरने और उतरने वाले विमान को पक्षी टकराने (Bird Hit Risk In Dehradun) के खतरे का सामना करना पड़ रहा है। वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट 6 महीने के अध्ययन के बाद इस नतीजे पर पहुंचा है कि कंसारो और केशवपूरी बस्ती में बने कूड़े डंपिंग जोन के ऊपर पक्षी काफी ऊंचाई तक उड़ाते हैं। यह विमान से टकराकर कभी भी बड़े हाथ से कौन नेता दे सकते हैं |
Bird Hit Risk In Dehradun
जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर विमान को उड़ान भरने और उतरने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल एयरपोर्ट के उपर काफी ऊंचाई पर कई प्रकार के पक्षी उड़ान भरते है, जिसके कारण विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने का खतरा बढ़ जाता है।
एयरपोर्ट के टेक ऑफ और लैंडिंग जोन में आते है Garbage Dumping Zone | Bird Hit Risk In Dehradun
वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ने 6 महीने के अध्ययन के बाद कंसारो और केशवपूरी बस्ती को चिन्हित किया है। यह दोनों जगह विमान के लैंडिंग और टेक ऑफ जॉन में आते हैं। देहरादून के स्थानीय प्रशासन नके द्वारा पहले ही कूड़ा डंपिंग जोन को शिफ्ट करने की सिफारिश की है, जिसपर प्रशासन द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया है।
तीनों तरफ से घने जंगलों से घिरा जौलीग्रांट एयरपोर्ट | Bird Hit Risk In Dehradun
जॉली ग्रांट एयरपोर्ट तीनों तरफ से घने जंगलों से घिरा हुआ है राजा जी नेशनल पार्क एयरपोर्ट के पास में है इस क्षेत्र में कूड़ा डंपिंग जोन भी है यहां पर मरे हुए जानवरों को भी फेंका जाता है और जंगल के अंदर शिकारी भी अपने शिकार को आधा खाकर छोड़ देते हैं जिस कारण एयरपोर्ट के पास कई तरह के पक्षी आसमान में उड़ते रहते हैं इनमें बड़ी संख्या में मांस खाने वाले पक्षी होते हैं जो आकार में बड़े और काफी ऊंचाई तक उड़ सकते हैं जिनके विमान से टकराने से बड़ा हादसा होने का खतरा बना रहता है।
एयरपोर्ट प्रशासन बैठक में कई बार उठा चुका समस्या | Bird Hit Risk In Dehradun
जॉली ग्रांट एयरपोर्ट प्रशासन भी इस मामले को बेहद गंभीरता से लेता है। एयरपोर्ट प्रशासन एयरपोर्ट पर होने वाली पर्यावरण समिति की बैठक में बर्ड हीटिंग के मामले को कई बार उठा चुका है, एयरपोर्ट प्रशासन ने जिला प्रशासन को भी कई बार इस समस्या से बाबत पत्र लिखा, लेकिन अभी तक स्थिति में कोई सुधार नहीं आया है।
यह पक्षी बरते लंबी उड़ान | Bird Hit Risk In Dehradun
वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट के द्वारा चयनित किए गए डोईवाला में सॉन्ग नदी के किनारे केशव पूरी बस्ती में बना नगर पालिका का कूड़ा डंपिंग जोन और राजाजी नेशनल पार्क में कांसरो रेंज के क्षेत्र में तोता, कबूतर, चील, बाज, धनेश पक्षी, बगुला, हिमालय ग्रिफिन गिद्ध लंबी उड़ने भरते हैं। जिसके कारण विमान के हादसा होने का खतरा बढ़ जाता है।
पक्षी भागने के लिए एयरपोर्ट प्रशासन मंगाएगा नए डिवाइस | Bird Hit Risk In Dehradun
जॉली ग्रांट एयरपोर्ट प्रशासन एयरपोर्ट पर बर्ड हित की घटनाओं को देखते हुए ऐसे नए डिवाइस मनाने की तैयारी में है जिससे एक ही समय पर अलग-अलग आवाज निकाल कर पक्षियों को भगाया जा सके। एयरपोर्ट पर रनवे के किनारे ऑपरेशन टाइम में 10 से 12 लोगों को मुस्तैद किया जाता है। जोन गन और बर्ड लेजर गन से पटाखे की आवाज निकाल कर ऊंचाई पर आवाज करने वाले पटाखे और रिफ्लेक्स रिबन लगाए गए हैं।
एयरपोर्ट के निदेशक ने नए डिवाइस मनाने की दी जानकारी | Bird Hit Risk In Dehradun
जॉली ग्रांट एयरपोर्ट निदेशक प्रभाकर मिश्रा ने नए डिवाइस मंगाए जाने की जानकारी देते हुए बताया कि वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ने 6 महीने की रिसर्च के बाद डोईवाला और कंसारो, दो स्थानों को चिन्हित किया है। जहां पक्षियों की मूवमेंट सबसे ज्यादा देखी गई है। बर्ड हित के खतरे को कम करने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं। इसके अलावा एक नई डिवाइस भी बर्ड हित को रोकने के मंगाई जा रही है।