ऋषिकेश के AIMS अस्पताल में 2019 में हुए उपकरण खरीद घोटाले में बुधवार को कार्यवाही करते हुए एडिशनल प्रोफेसर सहित आठ लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है तो वहीं बुधवार को सीबीआई की टीम ऋषिकेश में इस संबंध में जांच के लिए पहुंची |
AIMS Equipment Purchase Scam
2019 का है मामला | AIMS Equipment Purchase Scam
ऋषिकेश के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में 2019 में हुए उन्नत वेसल सीलिंग उपकरणों की खरीद में करोड़ों रुपए का घोटाला किया गया था। इस मामले में एम्स के एक वरिष्ठ अधिकारी के अलावा उपकरण मुहैया कराने वाली दो कंपनियों और उनके अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
31 मार्च को हुई थी जांच | AIMS Equipment Purchase Scam
देहरादून के अपराध निरोध शाखा के एडिशनल एसपी सतीश कुमार राठी ने 21 अगस्त को मुकदमा दर्ज कराया था जिसमें बताया गया था कि उपकरण खरीद में भारी वित्तीय अनियमितता की शिकायत के बाद CBI अपराध निरोधक शाखा और एम्स के अधिकारियों ने 31 मार्च 2023 को जांच की थी।
जांच में पता चला था कि एम्स ऋषिकेश में उन्नत वेसल सीलिंग उपकरण की खरीद के लिए 8 जनवरी 2019 से 22 फरवरी 2019 के बीच टेंडर प्रक्रिया की गई थी जिसमें एम्स ऋषिकेश में कार्यरत माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एडिशनल प्रोफेसर बलराम की उमर को खरीद अधिकारी और समन्वयक के रूप में नियुक्त किया गया था।
जांच में सामने आई कई महत्वपूर्ण बातें | AIMS Equipment Purchase Scam
बुधवार को सीबीआई के द्वारा एम्स ऋषिकेश में की गई जांच मैं यह बात सामने आई कि एम्स ऋषिकेश में निविदा शर्तों को तप कर रखते हुए कम बोली लगाने वाले आरोग्य इंटरनेशनल कंपनी से साथ उन्नत फैशन सीलिंग उपकरण 55,38,312.70 रुपए प्रति यूनिट की दर से कुल 38,76,81,88.93 रुपए में खरीदे गए थे। जबकि इससे पहले एम्स ऋषिकेश ने यही उपकरण 19,92,480 रुपए प्रति यूनिट के दर से खरीदे थे। तो वही दूसरी कंपनी मेसर्स रिया एजेंसीज से भी एम्स ऋषिकेश ने 7 उन्नत वेसल सीलिंग उपकरण को 54,82,852 प्रति यूनिट की दर से 38,87,99,69.53 रुपए में खरीदे थे।
फर्जी कंपनी से खरीदे उपकरण | AIMS Equipment Purchase Scam
सीबीआई जांच में यह भी खुलासा हुआ कि मेसर्स रिया एजेंसी एक फर्जी कंपनी है यह कंपनी ना तो निर्माता और ना ही अधिकृत वितरक है। मेसर्स कंपनी ने कभी किसी सरकारी या प्रतिष्ठित निजी संगठन को किसी तरह के उपकरण नहीं बेचे थे और साथ ही यह भी सामने आया की करोड़ की लागत से खरीदे गए करोड़ों का 3 सालों तक कोई उपयोग नहीं किया गया। इस खरीद में लगभग 6.57 करोड रुपए से ज्यादा पैसों का घोटाला किया गया था।
इन व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा | AIMS Equipment Purchase Scam
एम्स के माइक्रो बायोलॉजी विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ बलराम जी ओमर, मैसेज आरोग्य इंटरनेशनल, सेंट्रल मार्केट, प्रशांत विहार, नई दिल्ली और उसके साझेदार सुमन वर्मा और विश्ववीर वर्मा, निवासी पीतमपुरा, नई दिल्ली के साथ ही मेसर्स रिया एजेंसीज, ट्रांसपोर्ट नगर, जोधपुर, राजस्थान और उनके पार्टनर निखिल कुमार निवासी महादेव रोड, नई दिल्ली, आदित्य कुमार निवासी जगसारा, हरदोई, उत्तर प्रदेश और एक अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार को सीबीआई की टीम ने मुकदमे में नामजद एम्स के एडिशनल प्रोफेसर बलराम जी ओमर और एक अन्य को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया गया है लेकिन इस बात की अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। आपको बता दे की सीबीआई के अनुसार एडिशनल प्रोफेसर बलराम जी ओमर से पूछताछ से कई बड़े खुलासे हो सकते है।
इन धाराओं में दर्ज हुए मुकदमे |AIMS Equipment Purchase Scam
- भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम
- अपराधिक षड्यंत्र रचने
- धोकाधंडी
- लोक सेवक के लिए अनुचित लाभ प्राप्त करना
यह धाराएं एम्स के बारिश अधिकारी और उपकरण उपलब्ध कराने वाली दो कंपनियों और उनके अधिकारियों के खिलाफ दर्ज की गई है।