corruption in Uttarakhand

वन विभाग के दो और आईएफएस अधिकारी पर जांच की तलवार लटक रही है। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने इसको लेकर बयान दिया है की उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्रावली भेजी है।

Allegations of corruption against Uttarakhand’s IfS officer

Uttarakhand forest department
Uttarakhand forest department

जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली धामी सरकार ने भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने की कवायद शुरू कर चुकी है। जहां बीते दिन आईएसएस किशन चंद्र पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप पर विजिलेंस टीम चार्टशीट दाखिल करने जा रही है। इसके साथ ही किशन चंद्र के वीआरएस पर भी रोक लगा दी है। तो वहीं, वन विभाग के दो और आईएसएस अधिकारियों पर भी जल्द ही कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है। दरअसल, वन विभाग के दो और आईएफएस अधिकारियों को अनिवार्य वीआरएस की पत्रावली को मुख्यमंत्री के अनुमोदन के लिए भेजा जा चुका है।

 

लिहाजा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पत्रावली पर अनुमोदन के बाद इन दो आई एफ एस अधिकारियों को अनिवार्य वीआरएस दिलाया जाएगा। इस पूरे मामले पर राज्य के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि वन विभाग में किसी भी तरह का भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। लिहाजा जो भ्रष्टाचार हुए है उन पर भी जांच कर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही दोषी अधिकारियों को कड़ी सजा दी जाएगी। मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि विभाग के दो अधिकारियों, जिस पर जांच के लिए कहा गया है उनके अनिवार्य वीआरएस की पत्रावली मिली थी, जिसपर मुख्यमंत्री को अनुमोदन के लिए कहा गया है।

Subodh uniyal
Sunodh uniyal

लिहाजा मुख्यमंत्री का अनुमोदन मिलते ही बड़ी कार्यवाही शुरू हो जाएगी। इसके अलावा जो अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त है और वीआरएस लेना चाहते थे उनके वीआरएस को भी रद्द करने का निर्णय लिया गया है। आपको बता दें कि आईएफएस अधिकारी किशन चंद के खिलाफ विजिलेंस जांच की संस्तुति राज्य सरकार ने दी है, जिस पर केंद्र को अंतिम निर्णय लेना है। साथ ही राज्य सरकार वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी कार्रवाई की तैयारी कर रही है जिस पर भी अंतिम निर्णय जल्द ही लिया जा सकता।